Trump Harvard ban: हार्वर्ड यूनिवर्सिटी (Harvard University) में पढ़ाई करने की योजना बना रहे विदेशी छात्रों के लिए बुरी खबर है। ट्रंप सरकार ने हार्वर्ड में पढ़ाई का सपना देख रहे विदेशी छात्रों के एडमिशन पर रोक लगा दी है। अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप (Donald Trump) ने हार्वर्ड विश्वविद्यालय में पढ़ने के इच्छुक लगभग सभी विदेशी छात्रों का देश में प्रवेश रोकने के लिए एक शासकीय आदेश पर साइन किए हैं।
बता दें कि ट्रंप सरकार (Trump Government) का कदम ‘आइवी लीग स्कूल’ से अंतरराष्ट्रीय छात्रों को दूर रखने का उनका नया प्रयास है। ‘आइवी लीग’ हार्वर्ड विश्वविद्यालय समेत अमेरिका के आठ प्रतिष्ठित निजी विश्वविद्यालयों का समूह है।
ट्रंप ने बुधवार को एक शासकीय आदेश पर साइन किए जिसमें घोषणा की गई है कि हार्वर्ड को मैसाचुसेट्स के कैम्ब्रिज स्थित अपने परिसर में विदेशी छात्रों को दाखिला देने की अनुमति देना राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा होगा। ट्रंप ने आदेश में लिखा, ‘‘मैंने यह तय किया है कि उक्त वर्णित विदेशी नागरिकों के वर्ग का प्रवेश अमेरिका के हितों के लिए हानिकारक है क्योंकि मेरे विचार में हार्वर्ड के आचरण ने इसे विदेशी छात्रों और शोधकर्ताओं के लिए अनुपयुक्त गंतव्य बना दिया है।’’
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भारत अमेरिका में अंतरराष्ट्रीय छात्रों का सबसे बड़ा सोर्स है। एकेडमिक वर्ष 2023–24 में 3.31 लाख से अधिक भारतीय छात्र नॉमिनेटिड थे। इनमें से बड़ी संख्या में छात्र हार्वर्ड जैसी आइवी लीग संस्थानों में पढ़ाई के लिए अप्लाई करते हैं।
इस फैसले का भारतीय छात्रों पर कई तरह से असर पड़ सकता है:
1. जो छात्र हार्वर्ड में पढ़ाई का सपना देख रहे हैं, उन्हें वीज़ा मिलने में देरी या नामंजूरी का सामना करना पड़ सकता है। भले ही उनका एडमिशन हो चुका हो और फीस भी भर दी हो।
2. वर्तमान में हार्वर्ड में पढ़ रहे भारतीय छात्रों का वीज़ा स्टेटस खतरे में पड़ सकता है और उन्हें देश छोड़ने के लिए कहा जा सकता है।
3. इस अनिश्चितता के चलते स्कॉलरशिप और प्लेसमेंट के अवसर भी प्रभावित हो सकते हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि कानूनी स्थिति और क्लास अटेंडेंस को लेकर स्थिति स्पष्ट नहीं है।
4. छात्रों के माता-पिता और अभिभावकों को फीस रिफंड, सुरक्षा और भविष्य की योजना को लेकर भ्रम की स्थिति का सामना करना पड़ सकता है।
यह देश के सबसे पुराने और सबसे धनी विश्वविद्यालय के साथ ‘व्हाइट हाउस’ (अमेरिका के राष्ट्रपति का आधिकारिक आवास एवं कार्यालय) के टकराव की दिशा में एक और कदम है। बोस्टन की एक संघीय अदालत ने हार्वर्ड में अंतरराष्ट्रीय छात्रों पर रोक लगाने से गृह सुरक्षा विभाग को पिछले सप्ताह रोक दिया था लेकिन ट्रंप का आदेश एक अलग कानूनी प्राधिकार का इस्तेमाल करता है।
ट्रंप ने एक व्यापक संघीय कानून का हवाला दिया है जो राष्ट्रपति को उन विदेशियों को रोकने का अधिकार देता है जिनका प्रवेश ‘‘अमेरिका के हितों के लिए हानिकारक’’ हो सकता है। उन्होंने बुधवार को इसी प्राधिकार का हवाला देते हुए यह भी घोषणा की कि 12 देशों के नागरिकों के अमेरिका आने पर रोक रहेगी तथा सात अन्य देशों के नागरिकों पर भी कुछ पाबंदियां होंगी।
ट्रंप के हार्वर्ड संबंधी आदेश में कई अन्य कानूनों का भी हवाला दिया गया है जिनमें आतंकवादी संगठनों से जुड़े विदेशियों पर प्रतिबंध लगाने वाला कानून भी शामिल है।
हार्वर्ड ने बुधवार रात एक बयान में कहा कि वह ‘‘अपने अंतरराष्ट्रीय छात्रों की सुरक्षा करना जारी रखेगा।’’ विश्वविद्यालय के अधिकारियों ने कहा, ‘‘यह हार्वर्ड के प्रथम संशोधन अधिकारों का उल्लंघन करते हुए प्रशासन द्वारा उठाया गया एक और अवैध प्रतिशोधात्मक कदम है।’