facebookmetapixel
IT कंपनी को मिला ₹ 450 करोड़ का तगड़ा आर्डर! कल शेयर रहेंगे ट्रेंड में, 6 महीने में पैसा किया है डबलकर्मचारियों को बड़ी राहत! EPFO ने PF में ‘पार्ट पेमेंट’ किया लागू, अब पूरी क्लेम एक साथ रिजेक्ट नहीं होगीचुनाव से पहले बिहार की नीतीश सरकार ने की नई योजनाओं की बरसात, विपक्ष ने कहा: हमारी नकल कर रहेH-1B वीजा फीस बढ़ाने से अमेरिका को भारत से ज्यादा होगा नुकसान: GTRI225% का तगड़ा डिविडेंड! 3 साल में 229% का रिटर्न देने वाली कंपनी का निवेशकों को तोहफा, रिकॉर्ड डेट कलHindenburg मामले में क्लीनचीट मिलने के बाद अदाणी का सवाल! $150 अरब के नुकसान का जिम्मेदार कौन?PM ने 20 मिनट देश को संबोधित किया, कहा: कल से GST बचत उत्सव शुरू, हर परिवार की खुशियां बढ़ेंगीHousing Sale: भारत के टॉप 9 शहरों में Q3 2025 में हाउसिंग सेल्स में 4% की गिरावटअमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप अफगानिस्तान के बगराम एयरबेस को दोबारा हासिल करना क्यों चाहते हैं?Corporate Actions This Week: इस हफ्ते बाजार में डिविडेंड-बोनस-स्प्लिट की बारिश, निवेशकों की बल्ले-बल्ले!

टूरिज्म का नया ट्रैंड, भारतीय सैलानी कर रहे हुनर के लिए सफर

इस श्रेणी मे अगले तीन से पांच साल में 15-20 फीसदी सालाना इजाफा होने की उम्मीद है।

Last Updated- July 20, 2025 | 10:42 PM IST
US travelers to be treated to miracle restaurant to boost Chinese tourism
प्रतीकात्मक तस्वीर

भारतीय पर्यटक अब अपने सफर को मायने देना चाहते हैं और ऐसी जगह छुट्टियां बिता रहे हैं, जहां वे कुछ नया सीख सकें। इसलिए ट्रैवल ऑपरेटर भी ऐसे पैकेज पेश कर रहे हैं, जिनमें पर्यटक छुट्टी बिताने के साथ अलग-अलग किस्म के हुनर सीख सकें।

यात्रा प्लेटफॉर्म कॉक्स ऐंड किंग्स के मुताबिक इस श्रेणी मे अगले तीन से पांच साल में 15-20 फीसदी सालाना इजाफा होने की उम्मीद है। आम तौर पर इस तरह की यात्रा 10-12 दिन से लेकर महीने भर तक की होती हैं। कुछ सीखने के लिए सैर-सपाटा करने वालों की तादाद अभी तो कम है मगर ईजमायट्रिप और कॉक्स ऐंड किंग्स जैसी ट्रैवल कंपनियों के पास इस श्रेणी के पर्यटक इस साल काफी बढ़ गए। थॉमस कुक और एसओटीसी ट्रैवल ने कोविड महामारी के बाद इस श्रेणी में काफी तेज वृद्धि दर्ज की है। कुछ ट्रैवल कंपनियों के पास खास पैकेज हैं और कई कंपनियां इस तरह की यात्रा करने वाले पर्यटकों की जरूरत के मुताबिक पैकेज तैयार करने को भी तैयार हैं।

कॉक्स ऐंड किंग्स के निदेशक करण अग्रवाल ने कहा, ‘हम देख रहे हैं कि अब कुछ परिवार यूरोप की सांस्कृतिक विरासत जानने के लिए यात्रा कर रहे हैं और कुछ पेशेवर कम मियाद के पाठ्यक्रम पूरे करने के साथ छुट्टियां बिताने जा रहे हैं। अब तो रिटायर हो चुके लोग भी विरासत से रूबरू होने के लिए कार्यशालाओं में शिरकत कर रहे हैं। दुनिया भर में कुछ सीखने के लिए सैर-सपाटे (एड्युटूरिज्म) का चलन बढ़ा है और भारत में भी वही दिख रहा है।’

थॉमस कुक के मुताबिक लोकप्रिय पाठ्यक्रमों में पेरिस में ली कार्डन ब्लू जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों का सर्टिफिकेशन कोर्स शामिल है। इसके लिए छह रात ठहरना होता है और 3 लाख रुपये खर्च करने होते हैं। इसके अलावा लोग अंडमान, मालदीव, मलेशिया और श्रीलंका जाकर पैडी सर्टिफाइड स्कूबा डाइविंग सीखते हैं। इसके लिए सात रात का पैकेज होता है, जिस पर 80,000 से 1.5 लाख रुपये तक खर्च होते हैं। सैलानी जापान जाकर वहां के खानसामों से सुशी बनाना भी सीखते हैं। एसओटीसी ट्रैवल ने फिनलैंड में रेंडियर की स्लेड चलाने के लाइसेंस पाने और स्कॉटलैंड में तीरंदाजी सीखने के पैकेज भी तैयार किए हैं, जिसमें 5 दिन और 4 रात के लिए करीब 4 लाख रुपये लगते हैं। इसमें महल में रहने और बिजनेस क्लास में सफर करने का खर्च शामिल होता है।

