भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) ने JM Financial को Western Carrier (India) के आईपीओ में लापरवाही के लिए चेतावनी दी है। मामला है Authorised Share Capital की मंजूरी का, जिसे सही समय पर पूरा नहीं किया गया।
क्या हुआ गड़बड़?
Western Carrier के आईपीओ में सब्सक्रिप्शन 13 सितंबर 2024 को शुरू हुआ। लेकिन इस दौरान एक समस्या सामने आई। कंपनी की अधिकृत शेयर पूंजी (Authorised Share Capital) में कमी पाई गई। इसे ठीक करने के लिए कंपनी के बोर्ड ने 15 सितंबर को शेयर पूंजी बढ़ाने की मंजूरी दी, और शेयरधारकों ने 16 सितंबर को इसे मंजूर किया। हालांकि, ये मंजूरी IPO खुलने से पहले ली जानी चाहिए थी, लेकिन इसे बाद में पूरा किया गया।
SEBI ने क्या कहा?
SEBI ने इस गलती को गंभीर गैर-अनुपालन करार दिया और JM Financial को भविष्य में ऐसे मामलों में सावधानी बरतने की चेतावनी दी। SEBI का साफ संदेश था “ऐसी गलतियां दोबारा हुईं तो कार्रवाई होगी।”
JM Financial की गलती कैसे पकड़ी गई?
जब BRLMs (बुक-रनिंग लीड मैनेजर्स) ने SEBI को रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्टस (RHP) में अपडेट के लिए ईमेल भेजा, तब ये गड़बड़ी पकड़ में आई। इसके बाद RHP को तो अपडेट कर दिया गया, लेकिन SEBI ने JM Financial को सुधारात्मक कदम उठाने की हिदायत दी।
JM Financial के शेयरों पर असर
इस खबर का असर सीधे JM Financial के शेयरों पर दिखा। शेयर 2% से ज्यादा टूटकर ₹130.25 पर बंद हुए।
Western Carrier IPO की डिटेल्स
IPO का ऑफर ₹400 करोड़ के फ्रेश इश्यू और 54 लाख शेयरों की ऑफर फॉर सेल (OFS) पर आधारित था। इस तरह की गड़बड़ियां निवेशकों का भरोसा हिला सकती हैं, और SEBI इसे बर्दाश्त नहीं करेगा।