बिड़ला परिवार की ओर से दायर उन चार याचिकाओं को उच्चतम न्यायालय ने सोमवार को खारिज कर दिया, जिसमें प्रियंवदा बिड़ला की 1999 की कथित वसीयत के संबंध में आर.एस. लोढा के अधिकार को चुनौती दी गई थी।
गौरतलब है कि प्रियंवदा ने 5000 करोड़ रुपये मूल्य की अपनी संपत्ति चार्टर्ड एकाउंटेंट राजेंद्र सिंह लोढा के नाम कर दी थी।न्यायमूर्ति एस.बी. सिन्हा के अध्यक्षता वाली पीठ ने याचिका खारिज करने के अलावा, बिड़ला परिवार के तीनों सदस्यों पर 2.5-2.5 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया, जिसे वेस्ट बंगाल लीगल एड अथॉरिटी में जमा कराना होगा।
गौरतलब है कि यह आपत्ति कृष्ण कुमार बिड़ला, बसंत कुमार बिड़ला और यशोवर्धन बिड़ला की ओर से किया गया था। हालांकि अदालत ने गंगा प्रसाद बिड़ला को ही कैविएटर की मंजूरी दी।
दिसंबर 2006 में कोलकाता उच्च न्यायालय ने बिड़ला परिवार के तीनों सदस्यों की ओर से कैविएट के तहत दायर याचिका को नामंजूर कर दिया था और गंगा प्रसाद बिड़ला के कैविएट को ही मंजूरी दी थी।
हालांकि सोमवार को उच्चतम न्यायालय ने चारों याचिका खारिज करने के बाद कहा कि प्रियंवदा बिड़ला की वसीयत के इस मामले की सुनवाई अब पश्चिम बंगाल उच्च न्यायालय में की जा सकेगी।