Sony Zee Merger: Sony ने ज़ी एंटरटेनमेंट (Zee Entertainment) के साथ अपनी भारतीय कंपनी के 10 बिलियन डॉलर के मर्जर सौदे की कुछ ‘वित्तीय शर्तों’ को पूरा करने में विफल रहने की वजह रद्द किया था। रायटर्स ने टर्मिनेशन लेटर के हवाले से यह जानकारी दी है।
दूसरी तरफ, ZEE Entertainment ने सोनी को लिखे एक पत्र में आरोपों से इनकार किया है और जापानी कंपनी पर मर्जर को रद्द करने में ‘विश्वास की कमी’ का आरोप लगाया।
बता दें कि अगर ZEE और SONY का मर्जर हो जाता तो यह दुनिया के सबसे अधिक आबादी वाले देश भारत में खेल, मनोरंजन और समाचार के 90 से ज्यादा चैनलों का एक बड़ा मीडिया पावरहाउस तैयार हो जाता।
Sony ने 22 जनवरी को मर्जर संबंधी योजनाओं को समाप्त कर दिया था। सोनी ने कहा था कि वह ऐसा इसलिए कर रहा है क्योंकि दो साल की बातचीत के बाद “क्लोजिंग कंडीशन” शर्तों से संतुष्ट नहीं है। हालांकि, न तो सोनी और न ही ज़ी ने टर्मिनेशन लेटर को सार्वजनिक किया।
रॉयटर्स के अनुसार, सोनी के नोटिस में कहा गया है कि ज़ी नकदी उपलब्धता समेत कुछ वित्तीय जरूरतों को पूरा करने के लिए “व्यावसायिक रूप से उचित प्रयास करने में विफल” रहा। जबकि भारतीय नेटवर्क का कहना है कि “व्यावसायिक बुद्धिमता की कमी” के कारण सोनी ने यह निर्णय लिया है।
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जापान की कंपनी सोनी ग्रुप कॉरपोरेशन के पूर्ण स्वामित्व वाली सोनी पिक्चर्स ने इस बारे में ज़ी को नोटिस भेजा है। कंपनी ने सौदा खत्म करने के बदले ज़ी एंटरटेनमेंट से 9 करोड़ डॉलर भी मांगे हैं। जवाब में ज़ी के बोर्ड ने कहा कि वह शेयरधारकों के हित की रक्षा के लिए सभी कदम उठाएगा।
यदि दोनों कंपनियों का विलय हो जाता तो 10 अरब डॉलर की भारी भरकम मनोरंजन कंपनी तैयार हो जाती। आम मनोरंजन चैनलों के बाजार का तकरीबन 25 फीसदी हिस्सा उसी कंपनी के पास होता।
उल्लेखनीय है कि यह मर्जर सौदा रद्द होने के बाद ज़ी एंटरटेनमेंट (Zee Entertainment) के शेयरों में बड़ी गिरावट आई है और यह अब तक 30 प्रतिशत तक लुढ़क चुके है।