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आम बजट पर ब्रोकरों का नजरिया

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बीएस संवाददाता
Last Updated- December 11, 2022 | 9:28 PM IST

बजट 2022 के प्रस्तावों को ज्यादातर ब्राकरेज कंपनियों से सकारात्मक प्रतिक्रिया मिली है। इन ब्रोकरों का मानना है कि सरकार ने मांग बढ़ाने के लिए पूंजीगत खर्च के जरिये पर्याप्त रियायत दी है। यहां इस बारे में विस्तार से बताया जा रहा है कि उन्होंने इस बजट को किस नजरिये से देखा है और वे कौन से क्षेत्रों पर उत्साहित और नकारात्मक बने हुए हैं।

एडलवाइस सिक्योरिटीज
इस बजट को राजस्व अनुमानों, खर्च (मांग में कुछ कमजोरी को देखते हुए), केंद्रित (मुख्य तौर पर इन्फ्रास्ट्रक्चर, और नए उद्योग) और कर दृष्टिकोण (कोई बदलाव नहीं) में एक सतर्क बजट के तौर पर माना जा सकता है, जो एक अच्छी बात है। कुल मिलाकर, समेकित मांग के मुकाबले वित्तीय समर्थिन वित्त वर्ष 2023 में कुछ हद तक नकारात्मक बना रहेगा, हालांकि उस सीमा में खर्च का अनुपात पूंजीगत खर्च की ओर झुका हुआ है। हालांकि अनुमान से बेहतर उधारी से बॉन्ड प्रतिफल को बढ़ावा मिला है। इसके अलावा कमजोर वैश्विक मुद्रास्फीति से 2020 का परिदृश्य अनिश्चित बनने की आशंका है। हमने निफ्टी के लिए दिसंबर 2022 का अपना लक्ष्य 18,000 पर बरकरार रखा है। हम आईटी, बैंक, वाहन और कंज्यूमर स्टैपल्स पर ओवरवेट बने हुए हैं।

मॉर्गन स्टैनली
बजट में वृद्घि-समर्थक धारणा को बरकरार रखा गया है, हालांकि इसमें राजकोषीय घाटे के लक्ष्य अनुमान से कुछ कम हैं। वित्तीय घाटे के लिए सरकार के अनुमान वित्त वर्ष 2022 के लिए जीडीपी के 6.9 प्रतिशत और वित्त वर्ष 2023 के लिए 6.4 प्रतिशत के मुकाबले ज्यादा हैं। हम नए पूंजीगत खर्च चक्र पर ध्यान दे रहे हैं और इसलिए, नए लाभ चक्र और आरबीआई से निकासी पर ध्यान दे रहे हैं। ये वित्त, डिस्क्रेशनरी खपत और उद्योग जैसे हमारे ओवरवेट क्षेत्रों के लिए अच्छा संकेत है। हम निर्यातकों और रक्षात्मक (टेक्नोलॉजी, हेल्थकेयर, एनर्जी और मैटेरियल शामिल) पर अंडरवेट बने हुए हैं।

आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज
लाभ और निवेश चक्र का मौजूदा परिवेश 2003-08 के शुरुआती चक्र जैसा दिखता है, जबकि ब्याज दर चक्र में हाल में सुधार आना शुरू हुआ है। बाजार मूल्यांकन एक साल के आधार पर 20.6 गुना के साथ ऊंचा बना हुआ है, जिससे ऊंचे प्रतिफल की उम्मीदें कमजोर दिख रही हैं। हालांकि पूंजीगत खर्च चक्र और संबंधित ऋण वृद्घि से संबंधित शेयर विकास चक्र के शुरुआती चरण में हैं।

मोतीलाल ओसवाल सिक्योरिटीज
वित्त वर्ष 2022 की तरह, सरकार के पास या तो वित्त वर्ष 2023 में ज्यादा खर्च करने या समेकन पर जोर देने का विकल्प होगा। ऐसे सतर्क रुख से प्राप्ति अनुमान उम्मीद से ज्यादा वित्तीय घाटे के मुख्य कारण हैं, और इसलिए वित्त वर्ष 2022/वित्त वर्ष 2023 में उधारी से डेट बाजारों को बढ़ावा मिला। इक्विटी बाजार के नजरिये से बजट में नकारात्मक बदलाव नहीं दिखा है। वित्त वर्ष 2023 में आर्थिक सुधार के साथ साथ टीकाकरण को लेकर हुई प्रगति से मांग में सुधार बरकरार रह सकता है। कच्चे तेल की कीमतें 90 डॉलर के आसपास रहने से भविष्य में मुद्रास्फीति के लिए चुनौती पेश होगी और यह वित्तीय गणित के लिए जोखिम के तौर पर कार्य करेगा। हम बीएफएसआई, आईटी, कंज्यूमर, दूरसंचार, धातु और सीमेंट को पसंद कर रहे हैं, जबकि वाहन तथा ऊर्जा पर अंडरवेट हैं।

प्रभुदास लीलाधर
बाजारों में 2021 जैसी आसान कमाई का चरण अब समाप्त हो गया है और वे 2022 में अस्थिर बने रह सकते हैं। हम ओवरवेट बने हुए हैं और इंजीनियरिंग/पूंजीगत वस्तु और बैंकों पर भारांक बढ़ा रहे हैं। कोविड की लहर कमजोर पडऩे से मांग बढ़ेगी और अपैरल, फुटवियर, मल्टीप्लेक्स, यात्रा एवं पर्यटन, विमानन आदि जैदे सेगमेंट में बदलाव आएगा। निफ्टी के लिए 19,979 का लक्ष्य बरकरार है। खराब परिदृश्य और अस्थिरता बरकरार रहने पर निफ्टी का लक्ष्य 18,183 पर निर्धारित किया है।

First Published : February 2, 2022 | 11:27 PM IST