facebookmetapixel
पैरेट कंपनी से ज्यादा हुआ एलजी इंडिया का मूल्यांकन, 13 अरब डॉलर पर पहुंचाटाटा मोटर्स का पैसेंजर व्हीकल्स बिजनेस 1.45 लाख करोड़ रुपये का, निवेशकों की नजर भविष्य परRupee vs Dollar: रुपये में फिर आई गिरावट, 88.80 प्रति डॉलर के नए निचले स्तर पर आयासोना पहुंचा 4,100 डॉलर के पार, व्यापारिक टकराव और फेड रेट कटौती की उम्मीदों ने बढ़ाई मांगशेयर बाजार में गिरावट बरकरार, फाइनैंशियल स्टॉक की चमक हुई फीकीTech Mahindra Q2FY26 Result: मुनाफा 4.4% घटकर ₹1,194 करोड़ रह गया, ₹15 के डिविडेंड का किया ऐलानSuzlon Energy: ₹70 तक जाएगा ये एनर्जी स्टॉक! दिवाली से पहले BUY का शानदार मौकाBihar Elections 2025: भाजपा की 71 उम्मीदवारों की पहली लिस्ट जारी, दो उपमुख्यमंत्रियों, छह मंत्रियों के नामInfosys को मिला ₹14,000 करोड़ का ऑर्डर, NHS के लिए बनाएगी नया वर्कफोस मैनजमेंट सिस्टमICICI Prudential Life Q2FY26 Result: मुनाफा 18% बढ़कर ₹296 करोड़ हुआ, नेट प्रीमियम आय भी बढ़ी

MidCap में कमजोरी के आसार, बन रही है गिरावट की गुंजाइश

Midcap Forecast 2023: निफ्टी-50 भले ही नई ऊंचाई पर है और दो वर्षीय आधार पर यह अक्टूबर 2021 की ऊंचाई से करीब 7 प्रतिशत तक ऊपर है।

Last Updated- September 15, 2023 | 10:39 PM IST
Stock Market Today

जेफरीज के वैश्विक प्रमुख (इक्विटी स्ट्रैटजी) क्रिस वुड ने निवेशकों को भेजी अपनी ताजा रिपोर्ट ‘ग्रीड ऐंड फियर’ में लिखा है कि मिडकैप शेयरों में ताजा तेजी ने मूल्यांकन महंगा बना दिया है और अब गिरावट की गुंजाइश बन रही है।

वुड ने कहा है कि मिडकैप सूचकांक अब 12 महीने आगामी आय के 24.1 गुना पर कारोबार कर रहा है, जो निफ्टी के लिए 18.7 गुना है। उनका मानना है कि बढ़ती तेल कीमतें भारत के लिए दूसरी चिंता है। भारत अपनी सालाना कच्चे तेल की जरूरत का करीब 80 प्रतिशत हिस्सा आयात करता है।

उन्होंने कहा, ‘इस परिवेश में, मिडकैप सेगमेंट में गिरावट की स्पष्ट गुंजाइश दिख रही है, क्योंकि तेल कीमतों में लगातार तेजी से भारत में कुछ मुद्रास्फीति दबाव पैदा हो सकता है, जैसा कि विकसित दुनिया में देखने को मिला है। लेकिन अभी भी ऐतिहासिक मानकों के नजरिये से लार्जकैप शेयरों का मूल्यांकन ज्यादा नहीं बढ़ा है। बाजारों में किसी तरह की गिरावट खरीदारी का अवसर होगी।’

2023 में अब तक निफ्टी मिडकैप 100 इंडेक्स 29 प्रतिशत चढ़ा

कैलेंडर वर्ष 2023 में अब तक निफ्टी मिडकैप 100 इंडेक्स 29 प्रतिशत चढ़ा है, जबकि निफ्टी-50 में 11 प्रतिशत की तेजी आई है। वुड ने कहा है यह तेजी घरेलू इक्विटी म्युचुअल फंडों के प्रवाह में सुधार पर आधारित रही है, जो अगस्त में 29,000 करोड़ रुपये पर पहुंच गया। यह फंड प्रवाह मार्च 2022 के बाद से सर्वाधिक रहा।

इस बीच, विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) ने भी कैलेंडर वर्ष 2023 में भारतीय बाजारों में अच्छी वापसी की है और अब तक (8 सितंबर) 1.31 लाख करोड़ रुपये का शुद्ध निवेश किया। तुलनात्मक तौर पर, उन्होंने 2021 की समान अवधि के दौरान भारतीय इक्विटी में सिर्फ 59,539 करोड़ रुपये का निवेश किया था, जबकि जनवरी-सितंबर 2022 के बीच करीब 1.7 लाख करोड़ रुपये की निकासी की थी।

आंकड़ों से पता चलता है कि घरेलू संस्थानों ने अपनी दिलचस्पी बरकरार रखी और जनवरी-सितंबर 2021 के बीच 28,313 करोड़ रुपये, 2022 की समान अवधि में 1.62 लाख करोड़ रुपये और 2023 में अब तक 1.15 लाख करोड़ रुपये का निवेश किया।

विश्लेषकों का मानना है कि बाजारों के लिए अल्पावधि नजरिये से जोखिम बढ़ रहे हैं। जियोजित फाइनैंशियल सर्विसेज के मुख्य निवेश रणनीतिकार वी के विजयकुमार का मानना है कि निवेशक मौजूदा तेजी में निवेशित बने रहकर भी खासकर ज्यादा चढ़ चुके मिडकैप और स्मॉलकैप सेगमेंट में कुछ मुनाफावसूली कर सकते हैं।

निफ्टी-50 सूचकांक 19,000 के स्तर से 20,000 पर तेजी से पहुंचा और उसने यह सफलता जुलाई 2023 से सितंबर 2023 के बीच महज 52 कारोबारी दिनों में हासिल की, जबकि 18,000 से 19,000 तक पहुंचने में 50 शेयर वाले इस सूचकांक को 425 कारोबारी दिन (अक्टूबर 2021 से जून 2023 तक) लगे।

मोतीलाल ओसवाल फाइनैंशियल सर्विसेज के विश्लेषकों के अनुसार निफ्टी-50 अब 18.8 गुना के 12 महीने आगामी पीई पर कारोबार कर रहा है, जो उसके लॉन्ग-पीरियड एवरेज (एलपीए) के मुकाबले 7 प्रतिशत नीचे है।

निफ्टी-50 भले ही नई ऊंचाई पर है और दो वर्षीय आधार पर यह अक्टूबर 2021 की ऊंचाई से करीब 7 प्रतिशत तक ऊपर है।

First Published - September 15, 2023 | 10:23 PM IST

संबंधित पोस्ट