भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister of India Narendra Modi) के निमंत्रण पर न्यूजीलैंड के प्रधानमंत्री क्रिस्टोफर लक्सन (Christopher Luxon) 16-20 मार्च 2025 तक आधिकारिक यात्रा पर भारत आए हैं। प्रधानमंत्री लक्सन अपनी मौजूदा भूमिका में भारत की पहली यात्रा कर रहे हैं। वे नई दिल्ली और मुंबई का दौरा कर रहे हैं और उनके साथ पर्यटन एवं आतिथ्य मंत्री लुईस अपस्टन (Louise Upston), जातीय समुदाय एवं खेल और मनोरंजन मंत्री मार्क मिशेल (Mark Mitchell), व्यापार और निवेश, कृषि एवं वानिकी मंत्री टॉड मैक्ले (Todd McClay), और वरिष्ठ अधिकारियों, व्यावसायिक प्रतिनिधियों, समुदाय के प्रवासी भारतीयों, मीडिया और सांस्कृतिक समूहों का उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमंडल शामिल है।
विदेश मंत्रालय ने बताया कि प्रधानमंत्री लक्सन का नई दिल्ली में पारंपरिक और गर्मजोशी भरा स्वागत किया गया। प्रधानमंत्री मोदी और प्रधानमंत्री लक्सन के बीच द्विपक्षीय वार्ता हुई। प्रधानमंत्री लक्सन ने राजघाट में महात्मा गांधी स्मारक पर पुष्पांजलि अर्पित की और राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से भी मुलाकात की।
दोनों प्रधानमंत्रियों ने लोकतांत्रिक मूल्यों और लोगों के बीच मजबूत संबंधों पर आधारित भारत-न्यूजीलैंड साझेदारी को और आगे बढ़ाने की प्रतिबद्धता दोहराई। व्यापार और निवेश, रक्षा और सुरक्षा, शिक्षा और अनुसंधान, विज्ञान और प्रौद्योगिकी, कृषि-प्रौद्योगिकी, अंतरिक्ष, जनसंख्या गतिशीलता और खेल के क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने पर सहमति बनी। क्षेत्रीय और वैश्विक घटनाक्रमों पर विचार-विमर्श किया गया और बहुपक्षीय सहयोग को मजबूत करने पर सहमति व्यक्त की गई। दोनों नेताओं ने मुक्त, समावेशी, स्थिर और समृद्ध इंडो-पैसिफिक क्षेत्र की आवश्यकता पर बल दिया, जहां नियम-आधारित अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था का सम्मान किया जाए।
प्रधानमंत्री लक्सन ने भारत सरकार और भारतीय जनता द्वारा किए गए गर्मजोशी भरे स्वागत के लिए धन्यवाद दिया। प्रधानमंत्री लक्सन ने प्रधानमंत्री मोदी को न्यूजीलैंड की आधिकारिक यात्रा का निमंत्रण दिया।
भारत-न्यूजीलैंड के बीच व्यापार और निवेश को बढ़ाने की संभावनाओं का पता लगाने पर जोर दिया गया। नई द्विपक्षीय मुक्त व्यापार समझौता (FTA) वार्ता शुरू करने पर सहमति बनी। FTA के संदर्भ में डिजिटल भुगतान क्षेत्र में सहयोग पर बातचीत करने पर सहमति बनी।
दोनों देशों के बीच व्यापार को सुगम बनाने के लिए ‘अथॉराइज्ड इकोनॉमिक ऑपरेटर्स म्यूचुअल रिकग्निशन अरेंजमेंट (AEO-MRA)’ पर हस्ताक्षर किए गए। बागवानी और वानिकी में सहयोग के लिए ‘मेमोरेंडम ऑफ कोऑपरेशन’ और ‘लेटर ऑफ इंटेंट’ पर हस्ताक्षर किए गए। पर्यटन को बढ़ावा देने और सीधी (नॉन-स्टॉप) उड़ान सेवाएं शुरू करने के लिए एयर सर्विसेज एग्रीमेंट को अपडेट किया गया।
संयुक्त सैन्य अभ्यास, रक्षा कॉलेजों में प्रशिक्षण और उच्च-स्तरीय रक्षा प्रतिनिधिमंडलों के आदान-प्रदान को मजबूत करने पर सहमति बनी। भारत और न्यूजीलैंड के बीच ‘रक्षा सहयोग समझौते’ (MoU) पर हस्ताक्षर किए गए, जिससे सुरक्षा साझेदारी को औपचारिक रूप मिलेगा। समुद्री सुरक्षा पर नियमित संवाद स्थापित करने और व्यापार मार्गों की सुरक्षा सुनिश्चित करने पर सहमति बनी। न्यूजीलैंड ने भारत के ‘इंडो-पैसिफिक ओशियंस इनिशिएटिव’ (IPOI) में शामिल होने की इच्छा जताई।
