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परिवारों व छोटे कारोबार पर बढ़ा जोखिम

Last Updated- December 12, 2022 | 4:07 AM IST

रेटिंग एजेंसी मूडीज ने कहा है कि कोविड संक्रमणों की दूसरी लहर ने परिवारों और छोटे कारोबारों पर वित्तीय जोखिम बढ़ा दिया है। मूडीज का कहना है कि इसके कारण आगे चलकर बैंकों के लाभ पर असर पड़ सकता है।
मूडीज ने कहा, ‘केंद्रीय बैंक द्वारा नए ऋण सहनशीलता और तरलता उपायों, दबावग्रस्त ऋणों का अधिग्रहण करने के लिए संपत्ति पुनर्गठन कंपनी बनाने की सरकार की योजना के साथ साथ सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों का पुनर्पूंजीकरण से इस क्षेत्र के जोखिमों को कम किया जा सकेगा लेकिन उसे पूरी तरह से समाप्त नहीं किया जा सकेगा।’
रेटिंग एजेंसी का मानना है कि ढांचागत अक्षमता लगातार वृद्घि की संभावना पर दबाव बनाए हुए है और झटकों को सहन करने की क्षमता को सीमित करता है। यदि प्रभावी तरीके से क्रियान्वित किया गया तो इन चुनौतियों से निपटने के लिए लाए जाने वाले सरकारी सुधारों से सकारात्मक परिणाम सामने आएंगे। हालांकि, पिछली सुधारों के अपेक्षाकृत कम प्रभावी होने से हमारी मध्य से दीर्घ अवधि की वृद्घि परिदृश्य का पता चलता है। एजेंसी ने कहा, ‘महामारी से नए आर्थिक संकट पैदा होंगे और महामारी से पूर्व के दबाव गहरे होंगे। वित्त वर्ष 2023 के लिए 10 फीसदी की आर्थिक वृद्घि वाली महामारी से पूर्व के हमारे अनुमान में कमी आएगी।’  रेटिंग एजेंसी की भारत के लिए रेटिंग बीएए3 (ऋणात्मक) है जो इसके रेटिंग पैमाने में सबसे निचली निवेश श्रेणी है। रेटिंग एजेंसी ने कहा, ‘भारत का वित्तीय क्षेत्र ही सॉवरिन रेटिंग के लिए सबसे बड़ा खतरा बनता है। भारत की क्रेडिट रेटिंग इस बात पर निर्भर करती है कि वास्तविक अर्थव्यवस्था और वित्तीय क्षेत्र के बीच तालमेल क्रेडिट को मदद देने वाला है या उसमें बाधा पैदा करने वाला है।’
मूडीज ने कहा कि दोबारा से लॉकडाउन लगाए जाने और संक्रमित होने के भय से व्यवहार में आए बदलाव से आर्थिक गतिविधि बाधित होगी लेकिन इसका असर उतना भयानक नहीं होगा जितना कि पहली लहर में हुआ था।
रेटिंग एजेंसी को उम्मीद है कि जून में समाप्त पहली तिमाही में आर्थिक गतिविधि में गिरावट के बाद तेजी आएगी। इसके परिणामस्वरूप मार्च 2022 में समाप्त वित्त वर्ष में वास्तविक, मुद्रास्फीति समायोजित जीडीपी वृद्घि 9.3 फीसदी और राजकोषीय 2022 में 7.9 फीसदी रहेगी। इससे पहले मूडीज ने वित्त वर्ष 2023 के लिए 10 फीसदी वृद्घि का अनुमान जताया था। रेटिंग एजेंसी का अनुमान है कि केंद्र और राज्यों का घाटा मिलाकर घाटा सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का 11.8 फीसदी रहेगा।

First Published - June 1, 2021 | 11:17 PM IST

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