वित्त वर्ष 2023-24 के लिए आम बजट में घोषित पीएम-आवास योजना के अधिक आवंटन, संशोधित कर की श्रेणियों तथा सीमा शुल्क में कटौती जैसे कई उपायों के बाद टिकाऊ उपभोक्ता वस्तु वाली कंपनियां फिर से ध्यान का केंद्र बन गई हैं।
वायर और केबल का विनिर्माण करने वाली कंपनियों से लेकर रसोई की चिमनी की विनिर्माता कंपनियों तक के बारे में विश्लेषकों का मानना है कि दीर्घावधि के दौरान इस कदम से संबंधित शेयरों को फायदा होगा।
ऐक्सिस सिक्योरिटीज में मात्रात्मक इक्विटी अनुसंधान प्रमुख नीरज चडावर ने कहा कि किफायती आवास पर जोर दिया जाना वायर और केबल कंपनियों के लिए सकारात्मक बात है क्योंकि वे आवास विकास की सहायक वस्तुएं होती हैं।
इसके अलावा कैमरा लेंस और इसके इनपुट से संबंधित सीमा शुल्क में बदलाव तथा टेलीविजन पैनल के ओपन सेल सरकार द्वारा आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत इलेक्ट्रॉनिक्स के घरेलू विनिर्माण में मूल्य वर्धित उत्पादों को प्रोत्साहन प्रदान करेंगे।
आम बजट-2023-24 में पीएम-आवास योजना का आवंटन 66 प्रतिशत तक बढ़ाकर 79,000 करोड़ रुपये कर दिया गया है। सरकार ने टीवी पैनल के ओपन सेल के पुर्जों पर सीमा शुल्क पांच प्रतिशत से घटाकर 2.5 प्रतिशत करने का भी प्रस्ताव किया है।
इसके अलावा सेलुलर मोबाइल फोन के कैमरा मॉड्यूल के लिए कैमरा लेंस या इनपुट के हिस्सों पर सीमा शुल्क घटाकर शून्य कर दिया गया, जबकि हीटिंग कॉइल के मामले में इसे घटाकर 15 प्रतिशत कर दिया गया। इस बीच रसोई की इलेक्ट्रिक चिमनियों पर मूल सीमा शुल्क 7.5 प्रतिशत से बढ़ाकर 15 प्रतिशत कर दिया गया।
प्रभुदास लीलाधर के विश्लेषकों का मानना है कि पूरे क्षेत्र में संशोधित सीमा शुल्क से मोबाइल फोन, टीवी पैनल और रसोई की चिमनी की विनिर्माण लागत कम हो जाएगी। इसलिए आगे चलकर हैवेल्स, डिक्सन टेक्नॉलोजीज, क्रॉम्प्टन कंज्यूमर, केईआई इंडस्ट्रीज, पॉलीकैब और वोल्टास जैसी कंपनियां को इससे खास तौर पर फायदा मिलने की संभावना है।
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जहां आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज के विश्लेषकों ने इन उपायों से लाभ के लिए व्हलर्पूल और टीटीके प्रेस्टीज को चुना है, वहीं शेयरखान के विश्लेषकों ने इन्फ्लेम अप्लायंसेज को।
विश्लेषकों ने कहा कि इसके अलावा मौजूदा उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन योजनाएं, विद्युतीकरण परियोजनाओं में अधिक आवंटन और सड़क के बुनियादी ढांचे के कार्यों से भी टिकाऊ उपभोक्ता वस्तुओं वाली कंपनियों की किस्मत चमकने की संभावना है।