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महंगाई का खाकर डंडा, कूलर बाजार हुआ ठंडा

Last Updated- December 05, 2022 | 5:25 PM IST

गर्मियों का मौसम आते ही चिलचिलाती धूप और चिपचिपाते पसीने के बीच अगर कुछ याद आता है, तो वह है ठंडक।


आम भारतीय घरों में आज भी गर्मी से निजात पाने के लिए एयर कंडीशनर की नहीं, बल्कि कूलर की दरकार होती है। उनमें भी लोकल कूलरों की ज्यादा मांग होती है क्योंकि वे टिकाऊ और सस्ते होते हैं। इसी वजह से हर साल गर्मियां आते ही लोकल कूलरों का बाजार गुलजार हो जाता था। लेकिन इस साल हालात जुदा हैं। वजह है – महंगाई।


राजधानी में लोकल कूलरों के बड़े बाजार इंद्रलोक, कमला मार्केट वगैरह हैं। इंद्रलोक में इनकी तकरीबन 400 दुकानें और कारखाने हैं। यहां कूलर का काम नवंबर में शुरू होता है और गर्मियों में पहली बरसात पड़ते ही बंद हो जाता है।


यहां कूलर कारोबारियों के संगठन के वरिष्ठ उपाध्यक्ष मोहम्मद अनीस ने बताया, ‘अमूमन फरवरी में बिक्री शुरू हो जाती है। लेकिन इस बार तो मार्च में भी ग्राहक यहां नहीं फटके। सबसे सस्ता कूलर 1,500 रुपये का है। लेकिन ग्राहकों की जेब पर यह भी भारी है क्योंकि पिछले साल इसकी कीमत 1,100 या 1,200 रुपये थी।’
उन्होंने बताया कि कूलर 1,500 से 4,000 रुपये के बीच बिक रहे हैं।


मार्च में उनकी मांग 70 से 80 फीसदी कम रही। थोक कारोबारियों ने भी इधर का रुख नहीं किया। पिछले साल के मुकाबले आधे कूलर बिक जाएं, तो बड़ी बात होगी। इसी बाजार में शान-ए-कादिर और इमरान खान बताते हैं कि टिन में पिछले साल के मुकाबले 18 रुपये प्रति किलोग्राम, नट बोल्ट में 30 रुपये प्रति किलो और एक्जॉस्ट फैन की कीमत में 150 रुपये की बढ़ोतरी हुई है। केवल टिन से ही लागत में 200 रुपये से भी ज्यादा का इजाफा हो गया है।


यही शिकायत कमला मार्केट में भी है। तांबा महंगा होने से पंखों में सिल्वर कॉयल इस्तेमाल होने लगी है। यह टिकाऊ नहीं होती, लेकिन ग्राहक जेब पर ज्यादा ध्यान दे रहे हैं।कारोबारी संगठनों के मुताबिक दिल्ली में सालाना 5 या 6 लाख लोकल कूलर बिक जाते हैं। राजधानी में उनका लगभग 100-120 करोड़ रुपये का बाजार है। समूचे उत्तर भारत में यह बाजार  900 या 1,000 करोड़ रुपये का है।


अनीस बताते हैं कि उनकी बिक्री झुग्गी झोपड़ियों में ज्यादा होती है। लेकिन इस बार लोग पुराने कूलरों की मरम्मत से काम चला रहे हैं क्योंकि उसमें महज 400 रुपये लगते हैं।कूलर खरीदने के लिए आए शाहदरा के कमलेश कुमार भी यही कहते हैं। जो कूलर पिछले साल 2,600 रुपये का था, इस साल उसकी कीमत  3,200 रुपये है। इसलिए उन्होंने कूलर खरीदने का इरादा ठंडे बस्ते में डाल दिया है।

First Published - March 31, 2008 | 1:33 AM IST

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