भारती एयरटेल ने दूरसंचार विभाग को 8,024 करोड़ रुपये का समय से पहले भुगतान कर दिया है, जो साल 2015 में हुई नीलामी के दौरान खरीदे गए स्पेक्ट्रम की देनदारी थी। कंपनी ने स्टॉक एक्सचेंज को सोमवार को भेजी सूचना में यह जानकारी दी है।
कंपनी ने कहा है कि किस्तों पर 10 फीसदी ब्याज लग रहा था और एयरटेल ने इसका समय से पहले भुगतान कर दिया है। इसके लिए काफी कम वित्तीय लागत पर कंपनी को रकम उपलब्ध थी।
स्पेक्ट्रम की टाली गई देनदारी दूरसंचार ऑपरेटरों पर पिछले वर्षों में खरीदे गए स्पेक्ट्रम की है, जो उन्हें सरकार को चुकाना है। इसका भुगतान किस्तों में हो रहा है।
यह समायोजित सकल राजस्व (एजीआर) की देनदारी से अलग है, जो सरकार की तरफ से दूरसंचार कंपनियों से यूजेज व लाइसेंसिंग शुल्क के तौर पर लिया जाता है।
निजी क्षेत्र की तीन दूरसंचार कंपनियों भारती एयरटेल, रिलायंस जियो और वोडाफोन आइडिया पर सरकार का 3.78 लाख करोड़ रुपये बकाया है, जिसका भुगतान वित्त वर्ष 23-24 से वित्त वर्ष 38-39 तक किस्तों में होना है। पिछले साल लोकसभा में यह सूचना दी गई थी।
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सोमवार को जारी एयरटेल की प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है, कंपनी की पहुंच अच्छी तरह से विशाखित पूंजी, वित्त तक बरकरार है। पिछले साल कंपनी ने तय समयावधि से पहले 24,334 करोड़ रुपये की देनदारी चुकाई थी। साल 2021 में एयरटेल नने 15,519 करोड़ रुपये का भुगतान समय से पहले किया था।
इस बीच, मुकेश अंबानी की अगुआई वाली रिलायंस जियो ने मार्च 2021 से पहले खरीदे गए स्पेक्ट्रम से संबंधित 30,791 करोड़ रुपये का पूरा बकाया चुका दिया था। इसमें 2014-16 में खरीदे गए स्पेक्ट्रम पर और साल 2021 में एयरटेल से राइट टु यूज एग्रीमेंट के तरह खरीदे गए स्पेक्ट्रम पर अर्जित ब्याज शामिल है।