सैलानी स्विट्जरलैंड में घड़ी बनाना सीखने को भी आतुर रहते हैं, जिसके लिए पांच रात का पैकेज 3.5 लाख से 4 लाख रुपये का पड़ता है। इटली में कांच बनाना सीखने भी बड़ी तादाद में सैलानी जाते हैं। साथ ही पाक कला और संस्कृति से रूबरू कराने वाले पैकेज भी काफी पसंद किए जा रहे हैं। इनमें पेरिस और सिंगापुर में इत्र बनाने की कार्यशालाएं और स्कॉटलैंड में वाइन और व्हिस्की का जायका परखने की कक्षाएं काफी आकर्षित कर रही हैं। बड़ी तादाद में सैलानी दक्षिण कोरिया भी जाते हैं, जहां वे कोरियन वेव ब्यूटी सेशन या कार्यशाला में शिरकत करते हैं।

देश के भीतर घूमने वाले पर्यटक भारत की विरासत से रूबरू होने और स्वास्थ्य पर ध्यान देने के लिए यात्रा करते हैं। ऋषिकेश जाकर योग सीखना सबसे ज्यादा पसंद किया जा रहा है। ईजमायट्रिप के सह-संस्थापक और मुख्य कार्य अधिकारी रिकांत पिट्टी ने कहा कि पारंपरिक ज्ञान, शिल्प और सांस्कृतिक विरासत को गहराई से समझने की इच्छा रखने वाले पर्यटक अब वाराणसी, ऋषिकेश, राजस्थान, केरल के साथ पूर्वोत्तर के आदिवासी इलाकों तक पहुंच रहे हैं।

अग्रवाल का कहना है कि देसी पर्यटक बिहार में मधुबनी चित्रकारी, राजस्थान में मिट्टी के बर्तन बनाना और बुनाई सीखने तथा केरल में कथकली और कलारीपयट्टू सीखने के लिए भी खूब जा रहे हैं। एसओटीसी ट्रैवल के प्रेसिडेंट और कंट्री हेड (हॉलिडे और कॉरपोरेट टूर) एसडी नंदाकुमार ने कहा, ‘आज सैलानी चाहते हैं कि सफर से लौटने पर उनके पास केवल तस्वीरें नहीं हों बल्कि कुछ किस्से, उपलब्धियां और सर्टिफिकेट भी हों। लोगों में स्विट्जरलैंड और फ्रांस के भीतर करीब 4 लाख रुपये खर्च कर और पांच रात ठहरकर स्कीइंग सीखने, न्यूजीलैंड जाकर बंजी जंपिंग और स्काईडाइविंग करने तथा ऑस्ट्रेलिया के सिडनी ब्रिज क्लाइंब का शौक बहुत बढ़ रहा है।

स्कॉटलैंड और मॉरीशस में शौकिया तौर पर गोल्फ सीखने के लिए छुट्टियां बिताने का चलन भी बना हुआ है।’ थॉमस कुक इंडिया के प्रेसिडेंट और कंट्री हेड (हॉलिडे, माइस, वीजा) राजीव काले ने कहा कि बड़ी संख्या में लोग अब जापान और दक्षिण कोरिया जाना चाह रहे हैं, जहां वे मांगा और एनीमे की कार्यशाला कर सकें, पारंपरिक कला सीख सकें और वहां की संस्कृति में गहराई तक डूब सकें।

अग्रवाल ने कहा कि विद्यार्थी अब भाषा सीखने और विश्वविद्यालय में ग्रीष्मकालीन कार्यक्रमों में शामिल होने के लिए ब्रिटेन, फ्रांस तथा जर्मनी जा रहे हैं। कामकाजी पेशेवर प्रतिष्ठित संस्थानों में एक्जिक्यूटिव स्तर के शिक्षा पाठ्यक्रम करना चाहते हैं या फ्रांस में वाइन को परखना सीखने के लिए सर्टिफिकेशन हासिल करना चाहते हैं। साथ ही डिजिटल मार्केटिंग का पाठ्यक्रम करने के लिए सिंगापुर जाना भी खूब पसंद किया जा रहा है। फेडरेशन ऑफ एसोसिएशन्स इन इंडियन टूरिज्म ऐंड हॉस्पिटैलिटी (फेथ) के बोर्ड सदस्य अनिल कल्सी ने कहा कि स्कूल भी विद्यार्थियों के झुंड को सैर-सपाटे के लिए ले जा रहे हैं। उन्हें अमेरिका में नासा और जापान एवं कोरिया में औद्योगिक संयंत्रों की यात्राएं कराई जा रही हैं ताकि बच्चे छुट्टियां बिताने के साथ कुछ सीख भी सकें।

इन कंपनियों के अधिकारियों को लगता है कि हाइब्रिड और कहीं से भी काम करने की सुविधा शुरू होने के बाद भारतीय पर्यटक लंबी यात्राओं पर जाने लगे हैं।

First Published - July 20, 2025 | 10:42 PM IST

संबंधित पोस्ट