ताजा खबरें

Maharashtra: सरकार ने मराठों की मांगे मानी, मुंबई के बाहर ही आंदोलन खत्म

शिंदे ने कहा कि मराठा समुदाय को जब तक आरक्षण नहीं मिलता, तब तक उन्हें ओबीसी को मिलने वाले सभी अधिकार और लाभ मिलते रहेंगे।

Published by
सुशील मिश्र   
Last Updated- January 27, 2024 | 7:31 PM IST

के बाद जरांगे ने अपनी अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल समाप्त कर दी। राज्य सरकार ने एक अध्यादेश जारी करके घोषणा की कि मराठा समुदाय को जब तक आरक्षण नहीं मिल जाता, तब तक उन्हें अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) को दिए जाने वाले सभी लाभ दिए जाएंगे।

हजारों मराठा समर्थकों के साथ मनोज जरांगे अपनी मांगों को लेकर नवी मुंबई के वाशी में शुक्रवार को भूख हड़ताल शुरु की थी। महाराष्ट्र के जालना जिले से पिछले शनिवार को मराठाओं का विरोध मार्च शुरू हुआ था जो कल शुक्रवार को वाशी पहुंचा था।

मुंबई पुलिस ने जरांगे को नोटिस जारी कर कहा था कि मुंबई के किसी मैदान में इतनी बड़ी संख्या में प्रदर्शनकारियों के आ सकने की जगह नहीं है। जरांगे ने शुक्रवार को चेतावनी दी थी कि यदि रात तक उनकी मांगें पूरी नहीं की गईं तो वह और उनके समर्थक आजाद मैदान में प्रस्तावित विरोध प्रदर्शन के लिए शनिवार को मुंबई में प्रवेश करेंगे।

जरांगे से चर्चा करने के लिए महाराष्ट्र सरकार का एक प्रतिनिधि मंडल सरकारी अध्यादेश लेकर शुक्रवार की रात को वाशी पहुंच गया। महाराष्ट्र सरकार ने शनिवार को अधिसूचना जारी कर मराठा समुदाय के सदस्यों के उन सभी सगे-संबंधियों को कुनबी के रूप में मान्यता दे दी है, जिनके कुनबी जाति से संबंध होने के रिकॉर्ड मिले हैं।

जरांगे ने शनिवार सुबह अपना प्रदर्शन समाप्त करने की घोषणा की और कहा कि महाराष्ट्र सरकार ने उनकी सभी मांगें मान ली हैं।

मुख्यमंत्री ने जूस पिलाकर खत्म कराई भूख हड़ताल

मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने धरना स्थल पर जरांगे को जूस पिला कर अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल समाप्त कर दी। शिंदे ने कहा कि मराठा समुदाय को जब तक आरक्षण नहीं मिलता, तब तक उन्हें ओबीसी को मिलने वाले सभी अधिकार और लाभ मिलते रहेंगे।

कुनबी रिकॉर्ड का पता लगाने के लिए नियुक्त न्यायमूर्ति संदीप शिंदे (सेवानिवृत्त) समिति को विस्तार दिया जाएगा। समुदाय के सदस्यों से शपथ पत्र एकत्र करने के लिए शिविर लगाए गए हैं और मराठा के बीच कुनबी वंश की पहचान और सत्यापन के लिए तालुका स्तर पर एक समिति भी बनाई गई है।

शिंदे ने कहा कि मैं लोगों के हित और उनके कल्याण के लिए फैसले लेता हूं, वोट के लिए नहीं। कई शीर्ष नेता मराठा समुदाय से संबंध रखते हैं लेकिन लोगों को वह न्याय नहीं मिल पाया जिसके वे हकदार हैं। यह मेरे काम करने का तरीका है कि मैं अपनी सभी प्रतिबद्धताओं को पूरा करता हूं। मैं एक किसान का बेटा हूं और आपके दर्द एवं पीड़ा को समझता हूं। मैंने छत्रपति शिवाजी महाराज के सामने शपथ ली थी कि मैं मराठा समुदाय को आरक्षण दूंगा और मैं इसे पूरा कर रहा हूं।

