बहुत ज्यादा प्रतिस्पद्र्धा के बावजूद भारती को अपनी मजबूत बैलेंसशीट, विस्तार और ज्यादा कमाई की हिस्सेदारी की वजह से अपनी दमदार स्थिति को बनाए रखना चाहिए ।
जब से भारती एयरटेल की प्रतिद्वंद्वी कंपनी रिलायंस कम्युनिकेशंस का जीएसएम नेटवर्क लॉन्च हुआ है तब से ऐसी संभावना जताई जा रही है कि भारती एयरटेल के स्टॉक में 20 फीसदी की गिरावट आएगी।
रिलायंस कम्युनिकेशंस का मॉडल किसी भी अवधि के लिए फ्री मिनट्स पर आधारित है लेकिन फिर भी इसके सफल होने की कम ही संभावना है।
शेयर बाजार ने इस बात को महसूस किया, तभी गुरुवार को इसमें सुधार दिखाई दिया और भारत की बड़ी टेलीकॉम कंपनी का शेयर 6 फीसदी बढ़कर 620 रुपये का हो गया।
एयरटेल को अपने वायरलेस बिजनेस से कमाई में बढ़ोतरी हुई। नतीजे जैसे दिखे उसके मुताबिक 8.9 फीसदी की बढ़ोतरी हुई। पहले की तिमाहियों के दौरान 5.3 फीसदी की वृद्धि देखी गई।
वायरलेस सेगमेंट में तेज कारोबार होने की वजह से भारती एयरटेल की कुल कमाई में खासी बढ़ोतरी देखी गई और दिसंबर 2008 की तिमाही में यह 9,633 करोड़ रुपये की रही।
कंपनी के कारोबार में 6.8 फीसदी की दर से लगातार बढ़ोतरी ही बेहतर हो सकती थी लेकिन कंपनी की कमाई में लगातार गिरावट देखी जा रही है।
उसकी वजह है सितंबर की तिमाही में ग्राहकों की बढ़ती संख्या। हालांकि लागत पर कुछ नियंत्रण करने की वजह से ही भारती अपने परिचालन मुनाफे के मार्जिन को 41 फीसदी करने में सक्षम हो सकी। वायरलेस मार्जिन 100 आधार अंक बढ़कर 31.4 फीसदी हो गया।
भारत की बड़ी टेलीकॉम कंपनी दिसंबर 2008 की तिमाही में पूरे उद्योग के मुकाबले बहुत तेज रफ्तार से बढ़ी और इसके शेयर में 24.7 फीसदी की बढ़ोतरी हुई। हालांकि सितंबर तिमाही के मुकाबले इससे 26 फीसदी से थोड़े कम ग्राहक ही जुड़े।
सबसे आश्चर्य की बात संभवत: यह रही कि प्रति ग्राहक औसत कमाई में सीमित गिरावट यानी 2 फीसदी की लगातार गिरावट रही और यह 324 रुपये तक पहुंच गई। टेलीकॉम कंपनी अपने नेटवर्क का विस्तार छोटे शहरों और गांवों तक कर रही है।
हालांकि कीमतों के बढ़ने की जो उम्मीद थी उस पर भी पानी फिर गया और मोबाइल पर बातचीत के मिनट, मिनट्स ऑफ यूसेज (एमओयू) में तेजी से 4 फीसदी की गिरावट देखी गई और यह कम होकर 505 रह गई।
प्रबंधन ने इस बात पर अपनी सफाई दी कि इसने ही खुद ही फ्री कॉल की उस स्कीम को खत्म करने का कदम उठाया है जिनसे कोई मुनाफा नहीं मिल रहा था। अगर इन्होंने ऐसा नहीं किया होता तो सितंबर की तिमाही में एमओयू समान ही होता।
हालांकि इस तरह के कदमों से प्रति मिनट कमाई में 64 पैसे का इजाफा हुआ। भारती ने अपनी ओर से यह साफ कर दिया है कि वह किसी प्राइस वॉर में शामिल नहीं होना चाहती और उसकी रणनीति को बेहतर कदम माना जा सकता है।
निश्चित तौर पर भविष्य में प्रतियोगिता बढ़ती है तो कंपनी की कमाई में कुछ नुकसान हो सकता है। कारोबार के लिहाज से भारती की बैलेंसशीट बहुत मजबूत है। बैलेंसशीट की मजबूती के साथ ही उसके विस्तार और ज्यादा कमाई की हिस्सेदारी भी भारती से जुड़ी हुई है।
इससे भारती के शेयर को बेहतर अंकों पर बने रहने में मदद मिलनी चाहिए। कंपनी पहले से ही डीटीएच में सफलता का परचम लहरा रही है और अब यह वॉयस, डाटा और वीडियो सेवा भी मुहैया करा रही है।