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JSPL को RINL की खरीदारी के लिए दिख रहे बेहतर अवसर

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ईशिता आयान दत्त
Last Updated- December 18, 2022 | 11:17 PM IST

सरकार ने छत्तीसगढ़ के नगरनार में NMDC के स्टील संयंत्र के रणनीतिक विनिवेश के लिए तैयारी शुरू कर दी है। राष्ट्रीय इस्पात निगम (RINL) के प्रस्तावित विनिवेश के लिए उद्योग के साथ पूर्व-बोली चर्चाएं अभी चल रही हैं।RINL, विशाखापत्तनम और आंध्र प्रदेश में भारत का पहला तट-आधारित एकीकृत इस्पात संयंत्र है। जिंदल स्टील ऐंड पावर (JSPL) के प्रबंध निदेशक बिमलेंद्र झा ने एक साक्षात्कार में ईशिता आयान दत्त को बताया कि RINL और NMDC प्रतिस्पर्धी लाभ के साथ आकर्षक संपत्ति हैं। संपादित अंश:

नए साल में स्टील के लिए आपका दृष्टिकोण क्या है?

हमारा प्रयास लंबे चलने वाले उत्पादों के लिए अधिक है लेकिन हमारे पास स्टील की चादर (फ्लैट स्टील) का उत्पादन अधिक मात्रा में होता है। और हम इसमें अच्छा काम कर रहे हैं। देश में इंफ्रास्ट्रक्चर और विनिर्माण पर जोर दिया जा रहा है। साथ ही, चीन द्वारा कोविड प्रतिबंध हटाने के साथ ही पिछले एक सप्ताह में अंतरराष्ट्रीय बाजार में मजबूती आई है। जहां तक भारत की बात है, अब से हमें एक मजबूत मांग देखने को मिलेगी। आमतौर पर, चौथी तिमाही अधिकांश कंपनियों के लिए एक मजबूत तिमाही है। और इसी समय में ही अधिकांश बजटीय आवंटन का उपयोग किया जाता है।

क्या आप जनवरी में कीमतों में वृद्धि देख रहे हैं?

मैं कीमतों में अनुमान लगाने के बजाय मांग को देखूंगा। मांग मजबूत होने वाली है और जहां तक जेएसपीएल का संबंध है, हम मजबूत स्थिति में हैं।

क्या आप जेएसपीएल के विस्तार को लेकर एक निश्चित समय बता सकते हैं?

हमारा विस्तार पहले से ही चल रहा है, जिसके तहत ओडिशा के अंगुल में हमारी उत्पादन क्षमता 1.2 करोड़ टन की हो जाएगी। रायगढ़ (छत्तीसगढ़) में हमारी उत्पादन क्षमता 36 लाख टन की है। ऐसे में वित्त वर्ष 2024 तक हमारी कुल उत्पादन क्षमता 1.56 करोड़ टन हो जाएगी।

2030 के लिए आपका दृष्टिकोण क्या है, जब देश 30 करोड़ टन की उत्पादन क्षमता का लक्ष्य बना रहा है?

1.56 करोड़ टन क्षमता हासिल करने के बाद हमारे पास क्षमता का विस्तार करने के लिए 6 से 7 वर्ष का अतिरिक्त समय बचेगा। इसके लिए क्षमता और विस्तार को लेकर तैयारी अभी भी विचाराधीन है। लेकिन हमारा लक्ष्य दुनिया का सबसे बड़ा संयंत्र तैयार करने का है जो एक ही स्थान पर हो। इस लक्ष्य के तहत अंगुल में उत्पादन क्षमता 2.5 करोड़ टन से अधिक हो जाएगी। ऐसे में हमारे पास कुल मिलाकर 2.7-3 करोड़ टन क्षमता हो जाएगी, क्योंकि कुछ विस्तार रायगढ़ में भी होगा।

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क्या 3 करोड़ टन की उत्पादन क्षमता तक पहुंचने के लिए आपका लक्ष्य अधिग्रहण करना है?

सही कीमत पर क्यों नहीं।

क्या आप एनएमडीसी, आरआईएनएल के लिए बोली लगाने पर विचार करेंगे क्योंकि इनका विनिवेश होने जा रहा है?

ये आकर्षक संपत्तियां हैं और नगरनार हमारे काफी करीब है। आरआईएनएल एक बंदरगाह आधारित संयंत्र है, जिसका मतलब है बाहर से कोकिंग कोल लाने और यहां तक कि यदि आवश्यकता पड़े तो लौह अयस्क लाने के लिए प्रतिस्पर्धात्मक लाभ भी मिलेगा। साथ ही निर्यात करना भी आसान हो जाता है। इसलिए, रणनीति के दृष्टिकोण से, तट पर बड़े इस्पात संयंत्रों का होना बहुत लाभदायक होता है। और तटीय संयंत्र में भविष्य में विस्तार की संभावनाएं विशेष रूप से अच्छी हैं। इसलिए, हम इन अवसरों पर सक्रिय रूप से विचार करने का बहुत अच्छा कारण देखते हैं।

First Published : December 18, 2022 | 10:17 PM IST