रिलायंस इंडस्ट्रीज (आरआईएल) के शेयर की कीमत शुक्रवार को बीएसई पर 3.18 फीसदी बढ़कर 1,249 रुपये पर पहुंच गई। इसकी वजह विभिन्न ब्रोकरेज फर्मों का शेयर की लक्षित कीमत बढ़ाकर 1,600 रुपये करना रहा। देश की सबसे मूल्यवान सूचीबद्ध कंपनी ने शुक्रवार को सेंसेक्स के शेयरों में सबसे ज्यादा बढ़त दर्ज की जबकि बेंचमार्क दिन के अंत में मामूली गिरावट के साथ बंद हुआ।
आरआईएल शेयर का कारोबार लगातार तीसरे कारोबारी सत्र में बढ़त के साथ हुआ। इस दौरान इसमें 7.5 फीसदी की तेजी आई। सोमवार 3 मार्च 2025 को आरआईएल का शेयर 52 सप्ताह के निचले स्तर 1,156 रुपये पर चला गया था। हालांकि, पिछले छह महीनों में रिलायंस के शेयर ने बाजार के मुकाबले कमजोर प्रदर्शन किया है और बीएसई सेंसेक्स में 8.4 फीसदी की गिरावट के मुकाबले इसमें 14.7 फीसदी की गिरावट आई है।
वैश्विक ब्रोकरेज फर्म मैक्वेरी ने आरआईएल को ‘आउटपरफॉर्म’ रेटिंग दी है और शेयर का लक्ष्य 1,500 रुपये का दिया है। ब्रोकरेज फर्म के अनुसार पिछले एक साल में आरआईएल का प्रदर्शन एमएससीआई इंडिया से 18 फीसदी और भारती एयरटेल से 60 फीसदी कमजोर रहा है।
ब्रोकरेज फर्म ने एक नोट में कहा, हालांकि हम अगले 6-12 महीनों में वृद्धिशील सकारात्मक श्रृंखला को देखते हुए शेयर को अपग्रेड कर रहे हैं। वित्त वर्ष 23-25 में सालाना चक्रवृद्धि के हिसाब से मात्र 2 फीसदी प्रति शेयर आय (ईपीएस) के मुकाबले वित्त वर्ष 25-27 में 15-16 फीसदी ईपीएस सीएजीआर का हमारा अनुमान है। प्रमुख उत्प्रेरकों में बेहतर आय की रफ्तार, जियो प्लेटफॉर्म की संभावित लिस्टिंग और नई ऊर्जा क्षमताओं का धीरे-धीरे चालू होना शामिल हैं।
इस बीच, कोटक इंस्टिट्यूशनल इक्विटीज के विश्लेषकों का मानना है कि कमजोर खुदरा मांग आरआईएल के शेयर के कमजोर प्रदर्शन का मुख्य कारण थी। आगे के लिए उन्हें उम्मीद है कि स्टोरों को तर्कसंगत बनाने का चक्र जल्द ही पूरा हो जाएगा। हालांकि, रूस पर बढ़ी हुई पाबंदी और अमेरिका के जवाबी शुल्क के असर ने रिफाइनिंग के परिदृश्य को कमजोर कर दिया है।
ब्रोकरेज फर्म के विश्लेषकों ने कहा, आरआईएल के शेयर मूल्य में उल्लेखनीय सुधार के साथ जोखिम-प्रतिफल ज्यादा अनुकूल हो गया है। खुदरा कारोबार में अगली कुछ तिमाहियों में सुधार की संभावना है। दूरसंचार कारोबार के आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) की समयसीमा (और उससे पहले टैरिफ में एक और बढ़ोतरी) की खबरें उछाल दे सकती हैं। उन्होंने आरआईएल को और खरीदने की रेटिंग दी है और शेयर का लक्ष्य 1,400 रुपये (पहले 1,435 रुपये) रखा है।
विश्लेषकों ने एक स्टॉक अपडेट रिपोर्ट में कहा, हमने वित्त वर्ष 2026-27 के परिचालन लाभ अनुमान को 1-3 फीसदी तक घटा दिया है, जिसकी वजह कम सकल रिफाइनिंग मार्जिन (जीआरएम) अनुमान, दूरसंचार शुल्कों में एक तिमाही की देरी और मामूली रूप से कम खुदरा अनुमान हैं। नरमी के बावजूद हम वित्त वर्ष 2024-27 में 11 फीसदी सालाना चक्रवृद्धि की रफ्तार से समेकित ईपीएस की उम्मीद करते हैं।
इस बीच, वैश्विक ब्रोकरेज फर्म जेफरीज ने भी कंपनी के खुदरा कारोबार में संभावित सुधार और इसकी दूरसंचार इकाई में संभावित टैरिफ बढ़ोतरी का हवाला देते हुए 1,600 रुपये की लक्ष्य के साथ आरआईएल को ‘खरीदें’ की रेटिंग दी है। फर्म को उम्मीद है कि आरआईएल के खुदरा क्षेत्र की वृद्धि वित्त वर्ष 26 में 15 फीसदी तक चली जाएगी, जिसे सेम स्टोर की बिक्री में इजाफा और नए स्टोर जोड़ने से मदद मिलेगी।
वित्त वर्ष 2025 की तीसरी तिमाही में स्थिर प्रदर्शन के बावजूद आरआईएल के शेयर पर व्यापार युद्ध के जोखिमों से प्रभावित बाजारों के हालात का असर पड़ा। हालांकि, खास तौर से पेट्रोकेमिकल चक्र व्यापार टकराव से प्रभावित हो सकता है, लेकिन एमके ग्लोबल फाइनैंशियल सर्विसेज के अनुसार यह पिछले कुछ समय से शांत है।