उच्चतम न्यायालय ने दिल्ली, नोएडा, गाजियाबाद और गुरुग्राम से सभी आवारा कुत्तों को पकड़कर आश्रय स्थल में रखने का निर्देश दिया है। न्यायाधीश जे बी पारदीवाला और आर महादेवन के पीठ ने सोमवार को कहा कि अधिकारी यह भी सुनिश्चित करें कि ये कुत्ते दोबारा सड़कों पर न छोड़े जाएं। न्यायालय ने आवारा कुत्तों की समस्या को अति गंभीर बताया। न्यायालय ने यह भी कहा कि अगर कोई व्यक्ति या संगठन इस कार्य में बाधा डालेगा तो उसके खिलाफ अवमानना की कार्यवाही शुरू की जाएगी। पीठ ने कहा, ‘यदि कोई व्यक्ति या संगठन आवारा कुत्तों को उठाने और उन्हें पकड़ने के काम में बाधा डालता है और इसकी सूचना हमें दी जाती है तो हम ऐसी किसी भी बाधा के खिलाफ सख्त कार्रवाई करेंगे।’
उच्चतम न्यायालय 28 जुलाई को स्वतः संज्ञान में लिये गए उस मामले की सुनवाई कर रहा था जो राष्ट्रीय राजधानी में आवारा कुत्तों के काटने से रेबीज फैलने से जुड़ा था। शीर्ष अदालत ने सोमवार को दिल्ली सरकार और गुरुग्राम, नोएडा एवं गाजियाबाद के नगर निकायों को सभी आवारा कुत्तों को पकड़कर आश्रय स्थलों में रखने का निर्देश दिया। न्यायालय ने आदेश दिया कि कुत्तों के लिए आश्रय स्थलों में पर्याप्त कर्मचारी हों, जो कुत्तों के टीकाकरण के साथ-साथ उनकी देखभाल भी करें। इन केंद्रों पर सीसीटीवी निगरानी होगी, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि कोई भी कुत्ता न तो छोड़ा जाए और न बाहर ले जाया जाए।