सर्वोच्च न्यायालय के पिछड़ी जातियों (ओबीसी) का कोटा लागू किए जाने के निर्णय को सभी राजनीतिक दल अपनी जीत बताने में लगे हुए हैं।
वहीं कुछ ऐसे भी हैं जिन्हें क्रीमी लेयर के प्रावधान पर निराशा हुई है।कांग्रेस के धड़े के लोग इसे ऐतिहासिक फैसला बता रहे हैं। केंद्रीय शिक्षण संस्थाओं में आरक्षण लागू किए जाने की नीति के सूत्रधार मानव संसाधन विकास मंत्री अर्जुन सिंह इसे अपनी नीतियों की जीत बता रहे हैं।
उन्होंने कहा कि ‘इस फैसले से मैं खुद को सही पा रहा हूं और संतुष्ट हूं। इसमें क्रीमी लेयर जैसे कुछ मुद्दे हैं जिस पर बाद में विचार किया जाएगा।’कांग्रेस के प्रवक्ता अभिषेक सिंघवी ने कहा, ‘यह बहुत ही महत्वपूर्ण फैसला है। इससे सरकार और कांग्रेस केउपयोगी और सराहनीय कदम को बल मिला है।’
सिंघवी ने कहा कि यूपीए सरकार ने लोकतंत्र का सम्मान करते हुए पिछड़े वर्ग के लिए शिक्षा में आरक्षण के प्रावधान का मन बनाया था। इसका उद्देश्य था कि वंचित वर्ग को इसका लाभ मिले। कांग्रेस ने समानता के एजेंडे के तहत इसे लागू करने की बात की थी, जिससे जाति आधारित राजनीति को खत्म किया जा सके।कांग्रेस के सहयोगियों में लालू प्रसाद यादव को इससे ज्यादा लाभ नजर आता है, क्योंकि वे पिछड़ी जाति के मतदाताओं से सीधी अपील करते हैं।
भाजपा भी इसका क्रेडिट लेने में कहीं से भी पीछे नजर नहीं आई। बीजेपी के प्रवक्ता प्रकाश जावड़ेकर ने कहा, ‘सभी पार्टियों ने संसद में इसका समर्थन किया था। यह सबकी जीत है। भाजपा ने हमेशा इसे सामाजिक न्याय के मिशन के रूप में देखा।’ जावड़ेकर ने यह भी कहा कि इसका सबसे ज्यादा लाभ भाजपा को मिलेगा, क्योंकि पिछड़ी जाति के सबसे ज्यादा सांसद भाजपा में हैं।
बहरहाल जद यू के नेता शरद यादव और रामबिलास पासवान इस फैसले से निराश दिखे। उन्हें इस बात से निराशा हुई कि क्रीमी लेयर के लोगों को आरक्षण से बाहर रखा गया है। उनका कहना है, ‘आरक्षण की नीति शैक्षिक और सामाजिक रूप से पिछड़े लोगों के लिए है। इसमें कहीं से भी आर्थिक पिछड़ेपन की बात नहीं कही गई है। इसलिए कथित रूप से क्रीमी लेयर को बाहर रखे जाने का फैसले का कहीं से भी आधार नहीं बनता।वर्ग के लोग कैसे आरक्षण का लाभ उठा पाएंगे।’
जनता पार्टी के अध्यक्ष सुब्रमण्यम स्वामी ने आज अन्य पिछड़ा वर्गों के लिए शिक्षण संस्थानों में आरक्षण दिए जाने के उच्चतम न्यायलय के फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि इससे क्रीमी लेयर को भी लाभ मिलना चाहिए।
केंद्रीय मंत्री रामदास ने कहा कि क्रीमी लेयर को बाहर रखे जाने से हम उदास हैं। हम इस मुद्दे को समान विचारों वाली पार्टियों के साथ-साथ संप्रग और मंत्रिमंडल में उठाएंगे। इस फैसले से सामाजिक न्याय की जीत हुई है।