पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस नियामक बोर्ड (पीएनजीआरबी) ने सड़क के जरिये ईंधन के परिवहन के लिए सख्त दिशानिर्देश जारी किए हैं।
देशभर के डीलरों ने कहा कि इन दिशानिर्देशों को लागू करने के लिए समय चाहिए और इसके लिए मौजूदा निविदाओं में संशोधन की जरूरत है। इन दिशानिर्देशों में टैंकर या लॉरी के चालक दल के सदस्यों की बॉयोमेट्रिक उपस्थिति, वैकल्पिक चालक, कार्य के सुरक्षित घंटों और स्थितियों का कड़ाई से पालन शामिल हैं। जयपुर में बीते साल दिसंबर में तरलीकृत पेट्रोलियम गैस (एलपीजी) लेकर जा रहे ट्रक के दुर्घटनाग्रस्त होने से 20 लोगों की मौत के बाद यह दिशानिर्देश जारी किए गए हैं।
ईंधन के टैंकरों और लॉरी का संचालन ईंधन डीलर करते हैं और वे तेल विपणन कंपनियों (ओएमसी) से इन्हें लीज पर लेते हैं। डीलर तीन से पांच वर्ष की अवधि तक ईंधन को डिपो से लेकर रिटेल आउटलेट तक पहुंचाने की निविदा के लिए बोली लगाते हैं। भारत में 90,000 से अधिक पेट्रोल पंप हैं। इनमें करीब 40 फीसदी इजाफा बीते पांच वर्षों के दौरान ही हुआ है।