निप्पॉन इंडिया म्युचुअल फंड में मुख्य निवेश अधिकारी (इक्विटी) शैलेश राज भान
बाजार कैलेंडर वर्ष 2025 की दूसरी छमाही में रिकॉर्ड ऊंचाई के करीब पहुंच चुके हैं। निप्पॉन इंडिया म्युचुअल फंड में मुख्य निवेश अधिकारी (इक्विटी) शैलेश राज भान ने ईमेल साक्षात्कार में पुनीत वाधवा को बताया कि व्यवस्थित निवेश योजनाओं (एसआईपी) की स्थिर प्रकृति, उच्च नकदी और बाजार के सेंटिमेंट में हाल में हुए सुधार के साथ ही बेहतर आय की उम्मीदें कैलेंडर वर्ष 25 की दूसरी छमाही में भी घरेलू निवेश में मददगार बन सकती हैं। मुख्य अंश…
कैलेंडर वर्ष 25 की दूसरी छमाही में निवेशकों को किन प्रमुख जोखिमों को लेकर सतर्क रहना चाहिए?
बड़े भू-राजनीतिक घटनाक्रम के कारण वैश्विक वृद्धि की दर को चुनौती का सामना करना पड़ सकता है। यह प्रमुख जोखिम है। अगली तीन से चार तिमाहियों में आय वृद्धि में सुधार भी अहम होगा, खासकर भारतीय मिड और स्मॉलकैप शेयरों के लिए। अगर निवेशकों को खराब नतीजे नजर आए तो कम गुणवत्ता वाले शेयरों की बड़ी मात्रा में आपूर्ति जोखिम के तौर पर उभर सकती है।
क्या मौजूदा स्तर पर मूल्यांकन चिंता का मसला हैं?
जून 2024 से इक्विटी बाजारों ने लगभग नौ महीने मजबूत होने में निकाले हैं। हाल की तेजी को ब्याज दरों में तेज गिरावट, नकदी समर्थन और तेल की कीमतों बड़ी नरमी से समर्थन मिला है। इन सभी के कारण आने वाली तिमाहियों में आय में सुधार की उम्मीदें बेहतर दिखती हैं। 2024-25 की जनवरी-मार्च तिमाही में आय उम्मीदों से थोड़ी ही ज्यादा थी। लेकिन दीर्घकालिक रुझान से कम रही। किसी भी बाजार की रीरेटिंग के लिए आय में 12-15 फीसदी से अधिक की बहाली अहम होगी।
मिडकैप और स्मॉलकैप पर आपका क्या नजरिया है?
हाल में चुनिंदा मिड और स्मॉलकैप शेयरों में गिरावट तेज रही है, क्योंकि उनमें आय ने निराश किया है। हालांकि इन सेगमेंट में कीमतें काफी अच्छी हैं लेकिन खरीद और बेच का समय तय करने की कोशिशों से लंबी अवधि में खराब नतीजे मिल सकते हैं। मिड और स्मॉलकैप में एसआईपी निवेशकों को अस्थिरता का फायदा उठाने में मदद कर सकते हैं। मौजूदा माहौल में एसआईपी सहभागिता का सबसे अच्छा तरीका है। वृद्धि की उम्मीदें धीरे-धीरे सुधार की राह पर हैं।
तीन अग्रणी क्षेत्र जो बाजार को रफ्तार देने में मददगार हो सकते हैं?
बैंकिंग, वित्तीय सेवाएं और बीमा, दवा और कंज्यूमर डिस्क्रिशनरी क्षेत्र अनुकूल वृद्धि-मूल्यांकन समीकरण के कारण अच्छी स्थिति में हैं। विवेकाधीन खर्च को घटती ब्याज दरों और कर कटौती से लाभ मिल सकता है। हालांकि सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) सेवाओं में चुनौतियां बनी हुई हैं, खासकर वृद्धि के मसलों और कृत्रिम बुद्धिमत्ता में तेजी से हो रही प्रगति के कारण।
कैलेंडर वर्ष 25 की बाकी अवधि में विदेशी संस्थागत निवेश और देसी संस्थागत निवेश कैसा रहने की संभावना है?
एफआईआई निवेश मजबूत रहने की उम्मीद है, खासकर तब जबकि भारतीय इक्विटी स्वामित्व में उनकी हिस्सेदारी कुछ साल पहले के 25 फीसदी से घटकर 18 फीसदी से नीचे आ गई है। एसआईपी की स्थिर प्रकृति (औसतन 3 अरब डॉलर प्रति माह) उच्च नकदी, बेहतर आय की उम्मीदों और बाजार के सेंटिमेंट में सुधार कैलेंडर वर्ष 25 की दूसरी छमाही में घरेलू निवेश में मददगार बने रह सकते हैं।
क्या आपको लगता है कि अगले कुछ महीनों में खुदरा निवेश शेयर बाजार के बजाय आईपीओ की ओर जाएगा?
नए इश्यू के लिए निवेशकों की स्वाभाविक इच्छा अभी भी बहुत ज्यादा है, खास तौर पर तेजी वाले बाजार में। यह पिछले एक या दो साल में आईपीओ और एफपीओ के अपेक्षाकृत खराब प्रदर्शन के बावजूद है, जिसकी वजह कमजोर आय वृद्धि रही है। आने वाले इश्यू की बड़ी तादाद इस क्षेत्र में रफ्तार और दिलचस्पी बनाए रखेगी।
सार्वजनिक क्षेत्र के शेयरों पर आपकी क्या राय है?
सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों ने निजी क्षेत्र के अपने समकक्षों की तुलना में कमजोर प्रदर्शन किया है। इसलिए उनका मूल्यांकन ज्यादा उचित है। हाल के भू-राजनीतिक घटनाक्रम के बाद रक्षा शेयरों ने मजबूत रिटर्न दिया है और अल्पावधि में होने वाली बढ़त के अधिकांश हिस्से को समाहित कर लिया है। विकास क्षमता के सापेक्ष उनके मौजूदा मूल्यांकन को देखते हुए पावर यूटिलिटीज बेहतर स्थिति में हैं।