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H1B Visa: ट्रम्प के खुले समर्थन के बाद अमेरिकी में छिड़ी नई बहस, भारतीयों के लिए है खास

H1B वीजा एक प्रकार का नॉन-इमिग्रेंट वीजा है, जो संयुक्त राज्य अमेरिका (USA) में विदेशी नागरिकों को अस्थायी रूप से काम करने की अनुमति देता है।

Last Updated- January 03, 2025 | 9:11 AM IST
H-1B Visa

H1B Visa: अमेरिका के निर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प 20 जनवरी को अपने पद की शपथ लेंगे। लेकिन ट्रम्प के शपथ ग्रहण से तीन सप्ताह पहले अमेरिका में H-1B पर बहस काफी तेज हो गई है, जिसने डेमोक्रेटिक और रिपब्लिकन दोनों पार्टियों में विभाजन पैदा कर दिया है।

H1B वीजा एक प्रकार का नॉन-इमिग्रेंट वीजा है, जो संयुक्त राज्य अमेरिका (USA) में विदेशी नागरिकों को अस्थायी रूप से काम करने की अनुमति देता है। यह दुनिया भर से बेहतरीन प्रतिभा और दिमाग को अमेरिका में काम करने का मौका देता है भारतीय H-1B वीजा के मुख्य लाभार्थी हैं। हर साल हजारों की संख्या में भारतीय कुशल पेशेवर H-1B वीजा प्राप्त करते हैं।

बीते दिनों ट्रम्प खुद H-1B वीजा की समर्थन में उतर गए थे। न्यूयॉर्क पोस्ट से बात करते हुए उन्होंने कहा था “मुझे हमेशा से यह वीजा प्रोग्राम पसंद रहा है, मैं हमेशा से वीजा के पक्ष में रहा हूं। इसलिए यह आज हमारे पास है।”

इसके अलावा ट्रंप ने एक और कार्यक्रम में कहा था, “मैंने हमेशा महसूस किया है कि हमारे देश में सबसे सक्षम और कुशल लोग होने चाहिए। हमें सक्षम लोगों की जरूरत है, हमें अपने देश में आने वाले स्मार्ट लोगों की जरूरत है, हमें भारी संख्या में लोगों की जरूरत है। हमारे पास ऐसी नौकरियां होंगी जो पहले कभी नहीं थीं।”

विवेक रामास्वामी और मस्क का खुला समर्थन

बता दें कि ट्रंप के दो सबसे करीबी विवेक रामास्वामी और एलन मस्क भी H-1B वीजा का खुल कर समर्थन कर रहे हैं। राष्ट्रपति चुनाव में जीत के बाद ट्रंप ने इन दोनों को डिपार्टमेंट ऑफ गवर्नमेंट एफिशिएंसी (DOGE) का प्रमुख बनाने की घोषणा की थी।

मस्क और रामास्वामी दोनों ने तर्क दिया है कि H-1B वीजा पूरी दुनिया से सर्वश्रेष्ठ प्रतिभाओं को अमेरिका लाने के लिए जरूरी है। साथ ही उन्होंने कहा कि ऐसा नहीं करने पर अमेरिका कई क्षेत्रों में पीछे रह जाता है। इनका साथ भारतीय अमेरिकी डेमोक्रेटिक सांसद रो खन्ना, राजा कृष्णमूर्ति और श्री थानेदार ने भी दिया था।

H-1B पर ट्रंप के रुख के बाद सबसे पहले ट्रंप समर्थकों ने ही विरोध शुरू किया। उनका तर्क था कि यह अमेरिकियों की नौकरियों को खत्म कर रहा है। हालांकि, मस्क और रामास्वामी दोनों ने तुरंत अपना पक्ष रखते हुए H-1B वीजा का समर्थन किया।

इसका विरोध करते हुए गुरुवार को प्रभावशाली डेमोक्रेटिक सीनेटर बर्नी सैंडर्स ने जोर देकर कहा कि ट्रम्प के दोनों करीबी विश्वासपात्र गलत हैं।

