अमेरिका ने उन खबरों को खारिज कर दिया है, जिसमें दावा किया जा रहा था कि पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल सैयद आसिम मुनीर को अमेरिकी सेना के 250वें स्थापना दिवस के सैन्य परेड में आमंत्रित किया गया है। अंग्रेजी समाचार पत्र द हिंदू की रिपोर्ट के मुताबिक, व्हाइट हाउस के एक अधिकारी ने स्पष्ट किया कि यह खबर गलत है। उन्होंने कहा, “किसी भी विदेशी आर्मी लीडर को 250वें स्थापना दिवस के सैन्य परेड में आमंत्रित नहीं किया गया है।”
यह बयान उन दावों के बाद आया है, जिनमें कहा गया था कि जनरल मुनीर 14 जून को होने वाले इस समारोह में शामिल होने के लिए 12 जून को वॉशिंगटन, डीसी पहुंचेंगे। बता दें कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप का 79वां जन्मदिन भी 14 जून को ही है।
हालांकि, इन खबरों के बावजूद, यह यात्रा सतही तौर पर औपचारिक लगती है, लेकिन इसके पीछे गहरे रणनीतिक मायने हैं। माना जा रहा है कि अमेरिका इस मौके का इस्तेमाल पाकिस्तान पर भारत के खिलाफ सक्रिय आतंकी समूहों पर कार्रवाई करने के लिए दबाव बनाने के लिए करेगा। खासकर 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत भारत की जवाबी कार्रवाई के बाद दोनों देशों के बीच तनाव काफी बढ़ गया है।
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अमेरिका को पाकिस्तान और चीन के बीच बढ़ते आर्थिक और सैन्य रिश्तों पर चिंता है, खासकर चाइना-पाकिस्तान इकोनॉमिक कॉरिडोर (CPEC) और बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (BRI) के जरिए। पाकिस्तान लिथियम, तांबा, सोना और दुर्लभ खनिजों जैसे क्षेत्रों में विदेशी निवेश चाहता है, लेकिन वह चीन के अधिक कर्जे वाले मॉडल को दोहराने से बचना चाहता है, जिसने उसके कर्ज के बोझ को काफी हद तक बढ़ाया है। 14 मई को अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने पाकिस्तान को विस्तारित कोष सुविधा के तहत 1.023 बिलियन डॉलर की किश्त दी थी। यह राशि ऑपरेशन सिंदूर के बाद नई दिल्ली और इस्लामाबाद के बीच बनी सहमति के बाद दी गई।
पाकिस्तान के वित्त मंत्री मुहम्मद औरंगजेब ने 10 जून को वित्त वर्ष 2025-26 का राष्ट्रीय बजट पेश किया, जिसमें रक्षा खर्च में 20 प्रतिशत की बढ़ोतरी की गई है, जो अब 2.55 ट्रिलियन रुपये (9 बिलियन डॉलर) है। यह बढ़ोतरी भारत के साथ सीमा पर हाल के तनावों के मद्देनजर सुरक्षा चिंताओं को दर्शाती है।
गौरतलब है कि पाकिस्तान की सरकार ने इस साल कुल बजट 17.573 ट्रिलियन रुपये (62 बिलियन डॉलर) का बजट पेश किया है, जो पिछले साल की तुलना में 6.9 प्रतिशत कम है। सैन्य पेंशन, जो 563 बिलियन रुपये (1.99 बिलियन डॉलर) है, को रक्षा बजट से अलग रखा गया है।
पाकिस्तान का सार्वजनिक कर्ज इस वित्त वर्ष के पहले नौ महीनों में 76,000 बिलियन रुपये तक पहुंच गया है। एशियाई विकास बैंक के अनुसार, 2024 में क्षेत्रीय औसत 5.8 प्रतिशत की तुलना में पाकिस्तान की GDP केवल 2.7 प्रतिशत रहने का अनुमान है।