facebookmetapixel
Luxury Cars से Luxury Homes तक, Mercedes और BMW की भारत में नई तैयारीFiscal Deficit: राजकोषीय घाटा नवंबर में बजट अनुमान का 62.3% तक पहुंचाAbakkus MF की दमदार एंट्री: पहली फ्लेक्सी कैप स्कीम के NFO से जुटाए ₹2,468 करोड़; जानें कहां लगेगा पैसाYear Ender: युद्ध की आहट, ट्रंप टैरिफ, पड़ोसियों से तनाव और चीन-रूस संग संतुलन; भारत की कूटनीति की 2025 में हुई कठिन परीक्षाYear Ender 2025: टैरिफ, पूंजी निकासी और व्यापार घाटे के दबाव में 5% टूटा रुपया, एशिया की सबसे कमजोर मुद्रा बनाStock Market 2025: बाजार ने बढ़त के साथ 2025 को किया अलविदा, निफ्टी 10.5% उछला; सेंसेक्स ने भी रिकॉर्ड बनायानिर्यातकों के लिए सरकार की बड़ी पहल: बाजार पहुंच बढ़ाने को ₹4,531 करोड़ की नई योजना शुरूVodafone Idea को कैबिनेट से मिली बड़ी राहत: ₹87,695 करोड़ के AGR बकाये पर लगी रोकYear Ender: SIP और खुदरा निवेशकों की ताकत से MF इंडस्ट्री ने 2025 में जोड़े रिकॉर्ड ₹14 लाख करोड़मुंबई में 14 साल में सबसे अधिक संपत्ति रजिस्ट्रेशन, 2025 में 1.5 लाख से ज्यादा यूनिट्स दर्ज

Analysts defensive stance: चुनाव नतीजों के बाद भारत पर ‘रक्षात्मक’ हुए विश्लेषक

विश्लेषक चुनाव परिणामों की वजह से बड़े आय डाउनग्रेड की आशंका नहीं जता रहे हैं।

Last Updated- June 05, 2024 | 10:41 PM IST
Stock Market

मंगलवार को आए चुनाव नतीजों में भाजपा को बहुमत से थोड़े कम का जनादेश मिलने पर कई विश्लेषकों ने भारत को लेकर रक्षात्मक रुख अपनाना शुरू कर दिया है। नई सरकार की नीतिगत निरंतरता और प्रशासनिक स्थायित्व को लेकर उनकी आशंका बढ़ गई है।

उनका कहना है कि भाजपा-नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार के बने रहने की संभावना है लेकिन उसके कमजोर बहुमत के कारण नीतिगत अनिश्चितता और सुधारों की रफ्तार में सुस्ती आ सकती है।

एमके ग्लोबल के विश्लेषकों ने कहा, ‘हम आम चुनाव में विपरीत परिणामों के बाद बाजारों को लेकर रक्षात्मक हो गए हैं क्योंकि भाजपा को स्पष्ट बहुमत नहीं मिला है। जून 2022 के लिए हमने निफ्टी का लक्ष्य घटाकर 22,000 कर दिया है जो अगले एक साल के दौरान शून्य रिटर्न का संकेत है। हमें लगता है कि बढ़ती अनिश्चितता की वजह से बाजार की रेटिंग कम हो सकती है।’

विश्लेषक चुनाव परिणामों की वजह से बड़े आय डाउनग्रेड की आशंका नहीं जता रहे हैं। उनका कहना है कि भारत की वास्तविक जीडीपी गठबंधन सरकारों में 6 से 8 प्रतिशत तक बढ़ी है, लेकिन चेतावनी दे रहे हैं कि इससे पीई मल्टीपल में गिरावट को बढ़ावा मिल सकता है, क्योंकि राजनीतिक स्थायित्व और निरंतरता की वजह से भारतीय बाजारों का पीई प्रीमियम अब तक ऊंचा रहा है।

यूबीएस के विश्लेषकों ने भारत पर ‘अंडरवेट’ रेटिंग बरकरार रखी है और कहा है कि भूमि, इन्फ्रास्ट्रक्चर, विनिवेश और कृषि में सुधार लागू करना चुनौतीपूर्ण होगा। राजग ने 532 लोक सभा सीटों में से 292 जीती हैं और अकेले भाजपा को 240 सीटें मिली हैं। इंडिया गठबंधन की झोली में 232 सीटें आईं जिनमें से कांग्रेस की 99 सीटें हैं।

मंगलवार को इक्विटी बाजार में निवेशकों के 31 लाख करोड़ रुपये डूब गए। निफ्टी-50 सूचकांक 6 फीसदी गिरकर 21,885 पर बंद हुआ जो 20 मार्च के बाद उसका सबसे निचला स्तर है। सेंसेक्स भी 4,390 अंक या 5.7 प्रतिशत की गिरावट के साथ 72,079 पर बंद हुआ। यह सूचकांक दिन के कारोबार में लुढ़ककर 70,234 तक चला गया था।

यह मानते हुए कि राजग नई सरकार गठित कर सकता है, विश्लेषकों का कहना है कि वह ऐसा आर्थिक मॉडल अपना सकता है जिसका जोर निवेश और खपत वृद्धि दोनों पर बराबर हो। यह बुनियादी ढांचे पर फोकस करने के सरकार के पुराने रुख के विपरीत होगा। विश्लेषक फार्मास्युटिकल और खपत जैसे रक्षात्मक क्षेत्रों की ओर मुड़ गए हैं। पर केंद्रित नजर आ रहे हैं, क्योंकि अब रिस्क-रिवार्ड आकर्षक नहीं है।

सीएलएसए के विश्लेषकों ने अपनी एक रिपोर्ट में कहा है, ‘खंडित जनादेश हमें यह सोचने पर मजबूर करता है कि क्या नई भाजपा सरकार इसे मतदाताओं की प्रतिक्रिया के रुप में लेगी और अपनी आपूर्ति संबंधित नीति को नरम बनाएगी ताकि ग्रामीण और कृषि क्षेत्र को भी बढ़ावा दिया जा सके।’ उन्होंने राजनीतिक अनिश्चितता को देखते हुए अपने इंडिया पोर्टफोलियो में एलऐंडटी की जगह एचसीएल टेक को शामिल किया है।

उनका कहना है, ‘आईटीसी’ हमारा पसंदीदा स्टैपल्स शेयर बना हुआ है। अब हम बैंकों, जिंस और आईटी के साथ साथ बीमा तथा स्टैपल्स पर भी ‘ओवरवेट’ हैं। हमने ‘मोदी स्टॉक्स’ में अपना निवेश ओएनजीसी और रिलायंस इंडस्ट्रीज तक सीमित किया है।

बजट पर नजर

बाजारों के लिए अगला कारक नई सरकार का आम बजट, वृद्धि को समर्थन देने वाली उसकी नीतिगत प्राथमिकता और सुधार होंगे। कई विश्लेषक यह मान रहे हैं कि सरकार मध्यावधि वित्तीय समेकन के कार्यक्रम से जुड़ी रहेगी। निवेशकों को अब अपने पोर्टफोलियो में आईटी, फार्मा और एफएमसीजी शेयरों को शामिल कर रक्षात्मक दांव पर जोर देना चाहिए।

First Published - June 5, 2024 | 10:41 PM IST

संबंधित पोस्ट