भारत में म्युचुअल फंडों के संगठन (एम्फी) के मुख्य कार्याधिकारी एनएस वेंकटेश ने अभिषेक कुमार के साथ साक्षात्कार में कहा कि म्युचुअल फंड (MF) उद्योग इस दशक के अंत तक 100 लाख करोड़ रुपये की परिसंपत्तियां हासिल करने की राह पर तेजी से बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि उद्योग के विकास के लिए मजबूत नियमन जरूरी है। पेश हैं उनसे हुई बातचीत के मुख्य अंश:
कैलेंडर वर्ष 2022 एसआईपी में पूंजी प्रवाह के लिहाज से अच्छा वर्ष साबित हुआ है। हालांकि 2021 के मुकाबले बदलते बाजार परिवेश की वजह से इसकी रफ्तार वास्तव में कुछ धीमी पड़ी है। इक्विटी बाजार में उतार-चढ़ाव से कारोबारियों में बेचैनी कुछ हद तक बढ़ सकती है।
हम 40 लाख करोड़ रुपये के आंकड़े तक पहुंच गए हैं। चूंकि हम छोटे निवेशकों पर ध्यान दे रहे हैं, इसलिए इस दिशा में काफी किए जाने की जरूरत है। मौजूदा समय में, करीब 200,000 एमएफ वितरक हैं। यह संख्या बढ़कर 700,000-800,000 तक पहुंचाए जाने की जरूरत है। हम वितरक संख्या बढ़ाने के लिए प्रयासरत हैं। मुझे उम्मीद है कि 2027-2028 तक एयूएम बढ़कर दोगुनी हो जाएगी। इस दशक के अंत तक 100 लाख करोड़ रुपये का लक्ष्य हासिल हो सकता है।
नियमन को लेकर गलत कुछ भी नहीं हो रहा है। मजबूत नियमन बाजार के क्रमबद्ध विकास के लिए जरूरी है। इसमें विफल रहने से निवेशकों का भरोसा टूट सकता है। उद्योग के तौर पर हम सेबी द्वारा पेश किए जाने वाले नियमों का स्वागत करते हैं।
एमएफडी करें शुरू अभियान को शानदार प्रतिक्रिया मिली है। इंटर्नशिप स्कीम की गति धीमी बनी हुई है। योजनाओं के क्रियान्वयन के दौरान कुछ एएमसी ने संकेत दिया कि वे बड़ी तादाद में इंटर्न में सफल रहेंगे। सेबी ने हमें 5,000 इंटर्न जोड़ने की अनुमति दी है। हम इस लक्ष्य को हासिल करने की दिशा में काम कर रहे हैं।
हम दो मोर्चों – निवेश जागरूता और वितरण पहुंच में वृद्धि – पर काम कर रहे हैं। निवेशकों के लिए विज्ञापन अभियान पहले से ही चलाए जा रहे हैं और उन्हें अनका अच्छा परिणाम सामने आया है, खासकर सचिन तेंदुलकर और एमएस धोनी के साथ किए गए विज्ञापनों से। निवेशक जागरूकता के लिए हम पारंपरिक बैठकों के साथ साथ इस तरह की कोशिश बरकरार रखेंगे।
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निवेशक जागरूकता कार्यक्रमों के लिए खर्च हर साल बढ़ता है। ‘एमएफडी करें शुरू’ के मामले में कुछ सीमाएं हैं, क्योंकि एम्फी अपने वित्त के जरिये इसे आगे बढ़ा रहा है। लेकिन मेरा मानना है कि इन कार्यकमों के लिए बजट बढ़ेगा।
प्रमुख प्रस्ताव सभी निवेश विकल्पों को समान राह पर लाना है। उदाहरण के लिए, आपको डायरेक्ट डिबेंचर में निवेश इंडेक्सेशन लाभ पाने के लिए सिर्फ एक साल बनाए रखने की जरूरत हो, जबकि डेट फंड निवेशकों को तीन साल इंतजार करना होगा। यदि ये प्रस्ताव अमल में लाए गए तो म्युचुअल फंडों में ज्यादा पूंजी आएगी।