प्रतीकात्मक तस्वीर
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने शुक्रवार को ‘ऑनलाइन गेमिंग (प्रोत्साहन और विनियमन) विधेयक, 2025’ को मंजूरी दे दी। संसद के दोनों सदनों से पहले ही पारित इस विधेयक का उद्देश्य ई-स्पोर्ट्स और सामाजिक गेम्स को बढ़ावा देना है, जबकि पैसे वाले ऑनलाइन गेम्स यानी ऑनलाइन सट्टा, ताश के खेल, फैंटेसी स्पोर्ट्स और लॉटरी जैसे खेलों पर पूरी तरह रोक लगाना है।
🔹 क्या है ‘ऑनलाइन मनी गेम’?
ऐसे ऑनलाइन गेम जिनमें पैसे, दांव या जमा राशि के साथ भाग लिया जाता है और बदले में पैसे या अन्य लाभ की उम्मीद होती है। यह खेल कौशल, संयोग या दोनों पर आधारित हो सकते हैं।
🔹 ई-स्पोर्ट्स और सोशल गेम्स को वैध खेल गतिविधि माना गया है। इसमें वे खेल शामिल होंगे जो:
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विधेयक को पेश करते हुए केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने संसद में बताया था कि भारत में 45 करोड़ लोग ऑनलाइन मनी गेम्स से प्रभावित हैं और इससे मध्यमवर्गीय परिवारों को 20,000 करोड़ रुपये से ज्यादा का नुकसान हुआ है। केंद्रीय मंत्री ने संसद में कहा कि ये विधेयक न केवल डिजिटल सुरक्षा और पारदर्शिता सुनिश्चित करेगा, बल्कि युवाओं में बढ़ती लत, मानसिक तनाव, परिवारिक कलह और साइबर अपराध पर भी रोक लगाएगा। यह विधेयक नवाचार और आर्थिक विकास को गति देने की दिशा में एक अहम कदम माना जा रहा है। ‘ऑनलाइन गेमिंग (प्रोत्साहन और विनियमन) विधेयक, 2025’ भारत को सुरक्षित डिजिटल स्पेस प्रदान करने और अनियंत्रित ऑनलाइन जुए पर रोक लगाने के उद्देश्य से बनाया गया है। यह कानून जहां ई-स्पोर्ट्स जैसे वैध गेमिंग विकल्पों को बढ़ावा देगा, वहीं लाभ के लोभ में चलने वाले घातक मनी गेम्स के खिलाफ कड़ी कार्रवाई का मार्ग प्रशस्त करेगा।