देश में कोविड के बढ़ते मामलों को लेकर पैदा हुई चिंताजनक स्थिति और महाकुंभ मेले को देखते हुए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने उत्तराखंड सरकार को आगाह किया है कि वह इस धार्मिक आयोजन के दौरान वायरस के प्रसार को नियंत्रित करने के लिए जांच की रफ्तार बढ़ाए और पूर्व चेतावनी पर भी जोर दे।
देश में नवंबर के अंत के बाद रविवार सुबह एक दिन में सबसे ज्यादा कोविड के 43,000 से अधिक मामले दर्ज किए गए। भारत में 12 से अधिक राज्यों में पिछले कुछ हफ्तों के दौरान कोविड-19 के मामलों में वृद्धि दिखी है। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला भी कोरोनावायरस से संक्रमित पाए गए और उन्हें अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के कोविड सेंटर में भर्ती कराया गया। स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने कहा है कि कुंभ मेले के दौरान ज्यादा संक्रमण वाले राज्यों के तीर्थयात्रियों के भी हरिद्वार जाने की उम्मीद है और इससे स्थानीय आबादी में भी संक्रमण के मामलों में बढ़ोतरी हो सकती है।
भूषण ने उत्तराखंड के मुख्य सचिव को पत्र लिखकर हरिद्वार में दैनिक जांच की अपर्याप्त संख्या की ओर इशारा करते हुए कहा कि 50,000 रैपिड ऐंटीजन टेस्ट और 5,000 आरटी-पीसीआर जांच हुई है। जांच की संख्या तीर्थयात्रियों की तादाद के लिहाज से पर्याप्त नहीं है।
कुंभ मेले में चिकित्सा सुविधा और जन स्वास्थ्य इंतजामों की समीक्षा के लिए हरिद्वार दौरे पर आई केंद्रीय टीम की रिपोर्ट के मुताबिक रोजाना 10-20 तीर्थयात्रियों और 10-20 स्थानीय लोगों में संक्रमण की पुष्टि हो रही है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा, ‘संक्रमण मामलों की तादाद बढऩे से मुमकिन है कि इन मामलों में और तेजी आएगी क्योंकि कुंभ के दौरान लोगों की बड़ी तादाद वहां पहुंचेगी।’ राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र (एनसीडीसी) के निदेशक एस के सिंह के नेतृत्व में एक उच्चस्तरीय केंद्रीय टीम के साथ ही एनसीडीसी के अतिरिक्त निदेशक एस के जैन और उप निदेशक मीरा धुरिया सहित टीम के अन्य सदस्यों को 16-17 मार्च को हरिद्वार में होने वाले कुंभ मेले से पहले तैयारी की समीक्षा के लिए भेजा गया था। कुंभ मेला 1 अप्रैल से शुरू होगा।
स्वास्थ्य मंत्रालय ने राज्य सरकार को सलाह दी है कि राज्य केंद्र द्वारा जारी दिशानिर्देशों का ईमानदारी से पालन करे और विशेष रूप से स्थानीय आबादी के बीच कोविड-19 के लक्षणों के बारे में जागरूकता बढ़ाए और उन्हें खुद इसकी सूचना देने के लिए प्रेरित करे। स्थानीय अधिकारियों को यह भी सुनिश्चित करना होगा कि जिन जगहों पर संक्रमण फैलने की ज्यादा आशंका है वहां लोगों को लक्षित किया जाए और कुंभ के ‘शाही स्नान’ से पहले और बाद के दिनों में भी अग्रिम पंक्ति के कार्यकर्ताओं की समय-समय पर जांच जारी रखी जाए।
अगर संक्रमण के मामले तेजी से बढ़ते हैं और महामारी तेजी से फैलती है तब राज्य के अधिकारियों को एनसीडीसी के परामर्श से जीनोम अनुक्रमण के लिए तुरंत नमूने भेजने होंगे। रविवार सुबह तक दर्ज किए गए नए मामलों में 80 फीसदी से अधिक मामले छह राज्यों के थे। महाराष्ट्र में एक दिन में संक्रमण के सबसे अधिक 27,126 नए मामले दर्ज कराए गए हैं। इसके बाद पंजाब के 2,578 मामले सामने आए हैं। महाराष्ट्र, पंजाब, कर्नाटक, गुजरात और मध्य प्रदेश में पिछले 24 घंटों में 77.7 फीसदी नए मामले सामने आए हैं। पिछले 24 घंटे में 197 लोगों की मौत हुई है। छह राज्यों में नई मौतों की हिस्सेदारी 86.8 फीसदी है। महाराष्ट्र में मरने वालों की अधिकतम तादाद 92 रही। लोकल सर्किल्स के एक सर्वेक्षण में कहा गया है कि 52 फीसदी नागरिकों का मानना है कि नए कोरोनावायरस की किस्म का खतरा अधिक है जिससे संक्रमण की दूसरी लहर और तेज होती नजर आ रही है। अब तक सरकार ने देश में ब्रिटेन, दक्षिण अफ्रीका और ब्राजील की वायरस किस्मों के 400 मामलों का पता लगाया है।
टीका लेने के 28 दिन बाद तक रक्तदान नहीं
राष्ट्रीय रक्त संचरण परिषद् (एनबीटीसी) ने हाल में एक आदेश जारी कर कहा है कि कोविड-19 टीके की अंतिम खुराक लेने के 28 दिन बाद तक कोई व्यक्ति रक्तदान नहीं कर सकता है। एनबीटीसी के शासकीय निकाय की 17 फरवरी को हुई 30वीं बैठक में कोविड-19 टीका लगवाने के बाद रक्तदान नहीं करने की अवधि ‘टीके की अंतिम खुराक लेने के 28 दिन बाद तक की तय की गई।’
आदेश में कहा गया कि टीके की दूसरी खुराक लगवाने के बाद रक्तदान करने वाले को 28 दिनों तक इंतजार करना होगा, जिसका मतलब है कि पहली खुराक लेने के बाद वह 56 दिनों तक रक्तदान नहीं कर सकेगा। एनबीटीसी के निदेशक डॉ. सुनील गुप्ता ने 5 मार्च को आदेश जारी किया था। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक किसी भी व्यक्ति को 28 दिनों के अंतराल पर टीके की दो खुराक लेने की जरूरत होती है। इसने कहा है कि दूसरा टीका लेने के दो हफ्ते बाद सामान्य तौर पर एंटीबॉडी की सुरक्षात्मक स्तर का विकास होता है। मंत्रालय ने स्पष्ट किया कि कोविड-19 का टीका लगवाने के बाद लोगों को शराब का सेवन नहीं करना चाहिए। भाषा