एनीमेशन, विज़ुअल इफेक्ट्स, गेमिंग, कॉमिक्स और एक्सटेंडेड रियलिटी (AVGC-XR) नीति-2025 को महाराष्ट्र मंत्रिमंडल ने मंजूरी दे दी है। सरकार का मानना है कि अगले 20 साल में इस नीति के चलते राज्य में करीब 50,000 करोड़ रुपये का निवेश आएगा और करीब 2 लाख नए रोजगार पैदा होंगे। इस नीति के माध्यम से महाराष्ट्र न केवल देश में बल्कि वैश्विक स्तर पर एनीमेशन, गेमिंग और वर्चुअल रियलिटी का केंद्र बनने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ेगा।
इस नीति में सन् 2050 तक की योजना बनाई गई है, जिसके लिए लगभग 3,268 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। पहले पांच वर्षों (2025–30) के लिए 308 करोड़ और अगले बीस वर्षों (2031–2050) के लिए अनुमानित 2,960 करोड़ रुपये का वित्तीय प्रावधान किया गया है। साथ वित्तीय वर्ष 2025–26 में अतिरिक्त 100 करोड़ का प्रावधान है। जबकि 200 करोड़ रुपये वेव्स सहभागिता फंड और स्थानीय उद्यमियों और स्टार्टअप्स को प्रोत्साहन देने के लिए 300 करोड़ का फंड भी है । इस दौरान राज्य में लगभग 50,000 करोड़ रुपये का निवेश आने की संभावना है और 2 लाख से अधिक उच्च तकनीक आधारित नए रोजगार सृजित होंगे।
Also Read: बीमा vs अस्पताल: महंगे इलाज और कैशलेस झगड़े में फंसे मरीज
AVGC-XR क्षेत्र भारत के मीडिया और एंटरटेनमेंट (M&E) उद्योग का महत्वपूर्ण हिस्सा है। वर्तमान में यह बाजार 27 अरब डॉलर का है, जो 2030 तक 100 अरब डॉलर से अधिक पहुंचने का अनुमान है। इससे देशभर में 30 लाख से अधिक प्रत्यक्ष और 51.5 लाख से अधिक अप्रत्यक्ष रोजगार के अवसर उत्पन्न होंगे।
महाराष्ट्र की अर्थव्यवस्था को 1 ट्रिलियन डॉलर बनाने के लक्ष्य के तहत आर्थिक सलाहकार समिति द्वारा तैयार विजन डॉक्यूमेंट में भी इस क्षेत्र पर विशेष जोर दिया गया था। हाल ही में मुंबई में आयोजित अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन WAVES 2025 के दौरान लगभग 8,000 करोड़ रुपये के समझौता ज्ञापन भी किए गए। समिति की सिफारिश के अनुसार इस क्षेत्र के लिए एक अलग नीति आवश्यक थी। कर्नाटक, तेलंगाना, राजस्थान, केरल और मध्य प्रदेश राज्यों ने पहले ही ऐसी नीतियां बनाई हैं।
वर्तमान में महाराष्ट्र में 295 से अधिक स्टूडियो कार्यरत हैं, जो देश में सबसे अधिक (30 प्रतिशत) हैं। मुंबई और पुणे में एनीमेशन, VFX और गेमिंग की शिक्षा देने वाली लगभग 20 संस्थाएं सक्रिय हैं। राज्य ने पहले ही IT और ITeS नीति 2023 में AVGC-XR को एक उभरते उद्योग के रूप में मान्यता दी थी। इस तकनीक का उपयोग स्वास्थ्य सेवा (AR-VR मेडिकल सिम्युलेशन), शिक्षा, विपणन (ब्रांडिंग, इमर्सिव विज़ुअल्स), रक्षा (सिम्युलेशन), कृषि और रियल एस्टेट (3D मॉडलिंग, वर्चुअल टूर) आदि क्षेत्रों में किया जा रहा है।
नई नीति के तहत AVGC-XR पार्क और हब विकसित किए जाएंगे, जो हाई-स्पीड डिजिटल कनेक्टिविटी, मोशन कैप्चर स्टूडियो, पोस्ट-प्रोडक्शन लैब, रेंडरिंग फार्म, साउंड रिकॉर्डिंग और वर्चुअल प्रोडक्शन स्टूडियो जैसी सुविधाओं से लैस होंगे। मुंबई फिल्म सिटी, नवी मुंबई, पुणे, नागपुर, नाशिक, कोल्हापुर, औरंगाबाद, सातारा जैसे शहरों में इन पार्कों का विकास होगा। एकीकृत औद्योगिक क्षेत्रों (IIA) और IT पार्कों में 60 फीसदी भूमि इन परियोजनाओं के लिए आरक्षित होगी, जबकि शेष 40% आवासीय, संस्थागत और मनोरंजनात्मक उपयोग के लिए होगी। AVGC-XR इकाइयों को सालभर 24 घंटे संचालन की अनुमति होगी।
सरकार की तरफ से बताया गया कि माहिती (MAHITI) पोर्टल पर विशेष सेल और MAITRI पोर्टल को वन-स्टॉप हब बनाया जाएगा। कुशल मानव संसाधन उपलब्ध कराने हेतु महाराष्ट्र AVGC-XR स्किल एडवाइजरी कमेटी गठित होगी, जिसमें उद्योग विशेषज्ञ, विश्वविद्यालय प्रतिनिधि और विभिन्न औद्योगिक संगठनों के सदस्य शामिल होंगे। यह व्यापक नीति महाराष्ट्र को AVGC-XR क्षेत्र में एक वैश्विक केंद्र बनाने की दिशा में सुदृढ़ कदम है और राज्य की डिजिटल अर्थव्यवस्था व रोजगार सृजन में ऐतिहासिक योगदान करेगी।