टाटा मोटर्स के डीवीआर से सामान्य शेयरों के मुकाबले वाहन निर्माण कंपनी की गिरावट कम होकर नवंबर के शुरू के 40 प्रतिशत रह गई। यह बदलाव इस संभावना पर आधारित था कि डीवीआर और साधारण शेयरों को सेंसेक्स में शामिल किया जाएगा। इन उम्मीदों पर पानी फिर गया क्योंकि सूचकांक में शामिल किए जाने की शर्त में बदलाव के तहत सिर्फ साधारण शेयरों के लिए संभावना बढ़ गई।
नवंबर से, टाटा मोर्स का शेयर सपाट बना हुआ है, जबकि डीवीआर में 14 प्रतिशत की कमी आई है। पिछले पांच साल के दौरान इन दोनों के बीच औसत अंतर फिर से बढ़कर 50 प्रतिशत के आसपास हो गया है। विश्लेषकों का कहना है कि डीवीआर में तरलता चिंता पैदा कर सकती है, क्योंकि सिर्फ साधारण शेयरों को ही सेंसेक्स में जगह मिल है। यदि यह गिरावट बढ़कर 55 प्रतिशत पर पहुंचती है तो विश्लेषक डीवीआर खरीदने पर विचार कर सकते हैं, या 50 प्रतिशत से नीचे जाने पर इसे बेच सकते हैं।
हाल में खुले आईपीओ के लिए ग्रे बाजार में प्रीमियम (जीएमपी) मिश्रित रहा है। सूत्रों के अनुसार, एलिन इलेक्ट्रॉनिक्स के शेयर ने 15 प्रतिशत से ज्यादा जीएमपी के साथ बढ़त बनाई, जबकि केफिन टेक्नोलॉजीज के लिए जीएमपी 5 प्रतिशत से कम है।
एक ब्रोकर ने कहा, ‘पिछले सप्ताह बंद हुए दो आईपीओ को कमजोर प्रतिक्रिया मिली। आईपीओ में निवेशक दिलचस्पी समाप्त होती दिख रही है। नए वर्ष के शुरू में एक या दो बड़े निर्गम बाजार धारणा में पुन: मजबूती ला सकते हैं।’ इलेक्ट्रॉनिक्स निर्माण सेवा कंपनी एलिन का आईपीओ आकार 475 करोड़ रुपये है।
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सूचीबद्ध अस्पताल श्रृंखलाएं निवेशक दिलचस्पी आकर्षित कर रही हैं। महामारी के बाद अपने राजस्व में आए सुधार की वजह से निवेशक इन कंपनियों को पसंद करने लगे हैं। नोमुरा की एक रिपोर्ट में कहा गया है, ‘अस्पतालों में मरीजों के आने-जाने की दर सुधरकर काफी हद तक महामारी-पूर्व स्तरों पर आ चुकी है। हमें उम्मीद है कि यह दर 65 प्रतिशत और 75 प्रतिशत के बीच बनी रहेगी।
एबिटा में भी महामारी-पूर्व स्तरों के मुकाबले सुधार आया है।’जानकारों का मानना है कि इसके अलावा, बड़ी श्रृंखलाओं द्वारा छोटे अस्पतालों के अधिग्रहण और असंगठित क्षेत्र से संगठित खंड में बाजार भागीदारी बढ़ने से भी अस्पताल क्षेत्र में समेकन की गुंजाइश बढ़ी है।