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ITI: ​ग्रेडिंग से प्रदर्शन में दिखने लगा सुधार, नेल्लोर में लड़कियों के लिए बना सरकारी आईटीआई टॉप पर

मंत्रालय की ओर से जारी एक अधिसूचना के अनुसार, देश भर में निजी और सरकारी दोनों आईटीआई संस्थानों को मिलाकर कुल 14,999 आईटीआई को ग्रेड दिया गया है।

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शिवा राजौरा   
Last Updated- September 05, 2024 | 11:15 PM IST

कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय द्वारा देश के लगभग 15,000 औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों (आईटीआई) की ग्रेडिंग से इन संस्थानों के प्रदर्शन में सुधार दिखा है। इस साल 18.9 फीसदी आईटीआई ने 0 से 10 के पैमाने पर 8 से अधिक अंक प्राप्त किए हैं। पिछले साल की ग्रेडिंग में 12.4 फीसदी आईटीआई को 8 से अधिक अंक हासिल हुए थे।

आंध्र प्रदेश के नेल्लोर में लड़कियों के लिए सरकारी ITI और ओडिशा में बारबिल के सरकारी ITI- मंत्रालय की वार्षिक ग्रेडिंग प्रणाली के दूसरे संस्करण में शीर्ष ITI के रूप में उभरे हैं।

शैक्षणिक वर्ष 2024-25 के लिए तैयार ग्रेडिंग के ताजा दौर से पता चलता है कि इन दोनों आईटीआई को 10 में से 9.6 का ग्रेड मिला है। वित्त वर्ष 2025 के बजट में अगले 5 वर्षों के दौरान 20 लाख युवाओं को कौशल प्रदान करने के लिए एक नई योजना की घोषणा के बाद ताजा ग्रेडिंग की गई है। इसमें 1,000 आईटीआई को नतीजे पर केंद्रित हब-ऐंड-स्पोक व्यवस्था में अपग्रेड किया जाएगा।

मंत्रालय की ओर से जारी एक अधिसूचना के अनुसार, देश भर में निजी और सरकारी दोनों आईटीआई संस्थानों को मिलाकर कुल 14,999 आईटीआई को ग्रेड दिया गया है। पिछले साल 14,951 आईटीआई को ग्रेड दिया गया था। पर्याप्त आंकड़ों के अभाव के कारण 122 आईटीआई संस्थानों को ग्रेडिंग में शामिल नहीं किया गया क्योंकि ये नए संस्थान हैं।

देश के शीर्ष 25 आईटीआई संस्थानों में उत्तर प्रदेश (15) में सबसे अधिक संस्थान हैं। उसके बाद ओडिशा (4), हरियाणा (3), आंध्र प्रदेश (2) और तेलंगाना (1) का स्थान है। कुल 142 आईटीआई को शैक्षणिक वर्ष 2024-25 के लिए 9 अथवा इससे अधिक ग्रेड हासिल हुआ है।

आंकड़ों से पता चला है कि करीब 12,700 आईटीआई को शैक्षणिक वर्ष 2024-25 के लिए 4 अथवा इससे अधिक की ग्रेडिंग मिली है। इससे उन्हें 3डी प्रिंटिंग, इंटरनेट ऑफ थिंग्स, ड्रोन तकनीशियन, सोलर तकनीशियन जैसे नए जमाने के पाठ्यक्रम शुरू करने में मदद मिली है।

पिछले साल अप्रैल में जारी वार्षिक ग्रेडिंग प्रणाली के उद्घाटन संस्करण में कुल 14,951 आईटीआई में से म​हज 11,900 संस्थानों को 4 अथवा इससे अधिक की ग्रेडिंग मिली थी।

टीमलीज डिग्री अप्रेंटिसशिप के मुख्य रणनीति अधिकारी सुमित कुमार ने कहा कि ग्रेडिंग से आईटीआई प्रतिस्पर्धी बनेंगे। इससे उन्हें बेहतर पाठ्यक्रम, बुनियादी ढांचे और प्रशिक्षकों के जरिये उत्कृष्टता हासिल करने के लिए प्रयास करने में मदद मिलेगी।

कुमार ने कहा, ‘आईटीआई ब्लू कॉलर श्रेणी में प्रतिभाओं की बुनियाद है। उद्योग की जरूरतों और वैश्विक मानकों को पूरा करने के लिए इस प्रकार की ग्रेडिंग प्रणाली पूरे परिवेश को अधिक समर्थ बनाएगी। सरकार भी उन पर काफी ध्यान दे रही है।’

मंत्रालय ने मार्च 2023 में नई वार्षिक डेटा संचालित ग्रेडिंग प्रणाली (डीडीजीएम) शुरू की थी। ग्रेडिंग की इस नई प्रणाली के तहत राष्ट्रीय व्यावसायिक प्रशिक्षण परिषद (एनसीवीटी) पोर्टल पर उपलब्ध 8 मानदंडों/सूचनाओं का उपयोग करते हुए 0 से 10 के बीच ग्रेड निर्धारित की जाती है। इन मानदंडों के अलावा प्रवेश (30 फीसदी) और उत्तीर्ण नतीजे (30 फीसदी) को भी मौजूदा शैक्षणिक वर्ष के लिए अ​धिक भारांश दिया गया है। उसके बाद कंप्यूटर आधारित

परीक्षा (10 फीसदी) और प्राप्त औसत अंक (10 फीसदी) को भी महत्त्व दिया गया है।

पहले की व्यवस्था में संस्थान का दौरा और कुछ मापदंडों के आधार पर आंकड़ों का सत्यापन शामिल था। मगर 2017 में शुरू की गई ग्रेडिंग के पहले चरण में 43 मापदंडों को शामिल किया गया और उन्हें 10 श्रेणियों में बांटा गया था। दूसरे चरण (2019 में शुरू) में 5 श्रेणियों के तहत 27 मापदंडों को शामिल किया गया। इस प्रकार 0 से 5 के बीच प्राप्त ग्रेड शैक्षणिक वर्ष 2022-23 तक वैध था।

First Published : September 5, 2024 | 10:47 PM IST