पिछले हफ्ते मुंबई में हुए आतंकी हमलों के बाद शहर के बी श्रेणी के प्रबंधन स्कूल अपने छात्रों को आत्म रक्षा में प्रशिक्षित करने की योजना बना रहे हैं।
बहुत जल्द ही अधिकांश बी स्कूलों के पाठयक्रमों में आपदा प्रबंधन तकनीकों को शामिल करने की तैयारी की जा रही है। मुश्किल और चुनौतीपूर्ण हालात का सामना छात्र किस तरीके से करें, इसे लेकर भी स्कूलों में कार्यशाला आयोजित करने की योजना है। अब शहर के बी स्कूलों में मार्शल आर्ट भी सिखाया जाएगा।
के जे सौम्या इंस्टीटयूट ऑफ मैनेजमेंट ऐंड रिसर्च के निदेशक सुरेश घई ने बताया, ‘हम छात्रों के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम और कार्यशालाएं आयोजित करेंगे ताकि उन्हें यह सीखने को मिले कि मुश्किल हालात का किस तरह से मुकाबला करना है।
हम इसके लिए नगर निगम के आपदा प्रबंधन सेल से संपर्क करने की योजना बना रहे हैं, साथ ही शारीरिक प्रशिक्षण के लिए अर्द्धसैनिक बलों से भी बात करेंगे।’
बी स्कूलों का कहना है कि छात्रों को इस तरह का प्रशिक्षण पहले कभी नहीं दिया गया है। छात्रों को प्रशिक्षण देने के लिए ये स्कूल मुंबई पुलिस से भी मदद ले रहे हैं। छात्रों को मार्शल आर्ट के अलावा सैन्य तकनीकों की भी जानकारी दी जाएगी।
एसआईईएस कॉलेज ऑफ मैनेजमेंट स्टडीज के निदेशक ए के सेनगुप्ता ने बताया, ‘कारोबारी तकनीकों से दक्ष लोगों के अलावा हमें ऐसे नेता भी तैयार करने हैं जो संकट की घड़ी में आगे बढ़ने का साहस दिखा सकें। इसके लिए हम छात्रों को शारीरिक शिक्षा देने पर भी विचार कर रहे हैं।’
जहां एसआईईएस इन पाठयक्रमों और प्रशिक्षण कार्यक्रमों को अनिवार्य करने की योजना बना रही है, वहीं के जे सौम्या हर साल इस विषय पर एक कार्यशाला आयोजित करेगी। घई ने कहा, ‘जिन विषयों को सिखाया जाएगा उनका अभ्यास भी किया जाएगा।’
भारत में आपदा प्रबंधन की शिक्षा अब तक केवल स्कूलों में दी जाती रही है। दिल्ली की सस्टेनेबल इनवायरमेंट ऐंड इकोलोजिकल डेवलपमेंट सोसाइटी (एसईईडीएस) की मार्च 2008 की एक रिपोर्ट के अनुसार, मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने विभिन्न स्कूल बोर्डों को यह सुझाव दिया है कि वे अपने पाठयक्रम में आपदा प्रबंधन को भी शामिल करें।
केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ने स्कूल के पाठयक्रम में आपदा प्रबंधन पर एक लघु विषय को शामिल किया है। देश भर में करीब 7,300 स्कूलों में सीबीएसई पाठयक्रम के हिसाब से पढ़ाई होती है और इन स्कूलों में करीब 7 लाख छात्र पंजीकृत हैं।