भारत के एयरोस्पेस और रक्षा कौशल को प्रदर्शित करने वाली विमानन क्षेत्र की प्रमुख प्रदर्शनी एयरो इंडिया ने इस क्षेत्र के शेयरों को सुर्खियों में ला दिया है। विश्लेषकों का मानना है कि एक्सपो से क्षेत्र की दीर्घावधि विकास संभावनाओं में सुधार आएगा।
एचडीएफसी सिक्योरिटीज में रिटेल रिसर्च के प्रमुख दीपक जसानी ने कहा, ’98 देशों की करीब 809 कंपनियां एयरो इंडिया 2023 में हिस्सा ले रही हैं। इसमें 75,000 करोड़ रुपये के 251 समझौते होने की संभावना है। इससे रक्षा क्षेत्र, खासकर एयरोस्पेस से जुड़ी कंपनियों की राजस्व संभावना में सुधार आएगा।’
13 से 17 फरवरी के बीच आयोजित किए जा रहे इस एक्सपो में एयरबस, बोइंग, दसॉ एविएशन, लॉकहीड मार्जिन, इजरायल एयरोस्पेस इंडस्ट्रीज, ब्रह्मोस एयरोस्पेस, रोल्स-रॉयस, लार्सन ऐंड टुब्रो (एलऐंडटी), भारत फोर्ज, भारत इलेक्ट्रॉनिक्स (बीईएल), भारत डायनेमिक्स (बीडीएल), हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स (एचएएल), और बीईएमएल जैसी कंपनियों ने हिस्सा लिया है।
एचएएल और जनरल एटोमिक्स एयरोनॉटिकल सिस्टम्स इनकॉरपोरेटेड (जीए-एएसआई) ने बुधवार को घोषणा की कि टर्बो-प्रोपलर इंजन भारतीय बाजार के लिए एचएएल के इंजन डिवीजन द्वारा समर्थित होगा।
इसके अलावा, एचएएल और रेस्पोंस प्लस होल्डिंग पीजेएससी भारत और खाड़ी तथा पश्चिम एशिया में आपात चिकित्सा सेवाओं, हेलीकॉप्टर इमरजेंसी मेडिकल सर्विस (एचईएमएस) और अन्य क्षेत्रों में अवसर तलाशेंगी।
दीर्घावधि दांव
विश्लेषकों का मानना है कि इस क्षेत्र में शेयर दीर्घावधि निवेशकों के लिए उपयुक्त दांव हैं। हालांकि अल्पावधि में बजट 2023-24 में रक्षा आवंटन में कुछ नरमी देखी जा सकती है और साथ ही शेयरों के महंगे मूल्यांकन से भी धारणा प्रभावित हो सकती है।
जियोजित फाइनैंशियल सर्विसेज के वरिष्ठ शोध विश्लेषक अनिल आर ने कहा, ‘पिछले तीन वर्षों में, इस क्षेत्र के लिए औसत राजस्व 10-12 प्रतिशत तक बढ़ा, और मुनाफे में 18-20 प्रतिशत तक की तेजी आई। हालांकि हमने इस क्षेत्र पर तटस्थ रेटिंग दी है, क्योंकि आगामी वित्त वर्ष के लिए कुल रक्षा बजट खर्च वित्त वर्ष 2023 के लिए संशोधित अनुमानों से महज 1.5 प्रतिशत तक बढ़ाया गया है। यह क्षेत्र अपने ऐतिहासिक औसत से 30 प्रतिशत ऊपर कारोबार कर रहा है।’
वित्त वर्ष 2024 के बजट में, सरकार ने रक्षा और संबद्ध सेवाओं के लिए 5.94 लाख करोड़ रुपये आवंटित किए हैं, जो वित्त वर्ष 2023 के 5.25 लाख करोड़ रुपये के बजटीय अनुमान से 13 प्रतिशत तक अधिक है। कुल पूंजीगत व्यय 1.62 लाख करोड़ रुपये है जो वर्ष के 1.52 लाख करोड़ रुपये आवंटन की तुलना में 16 प्रतिशत की वृद्धि है। निवेशकों को करीब 1.6 लाख करोड़ रुपये के आवंटन की उम्मीद थी।
1 फरवरी को बजट पेश किए जाने के बाद से बीईएमएल, भारत डायनेमिक्स, एचएएल, और पारस डिफेंस जैसे शेयरों में 15.3 प्रतिशत तक की गिरावट आई है, जबकि बजट से 6 महीने पहले इनमें 10.5 प्रतिशत तक की तेजी आई थी।
निवेश रणनीति
विश्लेषकों का मानना है कि दीर्घावधि निवेशकों को हरेक गिरावट पर रक्षा शेयर खरीदने चाहिए और कुछ तिमाहियों तक इन्हें बनाए रखना चाहिए।
शेयरखान बाई बीएनपी पारिबा में शोध मामलों के सहायक उपाध्यक्ष खदीजा मंत्री ने कहा, ‘सरकार ने स्वदेशीकरण को बढ़ावा देने पर जोर दिया है और वित्त वर्ष 2025 तक 25 अरब डॉलर का निर्यात लक्ष्य रखा है। इससे घरेलू कंपनियों के लिए मजबूत ऑर्डर प्रवाह को बढ़ावा मिलेगा।’