रेल मंत्रालय के नौ सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रमों ने वर्ष 2006-07 में 8,758 करोड़ का कारोबार किया है। पिछले साल इन उपक्रमों ने 7,034 करोड़ का कारोबार किया था। इस लिहाज से इस कारोबार में 24.5 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई। पिछले साल के कुल लाभ 818 करोड़ रुपये की तुलना में इस वर्ष 67 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई और यह लाभ 1,366 करोड़ तक पहुंच गया।
2006-07 में इरकॉन इंटरनेशनल लिमिटेड ने 1543 करोड़ रुपये का कारोबार किया था और उसे 76 करोड़ रुपये का मुनाफा हुआ था। पिछले साल इसी कंपनी ने 1113 करोड़ रुपये का कारोबार किया था और उसे 81 करोड़ रुपये का मुनाफा हुआ था। इरकॉन ने मलेशिया में रेल लाइन के निर्माण के तहत 4,000 करोड़ रुपये भी जुटाए हैं।
कंटेनर कार्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (कांकोर) ने 3,000 करोड़ रुपये का कारोबार किया है, जो पिछले साल 2,489 करोड़ रुपये था। इस तरह कंपनी को 526 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ हुआ है। दूसरे उपक्रम इंडियन रेलवे फाइनैंस कॉर्पोरेशन(आईआरएफसी) ने 2,284 करोड़ रुपये का कारोबार किया है और कंपनी को 399 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ हुआ है। जबकि राइट्स ने 566 करोड़ रुपये का कारोबार किया है और उसे 118 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ हुआ है। भारतीय रेल की दूरसंचार कंपनी, रेलटेल भी इस साल मुनाफा कमाने वाले उपक्रमों में शुमार है।
प्रोजेक्ट विकास, वित्तीय संसाधनों की गतिशीलता और स्वर्णिम चतुर्भुज व पोर्ट से जोड़ने के क्रियान्वयन को अमली जामा पहनाने वाली कंपनी, रेल विकास निगम लिमिटेड(आरवीएनएल) को भी 1535 करोड़ रुपये का आबंटन प्रस्तावित है।
बजट अनुमान के मुताबिक रेल योजनाओं के वित्त पोषण के लिए आईआरएफसी को 6907 करोड़ रुपये जुटाने हैं, जबकि विभिन्न रेल प्रोजेक्ट को पूरा करने के लिए रेल विकास निगम लिमिटेड 293 करोड़ रुपये की व्यवस्था करेगा।
