एथनॉल के उत्पादन की बढ़ती मांग के कारण मोलेसिस यानी शीरा के दाम में भी लगातार बढ़ोतरी हो रही है।
शीरे की लगातार बढ़ती कीमतों के कारण माना जा रहा है कि एथनॉल और अंत में शराब की कीमत में 15 से 20 प्रतिशत की वृद्धि हो सकती है।गन्ना उपजाने वाले प्रमुख राज्य उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र में पहले से ही मोलेसिस के दाम बढ़ चुके हैं। उत्तर प्रदेश में मोलेसिस के दामों में लगभग 50 प्रतिशत की वृद्धि हो चुकी है। इसकी कीमत 300 रुपये प्रति क्विंटल हो गई है। महाराष्ट्र में भी शीरे के दामों में लगभग 10 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। उद्योग को दाम और बढ़ने की उमीद है।
ऑल इंडिया डिस्टिलर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष देविन नारंग ने बताया कि इस साल गन्ना उत्पादन पिछले साल की तुलना में कम होने की संभावना है। इससे शीरे के दाम भी बढ़ेंगे। आने वाले समय में चीनी उत्पादन में कमी आने के साथ ही शीरे का उत्पादन भी कम हो जाएगा।
बिड़ला ग्रुप ऑफ शुगर इंडस्ट्रीज के सलाहकार और उत्तर प्रदेश शुगर मिल्स के अध्यक्ष सी बी पटौदिया ने बताया कि अगर गन्ने का उत्पादन 3 करोड़ टन हुआ होता तो शीरे का उत्पादन भी 1.3 करोड़ टन हो सकता था। लेकिन गन्ने का उत्पादन अपेक्षा से कम होने पर शीरे का उत्पादन भी 1.15 करोड़ टन ही हो पाया है।
रेडिको खेतान के मुख्य परिचालन अधिकारी राजू वजीरान्य ने बताया कि शीरे के बढ़ते दामों के कारण अल्कोहल के दामों में 15-20 प्रतिशत की वृद्धि हो जाएगी। पैकेजिंग की बढ़ती कीमतों के कारण भी इसके दामों में बढ़ोतरी हो सकती है। उन्होंने बताया कि विभिन्न राज्यों में प्रस्तावित शुल्क लगने के कारण शराब के दामों में 5-7 प्रतिशत की वृद्धि होगी।