भले ही बाजारों में उतार-चढ़ाव बना हुआ है, लेकिन भारतीय उद्योग जगत में शेयर बिक्री गतिविधि बढ़कर पांच महीने के अपने सबसे ऊंचे स्तर पर पहुंच गई है।
मार्च में अब तक, प्रवर्तक, प्रमुख निवेशक और अन्य बड़े शेयरधारक 33,000 करोड़ रुपये से ज्यादा मूल्य के शेयर बेचने में सक्षम रहे हैं, जो पिछले साल नवंबर के बाद से सबसे बड़ा आंकड़ा है, भले ही बाजार में अनिश्चितता बनी हुई है।
बीएसई के सेंसेक्स और एनएसई के निफ्टी, दोनों ने विपरीत परिस्थितियों के बीच लगातार चौथे महीने मासिक नुकसान की ओर बढ़ रहे हैं। इन सूचकांकों को अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दर को लेकर सख्ती और वैश्विक बैंकिंग संकट जैसे घटनाक्रम से जूझना पड़ा है।
इस महीने के ब्लॉक डील यानी बड़े सौदों की संख्या को अदाणी समूह की चार कंपनियों में अमेरिका की जीक्यूजी पार्टनर्स को की 15,446 करोड़ रुपये की शेयर बिक्री गई की वजह से मदद मिली।
अदाणी समूह कंपनियों के अलावा, अन्य बड़े सौदों में निजी इक्विटी कंपनी ब्लैकस्टोन द्वारा सोना बीएलडब्लयू प्रेसीजन फोर्जिंग्स में 20.5 प्रतिशत हिस्सेदारी बिक्री, सुमितोमो वायरिंग सिस्टम्स द्वारा संवर्द्धन मदरसन इंटरनैशनल में 3.4 प्रतिशत हिस्सेदारी बिक्री, और पीई फर्म टीपी ग्लोबल की कैम्पस ऐक्टिववियर में 7.62 प्रतिशत हिस्सेदारी बिक्री शामिल है।
म्युचुअल फंडों और बीमा कंपनियों जैसे घरेलू संस्थागत निवेशकों (डीआईआई) के साथ साथ फिडेलिटी, सोसियाते जेनेराले और कोपथॉल मॉरिशस जैसे विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) कुछ बड़े सौदों में प्रमुख खरीदार रहे।
ब्लॉक ट्रांजेक्शन स्टॉक एक्सचेंजों द्वारा विशेष ट्रेडिंग व्यवस्था के तहत किए जाने वाले निजी तौर पर मध्यस्थता से जुड़े सौदे होते हैं। ऐसे सौदे अक्सर बाजार भाव के मुकाबले कम कीमत पर होते हैं। ये सौदे किसी शेयरधारक को संस्थागत खरीदारों को बड़ी तादाद में शेयर घटाने में मदद करते हैं।
बैंकरों का कहना है कि ब्लॉक डील्स को इक्विटी बाजारों में लगातार घरेलू प्रवाह के जरिये सक्षम बनाया जाता है। डीआईआई इन प्रवाह की वजह से निवेश योग्य अतिरिक्त रकम बनाए रखने में सक्षम रहे हैं।
मोतीलाल ओसवाल इन्वेस्टमेंट एडवायजर्स में निवेश बैंकिंग के प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्याधिकारी अभिजित टारे का कहना है, ‘डीआईआई लगातार शुद्ध प्रवाह दर्ज कर रहे हैं। फंड प्रबंधक या तो आईपीओ के जरिये नए शेयर खरीद सकते हैं या इन्हें बाद में अपने पोर्टफोलियो में शामिल कर सकते हैं। ये बड़े सौदे प्रवर्तकों या कुछ पीई निवेशकों द्वारा किए जाते हैं।’
विश्लेषकों का कहना है कि बड़े निवेशक दिलचस्पी दिखा रहे हैं, क्योंकि 18 महीने की समय आधारित गिरावट के बाद बाजार में मूल्यांकन सहज हो गए हैं।
ब्लॉक डील के जरिये कोई संस्थागत निवेशक बड़ी तादाद में शेयर खरीद सकता है, जो कि अन्यथा शेयर भाव को प्रभावित किए बगैर संभव नहीं होता है।
सेंट्रम कैपिटल में निवेश बैंकिंग पार्टनर प्रांजल श्रीवास्तव का कहना है कि घरेलू निवेशक इन दिनों सेकंडरी बाजार में खरीदारी में ज्यादा सहज महसूस करते हैं।
जहां बड़े सौदों में तेजी आई है, लेकिन आईपीओ बाजार में अनिश्चितता बनी हुई है। कैलेंडर वर्ष 2023 की पहली तिमाही के दौरान 100 करोड़ रुपये से अधिक मूल्य का सिर्फ एक ही आईपीओ बाजार में आया था।