प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी | फाइल फोटो
विदेश मंत्रालय ने शुक्रवार को बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 29 अगस्त से 1 सितंबर तक जापान और चीन की यात्रा पर जाएंगे। इस दौरान वह जापान में भारत-जापान वार्षिक शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेंगे और चीन में शंघाई सहयोग संगठन (SCO) सम्मेलन में शामिल होंगे।
प्रधानमंत्री मोदी 29 से 30 अगस्त तक जापान की यात्रा करेंगे। यह यात्रा जापान के प्रधानमंत्री शिगेरु इशिबा के निमंत्रण पर हो रही है। यह उनकी जापान की आठवीं यात्रा होगी और इशिबा के साथ पहली शिखर बैठक होगी। विदेश मंत्रालय के अनुसार, इस दौरे में दोनों नेता भारत और जापान के बीच विशेष रणनीतिक और वैश्विक साझेदारी की समीक्षा करेंगे। इसमें रक्षा, सुरक्षा, व्यापार, अर्थव्यवस्था, तकनीक, नवाचार और लोगों के बीच संपर्क जैसे मुद्दों पर चर्चा होगी। साथ ही क्षेत्रीय और वैश्विक मसलों पर भी बात होगी। मंत्रालय ने कहा कि यह यात्रा दोनों देशों के बीच गहरी दोस्ती को और मजबूत करेगी।
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जापान के बाद, प्रधानमंत्री मोदी 31 अगस्त से 1 सितंबर तक चीन जाएंगे। वहां वह तियानजिन में होने वाले शंघाई सहयोग संगठन (SCO) सम्मेलन में हिस्सा लेंगे। इस सम्मेलन में 20 से ज्यादा देशों के नेता शामिल होंगे। विदेश मंत्रालय ने बताया कि यह यात्रा चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के निमंत्रण पर हो रही है। सम्मेलन के दौरान मोदी कई नेताओं के साथ द्विपक्षीय बैठकें भी करेंगे।
मोदी की यह चीन यात्रा 2018 के बाद पहली होगी। इससे पहले वह 2018 में वुहान में राष्ट्रपति शी के साथ अनौपचारिक बैठक और किंगदाओ में SCO सम्मेलन के लिए गए थे। 2019 में शी जिनपिंग भारत आए थे, जहां डोकलाम विवाद के बाद संबंध सुधारने के लिए दूसरी अनौपचारिक बैठक हुई थी। हालांकि, 2020 में लद्दाख में एलएसी पर भारत और चीन के सैनिकों के बीच झड़पों के बाद दोनों देशों के रिश्ते छह दशकों में सबसे निचले स्तर पर पहुंच गए थे। इन झड़पों में गलवान घाटी में 20 भारतीय सैनिक और कम से कम चार चीनी सैनिक मारे गए थे। पिछले साल 21 अक्टूबर, 2024 को दोनों देशों के बीच एलएसी विवाद को खत्म करने पर सहमति बनी थी। इसके दो दिन बाद रूस के कजान में मोदी और शी की मुलाकात हुई, जहां दोनों ने रिश्तों को सामान्य करने और सीमा विवाद पर बातचीत के लिए कई चीजों को फिर से शुरू करने पर सहमति जताई थी।