भारत में म्युचुअल फंडों के संगठन (AMFI) ने एक्जीक्यूशन ओनली प्लेटफॉर्म (EOP) के तौर पर पंजीकरण चाहने वाले म्युचुअल फंड (एमएफ) वितरण प्लेटफॉर्मों के लिए 1 करोड़ रुपये की नेटवर्थ सीमा तय की है। भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने डायरेक्ट एमएफ योजनाओं के वितरण में ऑनलाइन प्लेटफॉर्मों को ईओपी बनने के लिए या तो एक्सचेंजों (EOP कैटेगरी-2) या ईओपी कैटेगरी-1 के तौर पर एम्फी के साथ पंजीकृत होना अनिवार्य बनाया है।
ऐसे प्लेटफॉर्मों के लिए जिम्मेदारी और अनुपालन शर्तें निर्धारित करने के अलावा, बाजार नियामक ने उन्हें ट्रांजेक्शन शुल्क वसूलने की अनुमति देकर मुद्रीकरण के लिए भी दरवाजे खोल दिए हैं। हालांकि एम्फी के दिशा-निर्देश में उस अधिकतम शुल्क का जिक्र नहीं किया गया है जो वसूली जा सकती हो।
सितंबर से प्रभावी होने वाले नए नियम ने पंजीकरण दिसंबर से अनिवार्य बना दिया है। एम्फी के साथ ईओपी के तौर पर पंजीकृत होने के बाद प्लेटफॉर्म को अपनी डायरेक्ट योजनाएं ऑनलाइन बेचने के लिए फंड हाउसों के साथ समझौता करना होगा।
नेटवर्थ की आवश्यकता के अलावा, वितरण प्लेटफॉर्म को सेबी द्वारा निर्धारित शर्ते भी पूरी करनी होंगी, जिनमें कहा गया है कि संबद्ध इकाई कम से कम दो पात्र और अनुभवी प्रबंधकों तथा एक अनुपालन अधिकारी के साथ कॉरपोरेट निकाय होनी चाहिए।
दिशा-निर्देशों के माध्यम से एम्फी ने प्लेटफॉर्मों के लिए सख्त आचार संहिता और साइबर सुरक्षा ढांचे निर्धारित किए हैं। गुरुवार को नैशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) ने घोषणा की कि एक्जीक्यूशन ओनली प्लेटफॉर्म (ईओपी) कैटेगरी-2 के तौर पर पंजीकरण चाहने वाले म्युचुअल फंड वितरण प्लेटफॉर्म स्टॉक एक्सचेंज से उसकी वेबसाइट के जरिये पंजीकरण हासिल कर सकते हैं।
एक्सचेंज ने एक सर्कुलर में कहा कि एक्सचेंज के मौजूदा सदस्यों के साथ साथ ईओपी सेगमेंट से नए सदस्य के तौर पर जुड़ने वाले कॉरपोरेट निकाय पंजीकरण प्रक्रिया पूरी होने के बाद आवेदन कर सकते हैं।