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Hyundai के रिकॉर्ड ₹27,870 करोड़ IPO से 5 इन्वेस्टमेंट बैंकों को बड़ी कमाई, इस साल IPO फीस ₹3,000 करोड़ से पार

हुंडई के आईपीओ के साथ ही, वोडाफ़ोन इंडिया के ₹18,000 करोड़ के फॉलो-ऑन पब्लिक ऑफरिंग (FPO) से इन्वेस्टमेंट बैंकों ने ₹287 करोड़ की कमाई की

Last Updated- October 20, 2024 | 12:40 PM IST
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हुंडई मोटर इंडिया लिमिटेड (HMIL) का रिकॉर्ड ₹27,870 करोड़ का आईपीओ भले ही मार्केट में बहुत ऊंची सब्सक्रिप्शन नहीं बटोर पाया, लेकिन इससे पांच इन्वेस्टमेंट बैंकों को बड़ी कमाई हुई है। दक्षिण कोरियाई कार निर्माता की भारतीय शाखा ने बुक रनिंग लीड मैनेजर्स (BRLMs) को फीस और कमीशन के रूप में ₹493 करोड़ — यानी इश्यू साइज का 1.77% — चुकाया। यह देश में अब तक का सबसे बड़ा आईपीओ पेआउट है। इससे पहले यह रिकॉर्ड वन97 कम्युनिकेशंस (Paytm) के पास था, जिसने नवंबर 2021 में ₹18,300 करोड़ के आईपीओ के लिए ₹324 करोड़ चुकाए थे।

HMIL के इस बड़े भुगतान की वजह से, इस साल इक्विटी शेयर बिक्री से होने वाली फीस ₹3,000 करोड़ से भी ज्यादा हो गई है, जो कि एक रिकॉर्ड है।

इससे इन्वेस्टमेंट बैंकों के अधिकारियों को इस साल बड़े बोनस मिलने की संभावना बढ़ गई है। खास बात ये है कि 2024 के तीन सबसे बड़े डील्स में से सभी में बैंकों ने रिकॉर्ड कमाई की है।

हुंडई के आईपीओ के साथ ही, वोडाफ़ोन इंडिया के ₹18,000 करोड़ के फॉलो-ऑन पब्लिक ऑफरिंग (FPO) से इन्वेस्टमेंट बैंकों ने ₹287 करोड़ की कमाई की, जबकि ओला इलेक्ट्रिक मोबिलिटी के ₹6,146 करोड़ के आईपीओ से ₹145 करोड़ की फीस हासिल हुई।

हुंडई के आईपीओ को संभालने वाले पांच बैंक इस बड़ी फीस को आपस में बांटेंगे। इस डील की विशालता — जो कि इस साल के दूसरे सबसे बड़े आईपीओ, बजाज हाउसिंग फाइनेंस के ₹6,560 करोड़ के ऑफर से चार गुना बड़ी है — ने इन बैंकों को देश के शीर्ष इन्वेस्टमेंट बैंकों की सूची में ऊपर पहुंचा दिया है।

इसके विपरीत, 2022 में LIC के ₹20,557 करोड़ के आईपीओ ने सिर्फ ₹11.8 करोड़ की फीस दी थी, जिसे 16 बैंकों में बांटा गया था। सरकारी कंपनियों के आईपीओ से आमतौर पर कम फीस मिलती है, लेकिन बैंक अपनी रैंकिंग बेहतर करने के लिए इन डील्स में हिस्सा लेते हैं, ताकि आगे चलकर निजी क्षेत्र की बड़ी डील्स हासिल कर सकें।

बड़े निजी क्षेत्र के सौदों में, बुक रनिंग लीड मैनेजर्स (BRLMs) आमतौर पर इश्यू साइज का 1% से 3% तक चार्ज करते हैं। एक इन्वेस्टमेंट बैंकर ने कहा, “हुंडई जैसे बड़े डील के लिए 1.8% की फीस बेहद आकर्षक है। अगर शेयर में अच्छी मांग हो, तो कंपनियां फीस को लेकर सख्त सौदा कर सकती हैं। यदि इश्यू का मूल्य सही ढंग से रखा गया हो, तो रोडशो में मेहनत कम लगती है।” उन्होंने बजाज हाउसिंग फाइनेंस का उदाहरण दिया, जिसने अपने ₹6,560 करोड़ के ऑफर के लिए सिर्फ ₹36 करोड़ यानी 0.6% फीस दी थी। बजाज हाउसिंग फाइनेंस के शेयर लिस्टिंग के दिन 137% चढ़ गए थे।

2024 में अब तक 66 कंपनियों ने मिलकर ₹93,000 करोड़ से ज्यादा जुटाए हैं। 2021 का रिकॉर्ड, जब ₹1.19 लाख करोड़ जुटाए गए थे, जल्द ही टूट सकता है, क्योंकि कई और बड़े आईपीओ आने वाले हैं। इनमें शापूरजी पल्लोनजी ग्रुप की अफकॉन्स इंफ्रास्ट्रक्चर का ₹7,000 करोड़ का आईपीओ, सोलर पैनल निर्माता वारी एनर्जी का ₹4,321 करोड़ का इश्यू, फूड डिलीवरी कंपनी स्विगी का ₹11,600 करोड़ का ऑफर और NTPC ग्रीन एनर्जी का ₹10,000 करोड़ का IPO शामिल है।

First Published - October 20, 2024 | 9:12 AM IST

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