facebookmetapixel
Tata Motors Q2 Results: Q2 में ₹867 करोड़ का नुकसान, पर आय बढ़कर ₹18,491 करोड़ पर पहुंचाफैमिली पेंशन नियमों में बड़ा बदलाव: कर्मचारियों के माता-पिता को 75% पेंशन लेने के लिए अब यह करना जरूरीछोटे लोन पर ‘उचित ब्याज दर’ रखें MFIs, 30-35 करोड़ युवा अब भी बैंकिंग सिस्टम से बाहर: सचिव नागराजूQ3 में तेजी से सुधरा वेयरहाउसिंग और लॉजिस्टिक सेक्टर, मांग 64% बढ़ी; मुंबई और कोलकाता का प्रदर्शन शानदारIncome Tax: रिवाइज्ड IT रिटर्न क्या है, जिसे आप कैलेंडर ईयर के अंत तक फाइल कर सकते हैंIndia International Trade Fair 2025: साझीदार राज्य बना यूपी, 343 ओडीओपी स्टॉल्स और 2750 प्रदर्शकों के साथ बड़ा प्रदर्शनबुलेट बनाने वाली कंपनी का मुनाफा 25% बढ़कर ₹1,369 करोड़, रेवेन्यू में 45% की उछालPhonePe ने OpenAI के साथ मिलाया हाथ, अब ऐप में मिलेगी ChatGPT जैसी खास सुविधाएंNFO Alert: ₹99 की SIP से Mirae Asset MF के इंफ्रास्ट्रक्चर फंड में निवेश का मौका, जानें इसकी खासियतDigital Life Certificate: ऑनलाइन जीवन प्रमाण पत्र जमा करते समय साइबर धोखाधड़ी से कैसे बचें?

सास-बहू ड्रामे की रानी का कम होता जादू

Last Updated- December 05, 2022 | 5:02 PM IST

पिछले सात सालों से एकता कपूर अपने सीरियल्स के जरिये भारतीय टीवी सेटों पर राज करती आ रही हैं।


पिछले सात सालों से सीरियल्स की टॉप 10 रेटिंग चार्ट में उनके सीरियल्स हमेशा टॉप पर रहे हैं। हालांकि, सास-बहू ड्रामे की इस रानी का जादू अब कम होता जा रहा है। एक दौर में स्टार पर दिए जाने वाले सीरियल्स ‘क्योंकि सास भी कभी बहू थी’ और ‘कहानी घर घर की’ के रेटिंग्स 12 प्वाइंट से भी ऊपर रहा करते थे, पर अब वक्त बदल चुका है। 


अब तो इन्हें 4 की रेटिंग भी बरकार रखने के लिए खासी मश्क्कत करनी पड़ रही है। टैम मीडिया रिसर्च के मुताबिक दो से आठ मार्च के बीच ‘क्योंकि…’ की रेटिंग चार से 3.8 प्वाइंट के बीच रही है। वहीं, ‘कहानी…’ तो टॉप टेन की लिस्ट में जगह भी नहीं बना पाई है। वैसे, स्टार ही नहीं जी, सोनी और 9एक्स समेत दूसरे सभी चैनलों पर भी इसके सीरियल्स का जादू कम हो रहा है। मिसाल के तौर पर जीटीवी पर दिए जा रहे ‘कसम से’ सीरियल को ही ले लीजिए।


2007 की शुरुआत में तो इसकी रेटिंग 3.8 तक हुआ करती थी, लेकिन अब तो इसकी रेटिंग घटकर 2.8 से 2.4 पर आ गई है। साथ ही, 9एक्स पर दिखाए जा रहे बालाजी के सीरियल्स ‘क्या दिल में है’ और ‘कहें न कहें’ की रेटिंग तो एक प्वाइंट तक को भी नहीं छू पाई है। सोनी पर भी इसका सीरियल ‘कुछ इस तरह’ कोई कमाल नहीं कर पाया है। 


जीटीवी के बिजनेस हेड तरुण मेहरा का कहना है कि,’पिछले पांच साल की तुलना में देखें तो हां बालाजी का जादू कम हुआ है। हालांकि, इसके लिए उनका कम और मार्केट का दोष ज्यादा है।  लोग पुराने सीरियल्स से तंग आ गए हैं।’


दूसरी तरफ, दूसरे शोज का जादू ज्यादा तेजी से लोगों के सिर पर चढ़ रहा है। अब जीटीवी के एक सीरियल ‘बनूं मैं तेरी दुल्हन’ को ही ले लीजिए। इसकी रेटिंग 4.7 तक जा चुकी है। वहीं क्रिएटिव आई की सीरियल्स ‘घर की लक्ष्मी बेटियां’ और ‘मायका’ की भी रेटिंग 3.4 और 3.5 रिकॉर्ड की गई। वहीं सात फेरे की रेटिंग भी 3.7 के आस-पास रिकॉर्ड की गई।

First Published - March 25, 2008 | 11:44 PM IST

संबंधित पोस्ट