विज्ञान, नवाचार और तकनीकी भागीदारी को मजबूत करने पर सहमति बनी। भारत की अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन (ISA) में नेतृत्व भूमिका को न्यूजीलैंड ने समर्थन दिया। आपदा प्रबंधन के लिए ‘कोएलिशन फॉर डिजास्टर रेजिलिएंट इंफ्रास्ट्रक्चर’ (CDRI) में न्यूजीलैंड की भागीदारी का स्वागत किया गया। भूकंप प्रबंधन में सहयोग के लिए समझौता ज्ञापन (MoC) पर चर्चा की गई।
भारत-न्यूजीलैंड के बीच ‘शिक्षा सहयोग व्यवस्था’ पर हस्ताक्षर किए गए। भारतीय छात्रों के लिए न्यूजीलैंड में उच्च शिक्षा के अवसरों का विस्तार करने पर सहमति बनी। पेशेवरों और कुशल श्रमिकों के आवागमन को सुगम बनाने के लिए एक समझौते पर बातचीत शुरू करने का निर्णय लिया गया।
इसके अलावा खेल सहयोग को बढ़ावा देने के लिए ‘खेल सहयोग समझौते’ (MoC) पर हस्ताक्षर किए गए। 2026 में भारत-न्यूजीलैंड के 100 साल के खेल संबंधों का जश्न मनाने के लिए ‘स्पोर्टिंग यूनिटी’ कार्यक्रम आयोजित करने की घोषणा की गई। साथ ही योग, भारतीय संगीत और नृत्य में बढ़ती रुचि को देखते हुए सांस्कृतिक सहयोग बढ़ाने पर सहमति बनी।
दोनों नेताओं ने एक स्वतंत्र, समावेशी, स्थिर और समृद्ध इंडो-पैसिफिक क्षेत्र के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दोहराई। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) में सुधार की आवश्यकता पर बल दिया और न्यूजीलैंड ने भारत की स्थायी सदस्यता का समर्थन किया। परमाणु अप्रसार और परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह (NSG) में भारत की सदस्यता के समर्थन पर सहमति बनी।
साथ ही मध्य पूर्व में शांति और स्थिरता को लेकर द्विपक्षीय सहयोग पर चर्चा हुई। यूक्रेन युद्ध को लेकर अंतरराष्ट्रीय कानून और संप्रभुता के सिद्धांतों के पालन पर बल दिया गया।
आतंकवाद के खिलाफ संयुक्त लड़ाई की प्रतिबद्धता जताई और संयुक्त राष्ट्र द्वारा प्रतिबंधित आतंकवादी संगठनों पर कड़ी कार्रवाई की आवश्यकता पर जोर दिया।
1. भारत और न्यूजीलैंड के बीच मुक्त व्यापार समझौते (FTA) पर बातचीत शुरू हुई;
2. भारत और न्यूजीलैंड के बीच पेशेवरों और कुशल श्रमिकों की गतिशीलता को सुविधाजनक बनाने वाली व्यवस्था पर बातचीत की शुरूआत हुई;
3. न्यूजीलैंड हिंद-प्रशांत ओशंस पहल (IPOI) में शामिल हुआ;
4. न्यूजीलैंड आपदा-रोधी अवसंरचना गठबंधन (CDRI) का सदस्य बना
1. संयुक्त बयान
2. भारत के रक्षा मंत्रालय और न्यूजीलैंड के रक्षा मंत्रालय के बीच रक्षा सहयोग पर समझौता ज्ञापन;
3. भारत के केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड (CBIC) तथा न्यूजीलैंड सीमा शुल्क सेवा के बीच अधिकृत आर्थिक ऑपरेटर – पारस्परिक मान्यता समझौता (एईओ-एमआरए);
4. भारत के कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय और न्यूजीलैंड के प्राथमिक उद्योग मंत्रालय के बीच बागवानी पर सहयोग संबंधी समझौता ज्ञापन;
5. भारत के पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय और न्यूजीलैंड के प्राथमिक उद्योग मंत्रालय के बीच वानिकी पर आशय पत्र;
6. भारत के शिक्षा मंत्रालय और न्यूजीलैंड के शिक्षा मंत्रालय के बीच शिक्षा सहयोग समझौता; और
7. भारत के युवा मामले और खेल मंत्रालय तथा न्यूजीलैंड के खेल मंत्रालय के बीच खेलों में सहयोग संबंधी समझौता ज्ञापन