रियल एस्टेट इन्वेस्टमेंट ट्रस्ट (रीट्स) और इन्फ्रास्ट्रक्चर इन्वेस्टमेंट ट्रस्ट (इनविट्स) को उधार देने की विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों की मिली अनुमति और उन्हें दिए गए लाभांश को टीडीएस से दी गई छूट के कारण एक्सचेंजों पर रीट व इनविट की सूचीबद्धता में इजाफा हो सकता है और छोटी कंपनियां भी इस तरह की प्रतिभूतियों पर नजर डाल सकते हैं। यह कहना है कंपनियों के अधिकारियों और पूंजी बाजार के विशेषज्ञों का।
टाटा रियल्टी ऐंड इन्फ्रास्ट्रक्चर के प्रबंध निदेशक और सीईओ संजय दत्त ने कहा, रीट हमारे रणनीतिक लक्ष्य में से एक है। बजट ने इसे बेहतर बना दिया है। यह बढ़त, विकास और वित्तीय व परिचालन की दक्षता मुहैया कराएगा। हम पहले से ही एनसीआर, मुंबई और चेन्नई में हैं और हैदराबाद, पुणे आदि को जोड़ सकते हैं। टाआ रियल्टी की योजना रीट उतारने की है।
उधर, डीएलएफ के पूर्णकालिक निदेशक अशोक त्यागी ने कहा, जैसा कि पहले ही बताया जा चुका है, हम डीसीसीडीएल रीट पर काम कर रहे हैं। हमारा मानना है कि इस प्रक्रिया में 12 महीने लगेंगे। इसके लिए कुछ कंसल्टेंट की नियुक्ति की जा चुकी है और इस पर काम हो रहा है। रीट के वास्तविक समय का फैसला दो शेयरधारक सभी नियामकीय व रणनीतिक कारणों को ध्यान में रखकर लेंगे। डीसीसीडीएल, डीएलएफ की किराया इकाई है और डीएलएफ व सिंगापुर की फंड जीआईसी के बीच संयुक्त उद्यम है। अभी दो-दो रीट व इनविट एक्सचेंजों पर सूचीबद्ध हैं। ये हैं एम्बेसी पाक्र्स रीट व माइंडस्पेस बिजनेस पाक्र्स रीट और आईआरबी इनविट फंड व इंडिया ग्रिड ट्रस्ट इनविट।
ब्रुकफील्ड के रीट का आईपीओ बुधवार 3 फरवरी को खुलने जा रहा है। पिछले हफ्ते पावर ग्रिड ने 5,000 करोड़ रुपये जुटाने की खातिर इनविट के प्राथमिक दस्तावेज सेबी के पास जमा कराए हैं।
सूत्रों ने कहा, ब्लैकस्टोन के संयुक्त उद्यम मसलन सलारपुरिया सत्व व पंचशील रियल्टी भी रीट लेकर आ सकती हैं और उन्हें सूचीबद्ध करा सकती हैं।
एम्बेसी रीट के डिप्टी सीईओ व सीओओ विकास खडलोया ने कहा, एफपीआई को रीट व इनविट में निवेश की अनुमति की घोषणा सकारात्मक कदम है क्योंकि यह उन्हें डेट कैपिटल के बड़े कोष तक पहुंचने में सक्षम बनाएगा और अंतत: इसका फायदा रियल एस्टेट व इन्फ्रास्ट्रक्चर क्षेत्र को मिलेगा। इससे भविष्य के बॉन्ड में बढ़ती भागीदारी सुनिश्चित होगी और यूनिटधारकों के फायदे के लिए प्रतिस्पर्धी दरों पर डेट कैपिटल तक पहुंच हो सकेगी।
एनारॉक कैपिटल के अध्यक्ष विशाल श्रीवास्तव जैसे विशेषज्ञों ने कहा कि रीट को फंड देने की एफपीआई को इजाजत दिए जाने से रीट की फंडिंग की लागत घटेगी और निवेशकों के प्रतिफल मेंं सुधार होगा, जो इसे और आकर्षक निवेश विकल्प बना देगा।
श्रीवास्तव ने कहा, टीडीएस से छूट और पारदर्शिता लाता है और इससे निवेशकों के प्रवाह में इजाफा भी होगा। उन्होंने कहा, इस हफ्ते ब्रुकफील्ड उतर रही है। इस कैलेंडर वर्ष में हम कम से कम एक और रीट की पेशकश की उम्मीद कर रहे हैं।
मैक्वायरी कैपिटल के प्रबंध निदेशक नितिन गुप्ता ने कहा, यह घोषणा रीट को डेट के जरिए विदेशी पूंजी तक पहुंचने के लिए राह बनाएगा। टीडीएस में छूट से प्रशासनिक बोझ घटाने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा, ये कदमे और सरकारी बॉन्डों के मुकाबले लाभांश प्रतिफल के आकर्षक स्प्रेड से भविष्य में नई सूचीबद्धता में मदद मिलेगी।