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लेकिन ऑर्किड फार्मा पैसों के इंतजाम में जुटी

Last Updated- December 05, 2022 | 7:40 PM IST

चेन्नई की कंपनी ऑर्किड केमिकल्स ऐंड फार्मास्यूटिकल्स पर कब्जे की रैनबैक्सी की कोशिशों को नाकाम करने के लिए ऑर्किड ने अपने स्तर पर तैयारियां शुरू कर दी हैं।


इस अधिग्रहण से बचने के लिए कंपनी ने कई बड़े संस्थागत निवेशकों का समर्थन हासिल कर लिया है। कंपनी के सूत्रों के मुताबिक इन निवेशकों ने संकट की इस घड़ी में कंपनी के मुख्य प्रमोटर के राघवेन्द्र राव को मदद करने की मंजूरी दे दी है।


सूत्रों के मुताबिक जाहिर है इस तरह की सहमति मौखिक ही होती है और इस मदद में कुछ भी लिखित नहीं है। सूत्रों ने यह भी बताया कि कंपनी को बचाने के लिए आगे आने वालों में कुछ बीमा कंपनियां और कुछ संस्थागत निवेशक हैं।


हालांकि उन्होंने इन मददगारों का नाम बताने से इनकार कर दिया है लेकिन इतना जरूर है कि इन संस्थागत निवेशकों की कंपनी में करीब 38 फीसदी हिस्सेदारी है। इसके अलावा 16 फीसदी हिस्सेदारी प्रमोटरों, उनके परिवार और करीबी लोगों के पास है जो उन्हे समर्थन देंगे ही। अपुष्ट सूत्रों के मुताबिक सोलरेक्स (रैनबैक्सी की नियंत्रित कंपनी)ने अब तक केवल ऑर्किड के 13 फीसदी हिस्सेदारी हासिल की है।


लाइफ इंश्योरेंस कार्पोरेशन ऑफ इंडिया और यूनाइटेड इंडिया इंश्योरेंस कंपनी के पास कंपनी के क्रमश: 4.57 और 2.51 फीसदी हिस्सेदारी है। ये आंकड़े 31 दिसंबर 2007 के हैं जो एक्सचेंज के पास हैं और 31 मार्च 2008 के आंकड़े एक्सचेंज को अभी तक नहीं मिले हैं। कंपनी में जिन प्रमुख संस्थागत निवेशकों की हिस्सेदारी है उनमें गजल इंडस्ट्रियल होल्डिंग (8.48 फीसदी), मैक्वारी बैंक (6.84 फीसदी), हार्पलाइन (4.54 फीसदी) और फिडेलिटी  ट्रस्टी कंपनी (2.73 फीसदी )शामिल हैं।


ऑर्किड के प्रवक्ता ने साफ किया है कि कंपनी को अधिग्रहण से बचाने के लिए अपोलो हॉस्पिटल्स समूह के चेयरमैन प्रताप सी रेड्डी की मदद ली जा रही है। उन्होने कहा कि इस तरह का कुछ भी नहीं हुआ है, हालांकि अपोलो के प्रवक्ता से इस बारे में कोई बात नहीं हो सकी।


उद्योग के जानकारों का कहना है कि कंपनी ने एब्रिविएटेड न्यू ड्रग एप्लिकेशंस (एएनडीए)की बहुत सारी अर्जियां दे रखी हैं और इसी वजह से रैनबैक्सी इस कंपनी पर अपना कब्जा चाहता है।


ऑर्किड के प्रवक्ता ने साफ किया था कि कंपनी के 25 एएनडीए को मंजूरी दी जा चुकी है और 22 और को मंजूरी मिलनी है जिन्हे अगले दो साल में मंजूरी मिल जाएगी। एएनडीए की मंजूरी का मतलब है कि कंपनी को अपनी वह दवा अमेरिकी बाजार में बेचने का लाइसेंस मिल गया है। ऑर्किड के शेयर बुधवार को करीब 3.23 फीसदी गिरकर बंद हुए हैं।

First Published - April 9, 2008 | 11:09 PM IST

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