facebookmetapixel
GST कटौती, दमदार GDP ग्रोथ के बावजूद क्यों नहीं दौड़ रहा बाजार? हाई वैल्यूएशन या कोई और है टेंशनउच्च विनिर्माण लागत सुधारों और व्यापार समझौतों से भारत के लाभ को कम कर सकती हैEditorial: बारिश से संकट — शहरों को जलवायु परिवर्तन के प्रभावों के लिए तत्काल योजनाओं की आवश्यकताGST 2.0 उपभोग को बढ़ावा दे सकता है, लेकिन गहरी कमजोरियों को दूर करने में कोई मदद नहीं करेगागुरु बढ़े, शिष्य घटे: शिक्षा व्यवस्था में बदला परिदृश्य, शिक्षक 1 करोड़ पार, मगर छात्रों की संख्या 2 करोड़ घटीचीन से सीमा विवाद देश की सबसे बड़ी चुनौती, पाकिस्तान का छद्म युद्ध दूसरा खतरा: CDS अनिल चौहानखूब बरसा मॉनसून, खरीफ को मिला फायदा, लेकिन बाढ़-भूस्खलन से भारी तबाही; लाखों हेक्टेयर फसलें बरबादभारतीय प्रतिनिधिमंडल के ताइवान यात्रा से देश के चिप मिशन को मिलेगी बड़ी रफ्तार, निवेश पर होगी अहम चर्चारूस से तेल खरीदना बंद करो, नहीं तो 50% टैरिफ भरते रहो: हावर्ड लटनिक की भारत को चेतावनीअर्थशास्त्रियों का अनुमान: GST कटौती से महंगाई घटेगी, RBI कर सकता है दरों में कमी

स्वास्थ्य मंत्रालय के बदले वित्त मंत्रालय चाहता है NHCX का नियंत्रण

वित्त मंत्रालय स्वास्थ्य बीमा के दावों की पारदर्शिता, उपभोक्ता शिकायतों को कम करने के लिए डिजिटल प्लेटफॉर्म नैशनल हेल्थ क्लेम्स एक्सचेंज NHCX पर नियंत्रण चाहता है।

Last Updated- July 10, 2025 | 11:06 PM IST
Ministry of Finance

वित्त मंत्रालय स्वास्थ्य बीमा के दावों की पारदर्शिता व उपभोक्ताओं की शिकायतों  को कम करने के लिए डिजिटल प्लेटफॉर्म नैशनल हेल्थ क्लेम्स एक्सचेंज (एनएचसीएक्स) पर नियंत्रण चाहता है। अभी एनएचसीएक्स स्वास्थ्य मंत्रालय के अधीन है। वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने नाम गुप्त रखने की शर्त पर बताया कि वित्त मंत्रालय के वित्तीय सेवा विभाग ने इस संबंध में प्रधानमंत्री कार्यालय के संपर्क में है।

सरकारी अधिकारी ने कहा,  ‘बीमा कंपनियों, स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं और बीमित व्यक्तियों को एक ही मंच पर लाने का विचार है। इससे पारदर्शिता बढ़ाई जा सकेगी। इसके अलावा भारतीय बीमा विनियामक व विकास प्राधिकरण के तहत बेहतर विनियमन तय किया जा सकेगा। एनएचसीएक्स स्वास्थ्य सेवा तक पहुंच और दावों को सुव्यवस्थित करने के लिए बीमा कंपनियों, स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं और सरकारी बीमा योजना प्रशासकों को जोड़ता है।

Also Read: शेयर बाजार में तेजी का असर, घाटे वाली फर्मों के शेयर भी चढ़े; जानें क्यों निवेशक लगा रहे पैसा

अधिकारी ने कहा ‘हम स्वास्थ्य बीमा दावों की प्रक्रिया को कहीं अधिक पारदर्शी बनाना चाहते हैं। कई मामलों में बीमाकर्ताओं और नियामकों ने यह देखा है कि अस्पताल बीमित व्यक्तियों के लिए बिल को बढ़ा-चढ़ाकर पेश करते हैं।’

सूत्र ने आगे कहा कि इससे अस्पतालों और बीमाकर्ताओं दोनों की मोलभाव करने की क्षमता में सुधार होगा। अधिकारी ने कहा, ‘भारतीय बीमा विनियामक और विकास प्राधिकरण  के तहत इसे लाने के बाद इससे बीमाकर्ताओं और बीमा कंपनियों को स्वास्थ्य सेवा के साथ मोलभाव करने में अधिक मदद मिलेगी।’

 

First Published - July 10, 2025 | 10:17 PM IST

संबंधित पोस्ट