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In Parliament: राज्यसभा में भी ध्वनिमत से पारित हुआ ‘ऑनलाइन गेमिंग प्रोत्साहन और विनियमन विधेयक, 2025’

इससे एक दिन पहले ही यह विधेयक लोकसभा से पारित हो चुका था। राज्यसभा में पारित होने के बाद राष्ट्रपति की मंजूरी मिलने पर यह कानून बन जाएगा।

Last Updated- August 21, 2025 | 4:00 PM IST

केंद्र सरकार द्वारा प्रस्तावित ‘ऑनलाइन गेमिंग प्रोत्साहन और विनियमन विधेयक, 2025’ गुरुवार को राज्यसभा में पारित हो गया। इससे एक दिन पहले ही यह विधेयक लोकसभा से पारित हो चुका था। यह विधेयक देश में बढ़ते पैसे वाले ऑनलाइन गेम्स (Online Money Games) पर रोक लगाने और ऑनलाइन गेमिंग सेक्टर को विनियमित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।

विपक्ष के सांसद जॉन ब्रिटास समेत अन्य सदस्यों ने विधेयक को सेलेक्ट कमेटी को भेजने का प्रस्ताव रखा, लेकिन वोटिंग में प्रस्ताव खारिज कर दिया गया। विधेयक को ध्वनि मत से पारित कर दिया गया। विपक्ष ने विधेयक पर चर्चा में हिस्सा नहीं लिया और ‘वोट चोरी’ के आरोपों को लेकर सदन में नारेबाजी करता रहा।

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विधेयक का उद्देश्य ऑनलाइन गेमिंग क्षेत्र के दो-तिहाई (2/3) हिस्से को प्रोत्साहन देना है और केवल एक-तिहाई (1/3) यानी पैसे वाले ऑनलाइन गेम्स को प्रतिबंधित करना है। ‘ऑनलाइन मनी गेम्स’ को विधेयक में इस प्रकार परिभाषित किया गया है, “ऐसा ऑनलाइन खेल, जो कौशल, संयोग या दोनों पर आधारित हो, जिसमें उपयोगकर्ता पैसे देकर, धन जमा करके या किसी दांव के साथ खेलने के लिए प्रवेश करता है, और बदले में उसे पैसे या अन्य लाभ की आशा होती है।”  इसमें ई-स्पोर्ट्स शामिल नहीं होंगे।

विधेयक को सदन में प्रस्तुत करते हुए केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि:

  • भारत में 45 करोड़ लोग ऑनलाइन मनी गेम्स से प्रभावित हुए हैं।
  • मध्यवर्गीय परिवारों को इससे 20,000 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान हुआ है।
  • विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने ऑनलाइन मनी गेमिंग को Gaming Disorder घोषित किया है।
  • इसने मानसिक स्वास्थ्य और आर्थिक स्थितियों पर गंभीर प्रभाव डाला है।
  • यह गतिविधियाँ मनी लॉन्ड्रिंग और आतंकी वित्तपोषण से भी जुड़ी हुई हैं।
  • कोई भी व्यक्ति जो प्रतिबंधित ऑनलाइन मनी गेमिंग सेवा प्रदान करेगा, उसे 3 साल तक की जेल, या 1 करोड़ रुपये तक जुर्माना, या दोनों हो सकते हैं।
  • ऐसे गेम्स का प्रचार या विज्ञापन करने वालों को 2 साल तक की जेल या 50 लाख रुपये तक जुर्माना, या दोनों का प्रावधान है।
  • केंद्र सरकार एक ‘प्राधिकरण’ (Authority) की स्थापना करेगी, जिसे यह अधिकार होगा कि वह स्वतः संज्ञान लेकर किसी भी ऑनलाइन गेम को मनी गेम घोषित कर सके।
  • जांच अधिकारी को बिना वारंट के तलाशी, जब्ती और गिरफ्तारी की अनुमति होगी, यदि उसे कोई अपराध घटित होने या होने की आशंका हो।

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विधेयक केवल भारत में संचालित सेवाओं पर ही नहीं, बल्कि विदेशों से संचालित ऑनलाइन मनी गेमिंग सेवाओं पर भी लागू होगा। विधेयक ई-स्पोर्ट्स को वैध खेल गतिविधि मानता है और इसमें उन खेलों को शामिल किया जाएगा जो:

  • शारीरिक दक्षता, मानसिक चपलता और रणनीतिक सोच पर आधारित हों।
  • जिनमें कोई दांव, सट्टा या पुरस्कार राशि न हो, केवल प्रवेश शुल्क लिया जा सके।
  • शैक्षिक और मनोरंजन की दृष्टि से बनाए गए सामाजिक खेलों को भी सरकार बढ़ावा दे सकती है।

सरकार का कहना है कि यह विधेयक नवाचार (Innovation) और आर्थिक विकास को बढ़ावा देगा। नागरिकों की सुरक्षा के लिए एक सुरक्षित डिजिटल वातावरण सुनिश्चित करेगा। नशे की लत, धोखाधड़ी, और वंचित वर्गों के शोषण को रोकेगा।

‘ऑनलाइन गेमिंग प्रोत्साहन और विनियमन विधेयक, 2025’ के पारित होने के बाद भारत में पैसे वाले ऑनलाइन गेम्स पर प्रभावी रोक लगेगी। यह विधेयक जहां एक ओर ऑनलाइन गेमिंग इंडस्ट्री के वैध और सुरक्षित स्वरूप को बढ़ावा देने की बात करता है, वहीं दूसरी ओर अनियंत्रित, लाभ की लालच में चलने वाले जुआ आधारित गेम्स पर सख्त कार्रवाई का मार्ग प्रशस्त करता है।

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First Published - August 21, 2025 | 3:52 PM IST

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