स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने मंगलवार को कहा कि भारत अपनी कोल्ड चेन क्षमताओं को न सिर्फ मजबूत करने बल्कि उनका विस्तार करने की स्थिति में भी है। उन्होंने कोरोना के टीकों को रखने के लिए देश की कोल्ड स्टोरेज क्षमता पर किए गए एक सवाल के जवाब में यह बात कही। गौरतलब है कि फाइजर द्वारा विकसित किए जा रहे टीके को रखने के लिए माइनस 70 डिग्री सेल्सियस तापमान की आवश्यकता होगी।
भारत सरकार अमेरिकी दवा-निर्माता फाइजर के साथ बातचीत कर रही है। फाइजर का कहना है कि बीएनटी162बी2 टीका अंतिम चरण के परीक्षणों में 90 प्रतिशत से अधिक प्रभावी रहा है। जर्मन बायोटेक फर्म बायोएनटेक के साथ विकसित इस टीके की जांच इस महीने अमेरिकी खाद्य एवं औषधि प्रशासन द्वारा की जाएगी। भूषण ने कहा, ‘हम फाइजर के साथ हो रही बातचीत की जानकारियां उजागर नहीं कर सकते … जब यह अंतिम रूप में पहुंचेगी, हम इसे आपके साथ साझा करेंगे।’ हालांकि उन्होंने कहा कि टीका प्रशासन पर राष्ट्रीय विशेषज्ञ समूह घरेलू तथा अंतरराष्ट्रीय स्तर पर टीका विकसित कर रहे सभी हितधारकों से बातचीत कर रहा है और उनकी प्रगति पर नजर बनाने के साथ साथ नियामकीय अनुमोदन को भी देख रहा है। उन्होंने कहा, ‘हम टीके के संग्रहण के लिए जरूरी लॉजिस्टिक आवश्यकताओं पर काम कर रहे हैं चाहे इसे सहेजने के लिए 2-8 डिग्री सेल्सियस तापमान की आवश्यकता हो या माइनस 50 से माइनस 70 डिग्री सेल्सियस या माइनस 90 डिग्री सेल्सियस तापमान की। यह एक गतिशील स्थिति है।’ कुछ खबरों के अनुसार फाइजर के टीके के लिए -90 डिग्री फारेनहाइट (-70 डिग्री सेल्सियस) से कम तापमान पर भंडारण के साथ एक अल्ट्रा कोल्ड चेन सिस्टम की आवश्यकता होती है। साल 2019 में भारत की समग्र कोल्ड स्टोरेज क्षमता लगभग 3.7-3.9 करोड़ टन रही, जो सीबीआरई दक्षिण एशिया के आंकड़ों के अनुसार दुनिया में सबसे बड़ी है। भारत में उपलब्ध कोल्ड स्टोरेज क्षमता का एक बड़ा हिस्सा कृषि उपज भंडारण के लिए होता है और दवाइयों के लिए कम हिस्से का उपयोग होता है।
भारत में फार्मा कोल्ड चेन उत्पादों में 70 प्रतिशत बाजार हिस्सेदारी रखने वाली कंपनी ब्लू स्टार के प्रबंध निदेशक बी त्यागराजन कहते हैं कि भारत के पास 2-8 डिग्री सेल्सियस तापमान में टीकों को सहेजने के लिए कोल्ड चेन इन्फ्रास्ट्रक्चर तैयार है और इसमें केवल मामूली सुधार की आवश्यकता होगी। वह कहते हैं, ‘माइनस 40 से माइनस 70 डिग्री सेल्सियस पर टीका सहेजने के लिए देश को बुनियादी ढांचे के विकास पर निश्चित रूप से एक बड़ी राशि का निवेश करना होगा।’ स्वास्थ्य मंत्रालय ने भी स्वीकार किया है कि बड़े पैमाने पर टीकाकरण के लिए कोल्ड चेन भंडारगृहों की संख्या में पर्याप्त वृद्धि की आवश्यकता होगी।
