देश में कोविड-19 के तेजी से बढ़ते संक्रमण के बीच सरकार द्वारा टीके पर गठित विशेषज्ञ समिति ने रूस में तैयार टीके स्पूतनिक वी के आपात इस्तेमाल की अनुमति दिए जाने की सिफारिश की है। दवा नियामक भारत दवा महानियंत्रक स्पूतनिक वी को मंजूरी देने से पहले सब्जेक्ट एक्सपर्ट कमिटी (एसईसी) की सिफारिश पर विचार करेगा। सूत्रों का कहना है कि सोमवार देर रात तक दवा नियंत्रक स्पूतनिक वी के इस्तेमाल पर मुहर लगा सकता है।
इससे पहले सीरम इंस्टीट्यूट द्वारा तैयार कोविशील्ड और भारत बायोटेक के टीके कोवैक्सीन को डीसीजीआई ने तत्काल मंजूरी दे दी थी। स्पूतनिक वी के तीसरे चरण के परीक्षण के अंतरिम विश्लेषण में किए गए दावों के अनुसार स्पूतनिक वी कोविड-19 संक्रमण रोकने में 91.6 प्रतिशत तक कारगर रहा है।
रशियन डाइरेक्ट इन्वेस्टमेंट फंड (आरडीआईएफ ) की साझेदार डॉ. रेड्डीज लैबोरेटरीज (डीआरएल) ने भारत में कुछ लोगों पर इस टीके का परीक्षण किया था और नियामक से इस टीके के इस्तेमाल की अनुमति मांगी थी। आरडीआईएफ ने पैनेसिया बायोटेक, स्टेलिस फार्मा, हेटरो, ग्लैंड फार्मा, विर्को ग्रुप सहित कई दूसरी भारतीय कंपनियों से स्पूतनिक वी की 85.2 करोड़ खुराक तैयार कराने का इंतजाम किया है। सूत्रों ने दावा किया है कि सीरम इंस्टीट्यूट भी यह टीका बना सकती है। भारतीय और विदेशी बाजारों के लिए भारत में हर साल स्पूतनिक वी की 100 करोड़ से अधिक खुराक बनाई जा सकती हैं। इनमें से 25 करोड़ खुराक भारतीय बाजार के लिए रहेंगी क्योंकि पैनेसिया बायोटेक जैसी कंपनियां केवल विदेशी बाजारों के लिए स्पूतनिक तैयार कर रही हैं।
हालांकि डीआरएल ने इस सवाल का जवाब नहीं दिया कि भारत में उसके साझेदारों से तत्काल कितनी खुराक उपलब्ध होंगी। पूरे मामले की जानकारी रखने वाले सूत्रों ने बताया कि भारत में टीके की किल्लत से निपटने के लिए स्पूतनिक वी का आयात किया जा सकता है।
स्पूतनिक वी के आपात इस्तेमाल की सिफारिश से डॉ रेड्डीज लैबोरेटरीज का शेयर आज 4.8 प्रतिशत तक उछल गया। बाजार को लगता है कि इससे कंपनी के राजस्व और आय में इजाफा होगा। जेएम फाइनैंशियल की एक रिपोर्ट में कहा गया था कि डीआरल को भारत मेंं इस टीके की पहली 25 करोड़ खुराक के वितरण का विशेष अधिकार होगा इस वजह से कंपनी के लिए राजस्व के लिहाज से अच्छी संभावनाएं हैं।