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बेगमपेट बेजार, नया हवाईअड्डा हुआ गुलजार

Last Updated- December 05, 2022 | 5:02 PM IST

हैदराबाद का नया अत्याधुनिक राजीव गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डा लोगों के लिए कौतुहल का विषय बना हुआ है। आस-पास के इलाकों से काफी संख्या में लोग यहां घूमने आ रहे हैं।


हवाई जहाज को उड़ान भरते व उतरते देख लोग बेहद खुश हो रहे हैं। वास्तव में, इन दिनों हवाई अड्डा उत्सव स्थल-सा प्रतीत हो रहा है। गौरतलब है कि तीन दिन पहले ही इस हवाईअड्डे से विमानों का संचालन शुरू हुआ है।


उधर, हवाईअड्डे पर तैनात कर्मचारी पूरी तन्मयता से लोगों की भीड़ को संभालने में जुटे हैं। खासकर, बच्चों को संभालने में उनके पसीने छूट रहे हैं, क्योंकि बच्चे पार्किंग के पास बनी एलिवेटेड सीढ़ियों पर खूब धमा-चौकड़ी मचाते हैं।हालांकि हवाईअड्डे तक पहुंचने में यात्रियों को खासी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है, क्योंकि यह हवाईअड्डा शहर से काफी दूरी पर है।


यही नहीं, शहर के किसी भी भाग से हवाईअड्डा तक पहुंचने में यात्रियों को कम से कम डेढ़ घंटे का समय लग जाता है। इसके साथ ही हवाईअड्डा पर, खासकर आगमन स्थल पर साफ-सफाई के पुख्ता बंदोबस्त नहीं होने से भी यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। वहीं हवाई अड्डा पर चल रहे निर्माण कार्यों (पार्किंग स्थल व कुछ अन्य जगहों पर) के कारण भी यात्रियों को परेशानी झेलनी पड़ रही है।


नई व्यवस्था को लेकर भी लोगों को परेशानी हो रही है। दरअसल, नई व्यवस्था के तहत एलिवेटेड सड़क से प्रस्थान स्थल तक कोई भी व्यक्ति वाहन लेकर नहीं जा सकता है, केवल टिकटधारी यात्री ही टर्मिनल बिल्डिंग तक पहुंच सकते हैं।


व्यवसाय के सिलसिले में हैदराबाद आए देवेन शाह ने बिजनेस स्टैंडर्ड को बताया कि वाकई यह विश्वस्तरीय हवाईअड्डा है। मैंने चीन, दुबई और बैंकाक के कई अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डों पर गया हूं, लेकिन हैदराबाद का राजीव गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डा इनसे किसी भी मायने में कम नहीं है। उन्होंने बताया कि हवाईअड्डा का विस्तृत क्षेत्र और टर्मिनल बिल्डिंग का वास्तु काबिले-तारीफ है।


हालांकि वे यह भी बताने से नहीं चूके कि शहर से हवाई अड्डा तक पहुंचने के लिए अच्छी-खासी रकम किराए के तौर पर खर्च करना पड़ता है।अत्याधुनिक हवाईअड्डा बनने के बाद भी हैदराबाद स्थित सत्यम कंपनी में काम करने वाले सचिन आर अभी भी बेगमपेट हवाईअड्डे को नहीं भूले हैं। दरअसल, उनका कहना है कि घरेलू उड़ानों के लिए इतनी अधिक दूरी तय कर हवाईअड्डा पहुंचना समय और धन, दोनों की बर्बादी है।


सच तो यह है कि शहर के किसी भी इलाके से हवाईअड्डा तक पहुंचने में जितना वक्त लगता है, उससे कहीं कम समय विमान के जरिए गंतव्य तक पहुंचने में लगता है। ऐसे में उनका कहना है कि यह हवाईअड्डा विदेश जाने वाले यात्रियों के लिए तो सही है, लेकिन हम जैसे लोगों के लिए, जो घरेलू यात्रा करते हैं, के लिए उपयुक्त नहीं कहा जा सकता है।


उधर, सोमवार को बहुत से लोग टिकट के लिए एयर इंडिया के काउंटर पर घंटों इंतजार करते रहे। पूछने पर पता चला कि ऑनलाइन सिस्टम में कुछ गड़बड़ी है। एक व्यक्ति, जिसने पोर्टल के जरिए टिकट बुक कराया था, वे टर्मिनल बिल्डिंग में प्रवेश के लिए टिकट की कंप्यूटर प्रति के लिए इधर-उधर भटकते नजर आए।


दरअसल, टर्मिनल बिल्डिंग के बाहर इंटरनेट की कोई सुविधा उपलब्ध नहीं कराई गई है। इससे भी लोगों को खासी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।

First Published - March 25, 2008 | 10:23 PM IST

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