उन्होंने कहा, “एलन मस्क और कई अन्य अरबपति टेक कंपनी मालिकों ने तर्क दिया है कि यह कार्यक्रम हमारी अर्थव्यवस्था के लिए महत्वपूर्ण है क्योंकि अत्यधिक कुशल अमेरिकी इंजीनियरों और अन्य तकनीकी कर्मचारियों की कमी है। मैं इससे असहमत हूं।”

सैंडर्स ने गुरुवार को कहा, “H-1B वीजा प्रोग्राम का मुख्य काम ‘सबसे अच्छे और प्रतिभाशाली’ लोगों को नियुक्त करना नहीं है, बल्कि विदेशों से कम वेतन वाले नौकरों के साथ अच्छे वेतन वाले अमेरिकी नौकरियों को बदलना है। वे जितने सस्ते मजदूर को नियुक्त करेंगे, अरबपतियों को उतना ही अधिक पैसा मिलेगा।”

हालांकि, सैंडर्स की पार्टी के सहयोगी कांग्रेसी राजा कृष्णमूर्ति ने सोमवार को उनके फैसले पर असहमति जताई।  उन्होंने कहा, “अमेरिका के पास सबसे बड़ा प्रतिस्पर्धी लाभ हमारा कार्यबल है। H-1B कार्यक्रम दुनिया भर से सबसे अच्छे और प्रतिभाशाली प्रतिभाओं को आकर्षित करता है और इसे मजबूत करता है क्योंकि हम अमेरिकी श्रमिकों में भी निवेश करते हैं.”

बता दें कि बीते दिनों एलन मस्क ने H-1B वीजा का समर्थन करते हुए कहा था, “मैं अमेरिका में इतने सारे महत्वपूर्ण लोगों के साथ हूं, जिन्होंने स्पेसएक्स, टेस्ला और सैकड़ों अन्य कंपनियों को बनाया, जिन्होंने अमेरिका को मजबूत बनाया, और इसका कारण H1B है। मैं इस मुद्दे के लिए लड़ने के लिए तैयार हूं। मैं उस हद तक जाऊंगा, जिसकी आप कल्पना भी नहीं कर सकते.”

इसके अलावा ट्रंप के एक और सहयोगी विवेक रामास्वामी ने कहा था, “शीर्ष तकनीकी कंपनियां अक्सर ‘मूल’ अमेरिकियों की तुलना में विदेश में जन्मे और पहली पीढ़ी के इंजीनियरों को हायर करती हैं, इसका कारण जन्मजात अमेरिकी IQ की कमी (एक आलसी और गलत व्याख्या) नहीं है। इसका एक महत्वपूर्ण हिस्सा C-शब्द है: संस्कृति। कठिन सवालों के लिए कठिन जवाब चाहिए और अगर हम समस्या को ठीक करने के बारे में वास्तव में गंभीर हैं, तो हमें सच्चाई का सामना करना होगा।”

भारतीय मूल के सांसदों का समर्थन

भारतीय अमेरिकी कांग्रेसी खन्ना ने न्यूजवीक को बताया कि अमेरिका दुनिया की सबसे प्रतिभाशाली प्रतिभाओं को अपनी ओर आकर्षित करने वाला चुंबक है।

उन्होंने कहा, “चीन के साथ प्रतिस्पर्धा करने के लिए, हम सर्वश्रेष्ठ इंजीनियरों की जरूरत है। लेकिन H-1B कार्यक्रम का दुरुपयोग किया गया है। इसलिए मैं यह सुनिश्चित H-1B वीजा में सुधार की जरूरत को समझता हूं।”

एक और डेमोक्रेटिक सांसद श्री थानेदार ने भी इस मुद्दे पर अपनी राय रखते हुए कहा, “सभी अमेरिकी अमेरिका को महान बनाते हैं, जिसमें अप्रवासी भी शामिल हैं। हमें H1B को दस गुना बढ़ाना चाहिए और देश के कोटे को खत्म करना चाहिए। इस तरह आप अमेरिका को अब तक का सबसे महान बना सकते हैं।”

First Published - January 3, 2025 | 8:12 AM IST

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