अधिसूचना में कोई बाधा न आए यह सरकार की जिम्मेदारी

भूख हड़ताल खत्म करने के बाद जरांगे ने उन्होंने कहा कि समान जाति में विवाह करने वाले ऐसे मराठा आवेदक के सभी सगे संबंधियों और परिवार के सदस्यों को कुनबी जाति प्रमाणपत्र दिया जाना चाहिए जिसके कुनबी जाति से होने की बात रिकॉर्ड में दर्ज है। हमने मांग की थी कि सभी 54 लाख प्रमाणपत्र तुरंत दिए जाएं।

न्यायमूर्ति संदीप शिंदे समिति को एक साल का विस्तार दिया जाना चाहिए। हम मराठा समुदाय और ओबीसी के बीच संघर्ष नहीं चाहते। जरांगे ने यह भी कहा कि यह सुनिश्चित करना सरकार की जिम्मेदारी है कि अधिसूचना में कोई बाधा न आए। अगर ऐसा नहीं हुआ तो मैं मुंबई के आजाद मैदान में आकर भूख हड़ताल करूंगा।

महाराष्ट्र सरकार ने कुनबी जाति प्रमाणपत्र के लिए जारी की अधिसूचना

महाराष्ट्र सरकार द्वारा जारी की गई अधिसूचना में कहा गया है कि मसौदा नियमों को महाराष्ट्र अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, विमुक्त जनजाति, घुमंतू जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) और विशेष पिछड़ा वर्ग (जारी करने और सत्यापन का विनियमन) जाति प्रमाणपत्र (संशोधन) नियम 2024 कहा जा सकता है।

इसमें कहा गया कि यदि कोई आवेदक अपने ऐसे सगे-संबंधी के साथ संबंध को साबित करने वाला हलफनाम दाखिल करता है तो उसे कुनबी जाति प्रमाणपत्र जारी किये जाएंगे। यह प्रमाणपत्र सिर्फ उन्हीं सदस्यों को जारी किये जाएंगे जिनके कुनबी जाति से संबंध होने के रिकॉर्ड मिले हैं।

मराठा समुदाय को ओबीसी आरक्षण में पिछले दरवाजे से प्रवेश – भुजबल

महाराष्ट्र सरकार में मंत्री छगन भुजबल ने अपनी ही सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि राज्य सरकार ने सभी मराठों को कुनबी प्रमाण पत्र प्रदान करने वाली जो मसौदा अधिसूचना जारी की है, वो सिर्फ दिखावा है। यह अध्ययन का विषय है कि क्या यह ओबीसी के साथ अन्याय या फिर मराठों को धोखा तो नहीं दिया जा रहा।

मराठा समुदाय के बुद्धिजीवियों को भी इसके बारे में सोचना चाहिए। मराठा समुदाय को ओबीसी आरक्षण में पिछले दरवाजे से प्रवेश दिया जा रहा है। जाति जन्म से तय होती है, हलफनामे से नहीं। क्या होगा अगर दलित और आदिवासी भी इसी तरह की मांग करें कि सभी रक्त संबंधियों को जाति प्रमाण पत्र दिया जाए।

भुजबल ने कहा कि इस मुद्दे पर चर्चा के लिए उन्होंने सभी ओबीसी नेताओं को रविवार को बातचीत के लिए आमंत्रित किया है।

हिंसा करने वालों के वापस नहीं होंगे मुकदमें

उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि जो आंदोलन चल रहा था उसका समाधान निकल गया है। मराठा समाज में जो कुनबी हैं, उनकी इसमें जो एंट्री आई है, उनको सर्टिफिकेट मिलना, यह कानून के हिसाब से भी सही है। उन्हें सर्टिफिकेट नहीं मिल पा रहा था, अब आसानी से मिलेगा और ये अच्छी बात है कि यह सब सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के पालन के तहत होगा।

फडणवीस ने कहा कि मराठा आंदोलन के दौरान जिसने भी पुलिस वाले को मारा है या फिर किसी के घर जलाए हैं उनके खिलाफ महाराष्ट्र सरकार कोई भी केस वापस नहीं ले रही है और ना ही ऐसा प्रस्ताव है, ना ही महाराष्ट्र सरकार ने कोई निर्णय लिया है।

First Published : January 27, 2024 | 7:31 PM IST