मंकीपॉक्स को लेकर हुए एक हालिया अध्ययन अध्ययन से पता चला है कि मंकीपॉक्स वायरस घर में इस्तेमाल होने वाली कई सामान्य घरेलू वस्तुओं पर कई दिनों तक जिंदा रह सकता है। हालांकि यह अभी तक स्पष्ट नहीं है घरेलू सामान में मिलने वाला ये वायरस संक्रमण फैला सकता है या नहीं।
कई दिनों तक जिंदा रह सकता
ब्लूमबर्ग में छपी एक रिपोर्ट के अनुसार एक साथ मंकीपॉक्स से संक्रमित दो रोगियों से बात करने पर पता चला की उन्होंने अपने घर को बार बार सेनेटाइज किया, दिन में कई बार हाथ धोए और नियमित रूप से स्नान भी किया। लेकिन यूएस सेंटर फॉर डिसीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन के शोधकर्ताओं ने पाया कि के 20 दिन बाद भी संक्रमित व्यक्तियों द्वारा इस्तेमाल की गयी 70 प्रतिशत जगहों पर वायरस की मौजूदगी थी। जैसे सोफे, कंबल, एक कॉफी मशीन, कंप्यूटर माउस, लाइट आदि।
हालांकि किसी भी वस्तु या सतह पर कोई जीवित वायरस नहीं पाया गया। जो इस बात की ओर संकेत करता है कि संक्रमण का जोखिम कम है।
मंकीपॉक्स मुख्य रूप से किसी बीमार व्यक्ति के साथ निरंतर निकट संपर्क तथा घावों या सांस के सीधे संपर्क में आने से फैलता है। सीडीसी के एक अलग अध्ययन के मुताबिक अमेरिका में 90 प्रतिशत से अधिक मंकीपॉक्स के मामले उनमें थे जो पुरुष-से-पुरुष यौन संपर्क से जुड़े थे।
स्वच्छता बनाए रखने की अपील
अध्ययन के अनुसार वायरस किसी संक्रमित व्यक्ति द्वारा उपयोग किए जाने वाले तरल पदार्थ या वस्तुओं के माध्यम से भी फैल सकता है, लेकिन यह अभी तक स्पष्ट नहीं है।
सीडीसी का कहना है कि मंकीपॉक्स से संक्रमित किसी भी व्यक्ति को दूसरे से मिलने से पहले अच्छी तरह से मास्क पहनकर, उचित स्वच्छता बनाए रखने, खाने के बर्तन, कपड़े, बिस्तर या तौलिये साझा करने से बचना तथा सेनेटाइज का पालन करना चाहिए।
अध्ययन के मुताबिक दोनों रोगियों में मंकीपॉक्स के लक्षण मई में सामने आए थे। एक व्यक्ति के गुप्तांग, हाथ, छाती, होंठ और खोपड़ी पर घाव थे, जबकि दूसरे के पैर पैर की उंगली पर घाव थे। रिपोर्ट के मुताबिक वे दोनों करीब एक महीने से बीमार थे।