उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव से ठीक पहले सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी को बड़ा झटका लगा है। योगी सरकार में श्रम एवं सेवायोजन मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य ने मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया है। मौर्य के साथ कुछ और भी विधायकों ने भी भाजपा से इस्तीफा दे दिया है। स्वामी प्रसाद मौर्य की बेटी संघमित्र मौर्य भाजपा के टिकट पर बदायंू से लोकसभा सांसद हैं। मौर्य के साथ ही कानपुर के बिल्हौर से भाजपा विधायक भगवती सागर, बांदा के तिंदवारी से भाजपा विधायक बृजेश प्रजापति और तिलहर, शाहजहांपुर के विधायक रोशनलाल वर्मा ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। मौर्य के जल्द ही समाजवादी पार्टी में शामिल होने की संभावना है। इस्तीफे के तुरंत बाद उन्होंने सपा प्रमुख अखिलेश यादव से मुलाकात की है। मुलाकात के बाद अखिलेश यादव ने मौर्य का समाजवादी परिवार में स्वागत करते हुए ट्वीट भी किया। सपा मुखिया ने कहा कि सामाजिक न्याय और समता-समानता की लड़ाई लडऩे वाले स्वामी प्रसाद मौर्य एवं उनके साथ आने वाले सभी नेताओं, कार्यकर्ताओं और समर्थकों का पार्टी में स्वागत है।
मौर्य की पूर्वांचल के कुछ इलाकों में अच्छी पकड़ मानी जाती है। स्वामी प्रसाद मौर्य इससे पहले बहुजन समाज पार्टी में थे और मायावती के खास लोगों में शुमार थे। मौर्य ने राज्यपाल को भेजे इस्तीफे में लिखा है कि उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के मंत्रिमंडल में विपरीत परिस्थितियों व विचारधारा में रहकर भी काम किया लेकिन दलितों, पिछड़ों, किसानों, बेरोजगार नौजवानों एवं छोटे-लघु एवं मध्यम श्रेणी के व्यापारियों की घोर उपेक्षा के कारण वे मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे रहे हैं। इस्तीफे के बाद पहली प्रतिक्रिया में स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा कि आगे की धार और आगे की वार देखते रहिए,अभी 10 से 12 और विधायक इस्तीफा देंगे। उन्होंने कहा कि वह एक से दो दिन में पूरी स्थिति से मीडिया को रूबरू कराएंगे कि उन्हें क्या करना है।
दूसरी ओर स्वामी प्रसाद के इस्तीफे के बाद हरकत में आए भाजपा आलाकमान ने डैमेज कंट्रोल शुरू कर दिया है। उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने ट्वीट कर स्वामी प्रसाद के इस्तीफे पर विचार करने को कहा है। उन्होंने कहा कि मिलकर बात करनी चाहिए और जल्दबाजी में लिए गए फैसले गलत होते हैं। गृहमंत्री अमित शाह ने भी मौर्य से फोन पर बात की है।
बसपा सुप्रीमो मायावती अगला विधानसभा चुनाव नहीं लड़ेंगी
बहुजन समाज पार्टी के महासचिव सतीश चंद्र मिश्रा ने मंगलवार को बताया कि पार्टी प्रमुख मायावती ने फिलहाल उत्तर प्रदेश का अगला विधानसभा चुनाव नहीं लडऩे का फैसला लिया है। मिश्रा ने कहा, ‘फिलहाल पार्टी का यही निर्णय है कि बहन जी और मैं उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव नहीं लड़ेंगे। हालांकि, आगे का फैसला बहन जी खुद करेंगी।’ उन्होंने कहा, ‘पंजाब, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड सहित कई राज्यों में चुनाव हो रहे हैं। बहन जी चुनाव लड़वाने का काम कर रही हैं। मायावती ने हमें जो दिशा-निर्देश दिए हैं, उनके आधार पर ही हम इन राज्यों में चुनावी तैयारी कर रहे हैं।’ बसपा के राज्यसभा सदस्य मिश्रा ने बताया कि उत्तर प्रदेश की सभी 403 सीटों पर बसपा अकेले दम पर बिना किसी गठबंधन के प्रत्याशी उतारेगी। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में भी पार्टी अपने दम पर चुनाव लड़ेगी। पंजाब में बसपा शिरोमणि अकाली दल (शिअद) के साथ गठबंधन में चुनाव लड़ेगी। उन्होंने कहा, ‘हम चुनाव नहीं लड़ रहे हैं। मैं अभी राज्यसभा का सदस्य हूं। इसलिए मैं भी चुनाव नहीं लड़ रहा हूं।’ भाषा
मोदी गुरुवार को मुख्यमंत्रियों के साथ कर सकते हैं बैठक
कोविड-19 के नए स्वरूप ओमीक्रोन के कारण संक्रमण के बढ़ते मामलों के मद्देनजर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुरुवार को सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ बैठक कर सकते हैं। यह जानकारी मंगलवार को सूत्रों ने दी। संक्रमण के तेजी से बढ़ रहे मामलों को देखते हुए देश के विभिन्न हिस्सों में नए प्रतिबंध लगाए गए हैं। भाषा