इस बार आप जब देव भूमि के नाम से चर्चित उत्तराखंड की सैर को जाएं तो शायद आपकी ‘खातिरदारी’ खुद वहां की पुलिस करे!
डरने की बात नहीं है क्योंकि हम आपको कोई अपराधी थोड़ी ही मान रहे हैं…यहां खातिरदारी का मतलब अपराधियों के लिए आमतौर होने वाली पुलिसिया खातिरदारी से नहीं है। बल्कि राज्य सरकार ने यहां आने वाले पर्यटकों के लिए मेहमानवाजी के लिए यह खास इंतजाम किया है।
एवियेशन सेक्टर की मिसाल लेते हुए राज्य की पुलिस ने बाकायदा राज्य पर्यटन पुलिस का गठन किया है। यह राज्य पर्यटन पुलिस अमूमन सख्त मिजाज पुलिसिया चेहरों की बजाय किस कदर आकर्षक, चुस्त-दुरुस्त और शिष्ट होगी, इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि इसके पहले के लिए उत्तराखंड पुलिस ने एयर होस्टेस एकेडमी और फ्रैंकलिन इंस्टीटयूट से 100 युवा लड़के-लडकियों को चुना है।
इस अनूठी पहल को राज्य पुलिस के मुखिया डीजीपी सुभाष जोशी की ओर अंजाम दिया जा रहा है। इसके तहत पर्यटन पुलिस को आतिथ्य क्षेत्र की दिगज मानी जानी वाली इन दोनों संस्थाओं की ओर बाकायदा ट्रेनिंग भी दी जाएगी। ट्रेनिंग में बोलचाल का अंदाज, भाषा, आत्म अनुशासन, व्यक्तित्व विकास और शिष्टाचार के तौर-तरीकों से वाकिफ कराया जाएगा। अंग्रेजी पर इस ट्रेनिंग में खास तवाो दी जाएगी क्योंकि यहां आने वाले पर्यटकों में एक बड़ी तादाद अमेरिका और ब्रिटेन के लोगों की होती है।
शुरुआती तौर पर इस मुहिम के लिए गढ़वाल क्षेत्र के 22 पर्यटन स्थलों की पहचान की गई है। इनमें मसूरी, बदरीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री, यमुनोत्री, ऋषिकेश और हरिद्वार जैसे अहम क्षेत्र भी शामिल हैं। इन 22 जगहों पर पर्यटन पुलिस के पहले बैच की तैनाती की जाएगी। गढ़वाल रेंज के आईजी अशोक कुमार कहते हैं- ये सभी इलाके पर्यटकों को बड़ी तादाद में आकर्षित करते हैं। हमारी पुरजोर कोशिश रहेगी कि उनकी मेहमानवाजी में किसी तरह की कोर कसर न रह जाए।
पर्यटक पुलिस का पूरा जोर इस बात पर रहेगा कि पर्यटकों को यहां न सिर्फ शांतिपूर्ण माहौल मिले बल्कि दोस्ताना तौर-तरीकों से उनका दिल भी जीत लिया जाए। योजना के पहले चरण में फ्रैंकलिन इंस्टीटयूट चार सब इंस्पेक्टर. 13 हेड कांस्टेबल, 58 कांस्टेबल और 25 महिला कांस्टेबलों को ट्रेनिंग देगा।
दूसरे चरण में एयर होस्टेस एकेडमी के जिम्मे कुमाऊं क्षेत्र के टॉप हिल रिसॉर्ट अल्मोड़ा, कौसानी और नैनीताल जैसे क्षेत्रों में इसी तरह की ट्रेनिंग को अंजाम देना होगा। राज्य की इस दिलचस्प पर्यटन योजना की देख-रेख खुद डीजीपी करेंगे।
इस योजना की बाबत जब पर्यटन मंत्री प्रकाश पंत से संपर्क किया गया तो उन्होंने इसकी सराहना करते हुए कहा कि ठीक इसी तरह की ट्रेनिंग राज्य के गेस्ट हाउस कर्मचारियों को भी दी जाएगी। पंत ने कहा- यह एक बेहतरीन और अनूठी पहल है, जिसके जरिए राज्य में पर्यटन को विकास की तेज रफ्तार डगर पर चलने में बहुत मदद मिलेगी।
वर्दी वाला दोस्त
पर्यटकों के स्वागत के लिए पुलिस महकमे ने बनाई प्रदेश में पर्यटन पुलिस
पहले बैच को ट्रेनिंग देने के लिए चुना फ्रैंकलिन और एयरहोस्टेस एकेडमी को