राष्ट्रीय राजधानी में कोरोनावायरस संक्रमण के नए मामलों में कमी आने पर लॉकडाउन में ढील दिए जाने के बीच डॉक्टरों ने मंगलवार को आगाह किया कि अगर लोग सुरक्षा मानदंडों का पालन नहीं करते हैं तो दिल्ली को कोविड की ‘दूसरी लहर से भी खराब स्थिति’ का सामना करना पड़ सकता है। प्रमुख सरकारी और निजी अस्पतालों के कई डॉक्टरों की टिप्पणी बाजारों से उन तस्वीरों के सामने आने पर आई है जिनमें देखा जा सकता है कि लोग कोविड संबंधी उपयुक्त व्यवहार नहीं कर रहे। कोविड संबंधी उपयुक्त व्यवहार में मास्क पहनना और सामाजिक दूरी का पालन करना शामिल है। अपोलो अस्पताल के वरिष्ठ डॉक्टर सुरनजीत चटर्जी ने चेतावनी दी कि अगर लोग सुरक्षा मानदंडों का पालन नहीं करते हैं और मानदंडों का सख्ती से पालन नहीं किया जाता है तो ‘हम फिर से परेशानी में घिर सकते हैं।’ उन्होंने कहा कि अप्रैल में 28,000 से अधिक मामले सामने आ रहे थे और कल 131 नए मामले सामने आए। चटर्जी ने कहा कि संक्रमण के मामलों में यह नाटकीय गिरावट है और अगर लॉकडाउन इसका प्राथमिक कारण था तो ‘हमें अब बहुत सावधानी से चलना होगा।’
विशेषज्ञों ने मई के मध्य में कहा था कि प्रमुख रूप से लॉकडाउन के कारण नए मामलों की संख्या में कमी आई है। उन्होंने आगाह किया था कि मामलों की गंभीरता अभी भी बरकरार है। फोर्टिस अस्पताल की डॉक्टर ऋचा सरीन ने कहा, ‘तीसरी लहर के आने का खतरा काफी वास्तविक है और यह कोई कल्पना नहीं है।’
