दिल्ली सरकार पट्टा किराया (लीज रेंट) के बकाये का भुगतान न करने वाले उद्यमियों के खिलाफ सख्त हो गई है। सरकार ने पुनर्वास योजना के आवंटियों को इस किराये के बकाया भुगतान करने के लिए 30 दिन की मोहलत दी है। इसके बाद किराया न देने वालों के आवंटन रद्द हो सकते हैं। दिल्ली में उच्चतम न्यायालय के आदेश पर बनी पुनर्वास योजना के तहत करीब 22 हजार उद्यमियों को औदयोगिक भूखंड और फलेटेट फैक्टरी आवंटित हुई थी।
ये भूखंड नरेला, बवाना, भोरगढ़,झिलमिल व बादली औद्योगिक क्षेत्रों में आवंटित हुए थे। दिल्ली सरकार के एक अधिकारी ने बताया कि दिल्ली में पुनर्वास योजना के तहत औद्योगिक भूखंड लेने वाले उद्यमियों को भूखंड की कीमत का 2.5 फीसदी पटटा किराया देना होता है। यह किराया कब्जा लेने के 5 साल बाद लागू होता है और इस किराये का भुगतान दिल्ली राज्य औद्योगिक व अवसंरचना विकास निगम को किया जाता है। ऐसा देखा जा रहा है कि बड़ी संख्या में आवंटियों ने लंबे समय से इस किराये का भुगतान नहीं किया है।
